मुट्ठ मार के लंड चूसा फिर फड़वाई बुर
(College Sex Xxx Girl Kahani)
कॉलेज सेक्स Xxx गर्ल कहानी मेरी ही है. मैं कॉलेज में एक बिंदास आवारा लड़की मानी जाती हूँ। एक दिन मेरा क्लास फेलो मेरे घर आ गया. मैंने उसका लंड चूस कर अपनी चूत भी चुदवा ली.
यह कहानी सुनें.
मेरा नाम अलका है।
मैं इस समय 22 साल की हूँ, खूबसूरत हूँ, हॉट हूँ और बोल्ड भी हूँ.
मैं किसी से नहीं डरती, अपने मन की रानी हूँ मैं … जो मन में आता है वो करती हूँ और मैं झांट किसी की परवाह नहीं करती।
मैं कॉलेज में एक बिंदास आवारा लड़की मानी जाती हूँ।
मेरे पास किसी की बेकार बातें सुनने का टाइम बिल्कुल नहीं है।
मैं काम की बात सुनती हूँ बाकी कुछ भी नहीं।
मुझे गालियां देने का गज़ब का शौक है।
मैं यह शौक अपने दोस्तों के साथ अपने कॉलेज के लड़कों लड़कियों से साथ और अपनी नजदीकी रिश्तेदारों के साथ पूरा करती हूँ।
लड़के तो मेरी गालियां सुनने के लिए मेरे आगे पीछे घूमते हैं।
मैं खुले आम किसी की भी माँ बहन चोद देती हूँ और मुझे रोकने वाला कोई नहीं होता!
एक बात और बता दूँ आपको दोस्तो कि मुझे सेक्स का जबरदस्त शौक है।
सेक्स करना, सेक्स की कहानियां पढ़ना, सेक्स की फ़िल्में देखना और सेक्स की बातें करना मुझे बहुत अच्छा लगता है।
यह कॉलेज सेक्स Xxx गर्ल कहानी मेरी ही चूत चुदाई की है.
कोई मुझसे सेक्स की बातें घंटों करता रहे तो मैं कभी थकूँगी नहीं, लगातार बातें करती रहूंगी।
मुझे लण्ड, बुर, चूत, भोसड़ा, चोदा चोदी, पेला पेली की बातें बहुत अच्छी लगती हैं.
लण्ड पकड़ने की, लण्ड चूमने चाटने और चूसने की बातें ज्यादा अच्छी लगती हैं।
लण्ड का मुट्ठ मारने के बातें तो बिना रुके कई घंटों तक कर सकती हूँ मैं!
मुझे लण्ड की मुट्ठ मारने का बहुत बड़ा शौक है।
मुट्ठ मार के मैं लण्ड पीती जरूर हूँ।
मैं आज से नहीं अपनी 19 साल की उम्र से लण्ड की मुट्ठ मार रही हूँ।
लड़के को नंगा करके खड़ा कर देती हूँ, उसके सामने स्टूल पर मैं बैठ जाती हूँ तो लण्ड मेरे मुंह के सामने आ जाता है।
फिर एक हाथ से पेल्हड़ थाम लेती हूँ दूसरे हाथ से लण्ड बड़े प्यार से मुट्ठी में ले लेती हूँ। फिर लण्ड ऊपर नीचे आगे पीछे करने लगती हूँ।
मैं उसके सामने अपनी मस्त मस्त बड़ी बड़ी चूचियाँ खोल देती हूँ।
फिर मैं गन्दी गन्दी बातें करती हुई, गालियां बकती हुई मुट्ठ मारने लगती हूँ।
मैं अपना मुंह लण्ड के सामने खोल देती हूँ, लण्ड का वीर्य अपने मुंह में गिरवा लेती हूँ और उसे गटक जाती हूँ।
फिर लण्ड का टोपा चाट चाट कर उसे लाल कर देती हूँ।
जब से मैं लण्ड पी रही हूँ तब से आज तक कभी बीमार नहीं हुई।
बुखार तक नहीं आया मुझे कभी!
मैं बिल्कुल स्वस्थ हूँ.
मेरी चूचियाँ बुरचोदी दूनी हो गयी हैं और दिन पर दिन बढ़ती ही जा रही हैं।
मेरे चेहरे पर निखार आ गया है और मेरी खूबसूरती भी बढ़ती जा रही हैं।
लण्ड पीना मेरे लिए एक टॉनिक है।
एक बड़ी मजे की बात बता रही हूँ आपको दोस्तो कि लण्ड की आँखें होती हैं, लण्ड के कान होते हैं, लण्ड तो अपने आप में एक जीता जागता पुरुष है यार!
इसीलिए मैं हर एक लण्ड से प्यार करती हूँ।
मैं आपको बता दूँ कि मैं यहाँ मुंबई में एक फ्लैट में रहती हूँ और यहीं पढ़ाई करती हूँ।
मेरी फॅमिली नागपुर में रहती है।
एक दिन अचानक किसी ने डोर बेल बजा दी।
मैंने दरवाजा खोला तो सामने एक लड़का खड़ा था।
तो मैंने देखा कि राजेश, मेरा क्लास फेलो, बाहर खड़ा है।
मैंने कहा- अरे यार तुम राजेश बहुत दिनों के बाद दिखाई पड़े, आओ अंदर आ जाओ।
मैं उसे देख कर बहुत खुश हुई।
मैंने अंदर से व्हिस्की निकाली और हम दोनों पीने लगे।
अब तक मैंने सोच लिया था कि आज तो मैं इसका लण्ड पकड़ कर जरूर देखूंगी।
आज तो मुट्ठ मार कर लण्ड पीने का मन है।
मैं उससे बड़े प्यार से बातें करने लगी।
मैंने पूछा- राजेश तुम एक मर्द हो. तुम्हें कॉलेज में सबसे अच्छी लड़की कौन लगती है?
वह बोला- वैसे तो कई लड़कियां हैं पर नेहा, रूपा और पूजा मुझे ज्यादा अच्छी लगतीं हैं। इन सबसे ज्यादा अच्छी तो तुम लगती हो मुझे, यार!
आय हाय … मैं खुश हुई कि चलो कोई तो मुझे चाहता है.
“अरे … तुम ‘कोई’ की बात कर रही हो …लड़के तेरे नाम ले ले कर अपना सहलाते रहते हैं।”
“क्या सहलाते रहते हैं? खुल कर बताओ न यहाँ कौन भोसड़ी वाली बैठी है। शर्मा क्यों रहे हो?”
“अरे यार, अपना लण्ड सहलाते रहते हैं और क्या?”
“तो बस सहलाते ही हैं या और भी कुछ करते हैं?”
“और कर भी क्या सकते हैं? रात में सब साले लड़कियों का नाम ले ले कर अपने अपने लण्ड का मुट्ठ मारते हैं। तेरा नाम का सड़का मारते हैं और सुबह सबको बताते हैं. सबसे ज्यादा तो विशाल सड़का मारता है।”
“क्यों तुम नहीं मारते हो मुट्ठ?”
“हां यार, मैं भी मारता हूँ मुट्ठ! मैं भी लड़कियों के नाम ले ले कर मुट्ठ मारता हूँ। तुम्हारा नाम ज्यादा लेता हूँ।”
“अच्छा अगर ऐसी बात है तो आज मैं मारूंगी तेरे लण्ड का मुट्ठ … मुट्ठ मार कर लण्ड का पियूँगी वीर्य! आज मैं देखूंगी कि कितना स्वादिस्ट है तेरा लण्ड!”
“एक बात बताऊँ अलका? लण्ड तो विभा मेम भी खूब पीती हैं। मेरा लण्ड पीती हैं वे!”
“अच्छा तो क्लास की कौन कौन सी लड़कियां पीती हैं तेरा लण्ड?”
“रिहाना और मरियम दोनों पीती हैं मेरा लण्ड!”
फिर मैं अपने आपको रोक नहीं सकी।
मैं उठी और राजेश को अपने गले लगा लिया और उसके कपड़े खोलने लगी और अपने कपड़े भी उतारने लगी।
हम दोनों खूब नशे में थे।
उसका लण्ड जब मेरे हाथ में आया तो मैं झूम उठी।
मेरे मुंह से निकला- वाह क्या लौड़ा है तेरा भोसड़ी का? एकदम घोड़े का लण्ड लग रहा है। बड़ा मज़ा आएगा इसका मुट्ठ मारने में!
मैं लण्ड को बार बार चूम चूम कर बड़े गौर से देखने लगी और पेल्हड़ भी चूम कर थोड़ी मस्ती करने लगी।
वह भी मेरी चूचियों पर जुट गया बोला- यार, तेरी चूचियाँ तो विभा की चूचियों से बड़ीं हैं और सुडौल भी!
मैंने बड़े प्यार से लण्ड अपने पूरे नंगे बदन पर घुमाया।
मेरी प्यास बढ़ती जा रही थी।
मैंने उसे टेबल पर बैठा दिया और खुद कुर्सी पर बैठ गयी।
फिर मेरा मुंह उसकी जाँघों के बीच घुस गया और मैं मस्ती से लण्ड चूसने लगी।
झांटें उसकी एकदम साफ़ थी तो लण्ड बड़ा हैंडसम लग रहा था।
उसके बाद मैंने बाएं हाथ से पेल्हड़ थाम लिया, दाहिने हाथ से लण्ड पकड़ा और मारने लगी सड़का।
यानि मारने लगी मुट्ठ!
मैं धीरे धीरे अपनी स्पीड बढ़ाने लगी और वह सिसियाने लगा।
मैंने कहा- वॉव … लण्ड मादरचोद बड़ा गज़ब का है तेरा। मोटा भी है और सख्त भी!
मैं खुद लण्ड से बातें करने लगी।
मैंने कहा- लण्ड मियां अब निकाल दे अपना मक्खन भोसड़ी के … तेरी बहन की बुर!
बीच बीच में मैं लण्ड पर थप्पड़ भी मारने लगी, बोली- हाय मेरे राजा, तू बड़ा हरामजादा है। जल्दी से निकाल दे माल नहीं तो मैं तेरी माँ चोद दूँगी। तू मुझे और परेशान न कर! ज्यादा मुझे तंग करेगा तो मैं तुझे अपनी चूत में डाल कर भून डालूंगी।
मैं रफ़्तार बढ़ाने लगी और चप्प चप्प, पच्च पच्च की आवाज़ निकलने लगी, उसके टोपे से लार टपकने लगी।
मैं उसे जबान निकाल कर चाटने भी लगी।
मेरी निगाह लण्ड के टोपे पर थी।
वह बोल रहा था- हाय रे … अब निकल जाऊंगा यार! आ हो हे हां … और तेज तेज मारो सड़का … और जल्दी जल्दी करो यार! मेरी बुरचोदी अलका … तेरी माँ का भोसड़ा … तू बिल्कुल कुतिया है भोसड़ी वाली। रंडी है तू बिल्कुल। वॉव ओ हो ही हीं … ऊँ हूँ ये हो हाय रे … ओ हे हो आ … आहा उई होआ हां हो हां। ले बुर चोदी पी ले मेरा लण्ड!
उसके लण्ड ने उगल दिया सारा वीर्य मेरे मुंह में … जिसे मैं फ़ौरन गटक गयी और सुपारा चाटने लगी।
फिर मैं उसे आहिस्ते से बाथ रूम ले गयी।
मैंने उसको कपड़े पहनने नहीं दिया बल्कि नंगा रखा।
मेरी चूचियाँ तो खुली थीं ही!
फिर मैंने अपना पेटीकोट उतार दिया और हो गई उसके आगे एकदम नंगी।
हम दोनों ने नंगे नंगे ही खाना खाया और मस्ती से खूब गन्दी गन्दी बातें की।
इतने में उसका लण्ड साला फिर खड़ा होने लगा।
मैंने उसे पुचकारा, हिलाया चुम्मी ली तो लण्ड तन कर फिर हिनहिनाने लगा।
तब मैंने कहा- राजेश, अब तेरा लण्ड फाड़ेगा मेरी बुर!
राजेश ने मुझे अपने नंगे बदन से चिपका लिया।
मैं उसे बेड पर ले गयी।
वह मेरी चिकनी बुर चाटने लगा और मैं उसका चिकना लण्ड फिर चाटने लगी।
कुछ देर बाद मैंने कहा- यार राजेश, अब बर्दाश्त नहीं हो रहा। अब पेल दो लण्ड मेरी चूत में और फाड़ डालो मेरी बुर!
वह तो ताव में था ही … उसने गच्च से घुसा दिया लण्ड और घपाघप चोदने लगा।
मैंने पूछा- क्या मरियम और रिहाना की बुर भी इसी तरह चोदते हो तुम?
वह बोला- अरे यार, ये दोनों मेरा लण्ड पीतीं हैं, चुदवाती नहीं है। लण्ड पी कर भाग जाती हैं. चुदवाती किसी और से होंगी?
मैंने कहा- तो क्या तुमने अभी तक किसी को चोदा नहीं?
वह बोला- हां नहीं चोदा! अभी तक किसी को नहीं चोदा। पहली बार तुम्हें चोद रहा हूँ अलका!
मैंने कहा- यार तो फिर चोदना तुमने सीखा कहाँ से?
वह बोला- ये सब में पोर्न फिल्म से सीखा और कहानियां पढ़ पढ़ कर सीखा। बाकी जो बचा हो वो तुम सिखा दो यार?
मैंने कहा- मैं तुम्हें सब कुछ सिखा दूँगी मेरे राजा।”
उत्तेजित मैं भी थी और वह भी!
फिर हम दोनों लगभग एक साथ ही झड़ गए।
तो दोस्तो, कैसी लगी आपको मेरी कॉलेज सेक्स Xxx गर्ल कहानी?
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लेखक की पिछली कहानी थी: चुदक्कड़ अम्मी ने बेटियों को लण्ड की शौकीन बना दिया
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