जीजा जी की बहन की चूत चुदाई- 3
(College Ki Ladki Ko Choda)
कॉलेज की लड़की को चोदा मैंने उसी के घर की छत पर रात को. वह मेरे जीजा की बहन थी. एक शादी में मैंने उसे सेट किया था. उसके बाद उसे सेक्स के लिए राजी किया था.
कहानी के पिछले भाग
जीजू की बहन की चूत मारने की तैयारी
में आपने पढ़ा था कि रिया ने मुझे एक दिन पहले आने को कहा तो मैंने तरकीब लगाईं और एक दिन पहले ही उसके घर पहुँच कर रिया को एकदम से चौंका दिया था.
अब आगे कॉलेज की लड़की को चोदा:
मैंने उससे कहा- तुमने मुझे याद किया होगा. तभी तो मुझे आना पड़ा.
रिया बोली- अच्छा जी!
ऐसे ही बातें करते हुए मैंने एकदम से उसके होंठों पर अपने होंठों को रख दिया.
रिया जल्दी से पीछे हट गई और बोली- क्या कर रहे हो तुम?
मैंने कहा- मुझे जो चाहिए, वो ले रहा हूं. अपनी शर्त याद रखो.
रिया बोली- वो ठीक है … मगर अभी कोई भी आ सकता है, तो अभी बातें कर लो.
मैंने कहा- तुमको देख कर बातें करने का नहीं … कुछ और करने का मन हो रहा है!
रिया बोली- थोड़ी देर और रुक जाओ, फिर जो करना है कर लेना.
मैं भी ज्यादा नहीं बोला.
रिया पढ़ने लगी और मैं उसको देखने लगा.
तभी रिया बोली- तुम कहां सोओगे?
मैंने कहा- छत पर.
रिया बोली- अभी तुम यहां रहोगे तो मुझसे पढ़ा ही नहीं जाएगा. तुम ऊपर जाओ आराम करो, मैं कॉल कर दूंगी.
उसकी बात मान कर मैं ऊपर बिस्तर बिछा कर लेट गया और सोचने लगा कि कैसे कैसे करूँगा.
मैं कब सो गया, कुछ पता ही नहीं चला.
करीब 12 बजे रिया आई.
उसने मुझे उठाया और नीचे जाने को बोलने लगी पर मैंने उसका हाथ पकड़ कर अपनी तरफ खींच लिया.
हवा भी मस्त चल रही थी.
अब वो मेरे ऊपर थी.
मैं उसके होंठों को चूमने लगा.
उसके होंठ बहुत ही मुलायम मखमली थे.
मैं जोर जोर से रिया के होंठों के रस को चूस जा रहा था. वो भी मेरा साथ दे रही थी.
थोड़ी देर ऐसे ही किस करते हुए समय बीता.
रिया बोली- चलो रूम में चलते हैं?
मैंने कहा- यहीं खुले आसमान के नीचे करते हैं. बहुत मज़ा आएगा.
रिया मुस्कुरा कर बोली- ठीक है.
अब मैंने रिया को पेट के बल लेटा दिया और उसके ऊपर खुद भी पेट के बल लेट गया.
मैं उसके कपड़ों के ऊपर से ही लंड रगड़ रहा था और पीछे से ही गर्दन को जोर जोर से चूमने लगा.
कभी रिया के कानों को चूमता चाटता, तो कभी उसकी पीठ को चूमता.
रिया धीरे धीरे गर्म हो रही थी और उसने कामुक सिसकारियां भी भरना चालू कर दी थीं.
मैं रिया के पूरे बदन पर हाथ फेरने लगा और पीछे से रिया की टी-शर्ट को ऊपर करके उसकी पीठ को कभी चूमता तो कभी जीभ से चाटने लगता.
इससे रिया और भी मदमस्त होती जा रही थी.
कुछ देर बाद ऐसे ही करते हुए मैंने रिया की कैप्री को भी निकाल दिया और ऊपर से टी-शर्ट को भी निकाल दिया.
रिया ने मुझे एक दो बार रोकने की कोशिश भी की पर मैं कहां मानने वाला था.
अब वह लाल रंग की ब्रा पैंटी में थी और ऊपर से पूरे चाँद की रोशनी में उसका बदन साफ चमक रहा था.
उसका कंचन सा बदन देख कर मैं और भी उत्तेजित होने लगा.
मैंने रिया से कहा- तुम तो हुस्न की मलिका हो यार … इतना गोरा बदन!
रिया बोली- आज ये सब तुम्हारा है. जो करना है, करो!
मैंने पूछा- लास्ट टाइम सेक्स कब किया था?
रिया बोली- हो गए 8 महीने.
मैं समझ गया कि ये अभी फुल टाइट माल है. इसको चोदने में बहुत मज़ा आएगा.
मैंने रिया को सीधा किया और उसके ऊपर दुबारा आ गया.
अब उसका चेहरा मेरे चेहरे के सामने था, रिया शर्मा भी रही थी.
मैं दुबारा से उसके होंठों को जोर जोर से चूमने लगा.
उसके हाथ बहुत ही रसीले थे.
साथ ही मैं अपने एक हाथ को उसकी ब्रा के ऊपर से ही चूचों को दबाने लगा जिससे रिया की उत्तेजना और भी ज्यादा होने लगी.
उधर रिया का हाथ मेरी टी-शर्ट के अन्दर था और वह मेरी पीठ को सहला रही थी.
कुछ पल बाद मैंने रिया की पैंटी को भी उतार दिया और ब्रा को नीचे खिसका दिया.
आह क्या चूचे थे … और नीचे चूत एकदम साफ थी, बाल बिल्कुल भी नहीं थे.
रिया पहले से ही पीठ के बल लेटी हुई थी.
वह अभी भी शर्मा रही थी और उसने अपने हाथों से चूत को ढक रखा था.
मैंने उसका हाथ पकड़ा और हाथ को चूत की जगह से हटा दिया.
उसकी चूत देख कर मेरा मन चुदाई करने को होने लगा. उसकी चूत थी ही ऐसी कि लग रहा था कि अभी ठीक से चुदाई भी नहीं हुई हो.
ऊपर से चाँद की चाँदनी में उसका बदन और निखर रहा था.
मैंने कहा- अब तो सहलाओ, जैसे भी करती हो.
वो एक हाथ से अपने चूचे को सहलाती, तो दूसरे से अपने चूत के दाने को.
मैंने जल्दी से उसकी चूत पर थूक लगा दिया और अपने लंड पर भी लगा लिया.
तब मैंने उसको अपना लंड पकड़ा दिया.
उसने हल्का सा आगे होकर मेरे लंड को जैसे ही पकड़ा, मुझे तो मजा ही आ गया.
रिया मेरे लंड को आगे पीछे करने लगी तो मैंने भी उसकी चूत के दाने को रगड़ना शुरू कर दिया.
रिया की और मेरी दोनों ही मस्ती में आवाजें निकलने लगी थीं.
मुझे भी पता था कि अगर ये ऐसे ही करती रहेगी तो मुझे तो टाइम लग जाएगा.
मैंने उसकी दोनों जांघों को पकड़ कर आगे की तरफ खिसकाया और अगले ही पल मैंने उसकी चूत पर मुँह लगा दिया.
मैं जैसे ही उसकी चूत चाटने लगा, तो रिया बोलने लगी- आह ये क्या कर रहे हो … रुको!
पर मैं नहीं रुका.
कुछ ही पलों में जब उसको इस चीज़ से मजा आने लगा तो वो मस्ती में कामुक सिसकारियां लेने लगी और मस्ती में डूबने लगी.
कुछ ही देर तक मैंने उसकी चूत चाटी होगी कि वो कसमसाने लगी.
अब मैंने अपनी जीभ हटा ली और एक उंगली उसकी चूत में जैसे ही डाली, उसने अपनी गांड को ऊपर उठा ली.
मैंने अपनी उंगली को अन्दर बाहर करना जारी रखा.
थोड़ी ही देर में मैंने दो उंगलियों से जैसे ही चूत रगड़ी … तो वो दर्द के मारे कामुक सिसकारियां लेने गई.
वो कराहती हुई बोली- थोड़ा आराम से करो.
पर आराम से करने का टाइम ही नहीं था.
अब मैंने दोनों उंगलियों को अन्दर बाहर करना तेज कर दिया, जिससे रिया की कराह भरी सिसकारियां और तेज होने लगीं- अअह … ओह्ह …
मस्ती के कारण उसकी आंखें बंद हो रही थीं और वो दोनों हाथों से अपने चूचों को दबाए जा रही थी.
मैंने रिया की टांगें पकड़ कर अगल अलग फैला दीं और उसकी चूत पर थूक लगा दिया.
वो ये सब देख रही थी और उसकी आंखों में वासना का नशा भरा हुआ था.
मैंने उसे देखते हुए अपने लंड को भी बहुत सारा थूक लगा दिया.
उसके बाद मैं उसकी चूत के दाने को लगातार सहलाने लगा था.
फिर मैं उसके ऊपर आ गया और उसके होंठों को चूमने चूसने लगा.
मेरा लंड उसकी चूत से रगड़ खा रहा था जो उसको भी अच्छा लग रहा था.
मैंने अपने कपड़े भी उतार कर एक तरफ रख दिए.
कुछ देर तक मैं उसके होंठों को अपने होंठों से चूसता रहा और रिया की चूत पर लंड को छेद पर रख कर जल्दी से एक धक्का मार दिया.
इस हल्के से धक्के से मेरा थोड़ा सा ही लंड उसकी चूत में गया होगा कि उसकी तेज आवाज निकलने को हुई.
मगर उसकी आवाज मेरे मुँह में ही घुट कर खत्म हो गई.
रिया को दर्द हो रहा था. वह मुझसे छूटने की कोशिश कर रही थी.
लेकिन मैं रुका नहीं और हल्के हल्के धक्के मारता रहा.
इससे मेरा लंड धीरे धीरे रिया की चूत की गहराई में घुसता जा रहा था.
रिया मुझसे छूटने की बहुत कोशिश कर रही थी क्योंकि उसको बेहद तेज दर्द हो रहा था.
रुकने की बजाए मैंने अपनी स्पीड थोड़ी तेज कर दी, जिससे थोड़ी ही देर में उसको जो दर्द हो रहा था, वो मजे में बदलने लगा.
अब रिया अपनी गांड उठा उठा कर ऊपर की तरफ धकेल रही थी.
मैं आगे की तरफ होकर रिया की चुदाई जोर जोर से करने लगा और साथ ही उसके गोरे गोरे चूचों को चूसता और मसलता जा रहा था.
कुछ देर बाद मैंने उसको घोड़ी वाले पोज़ में खड़ा कर दिया.
पहले वो डरी की कोई उसको देख लेगा.
चूंकि सीढ़ी से आने पर वहां एक बड़ी दीवार थी जो पीछे की तरफ थी. उसकी वजह से कोई देख ही नहीं सकता था.
मैंने रिया को वो बताया तो वो शांत हो गई.
मैंने उसके पीछे से उसकी चूत में लंड डाल दिया और उसकी चुदाई शुरू कर दी.
कुछ देर तक मैं ऐसे ही चुदाई करता रहा.
इस बीच कभी मैं पीछे से उसके चूचों को पकड़ कर दबाता तो कभी उसके बाल पकड़ कर पीछे को खींचता.
उस समय फुल स्पीड में रिया की चुदाई हो रही थी.
रिया की हालत काफी खराब थी.
चुदाई करवाते हुए रिया की आवाजें और तेज तेज निकल रही थीं.
हम दोनों ही छत की खुली हवा और ठंडक के बावजूद पसीने में तर हो गए थे.
कुछ ही पल ऐसे ही चोदने के बाद रिया की और जोर जोर से आवाजें निकलने लगीं- अअहह … ओह … चोदो और जोर से आह और जोर जोर से चोदो.
मैं उसकी चुदाई करने में धकापेल लगा हुआ था कि कुछ ही पलों में रिया की चूत का सारा पानी निकल गया और वह शांत हो गई.
लेकिन मुझे पता था कि मुझे अभी निकलने में टाइम लगेगा.
मैं रिया को फिर से बिस्तर पर ले गया और उसको पेट के बल लेटा दिया.
मैंने उसकी टांगें खोलीं और अपना लंड उसकी चूत में डाल दिया.
मैं अब उसको पीछे से चोद रहा था.
रिया का पानी निकलने के बाद भी वो बस लेटी हुई थी और मैं जोरों से उसकी चूत की चुदाई किए जा रहा था.
कुछ देर ऐसे चोदते हुए जब मुझे लगा कि मेरा पानी निकलने वाला है तो फिर मैंने लंड को बाहर निकाला और सारा माल नीचे गिरा कर उसके ऊपर ही लेट गया.
कुछ देर बाद मैंने रिया से पूछा- कैसा लगा फर्स्ट राउंड?
रिया बोली- तुमने तो हालत खराब कर दी.
मैंने कहा- अभी तो एक ही बार किया है यार!
रिया बोली- कल मेरा एग्जाम है.
मैंने कहा- मैं कौन सा रोज मिल जाऊंगा!
रिया बोली- ठीक है, पर कुछ देर ऐसे ही रहते हैं.
फिर मैंने कहा- कल तुम कब तक आओगी?
रिया बोली- यही कोई 12 बजे तक.
मैंने कहा- मैं जाऊंगा नहीं, मुझे दीदी ने बताया है कि कल तुम पेपर देने जाओगी, तो घर आने के बाद तुम सबके साथ नहीं जाना. घर में सब मंदिर जाएंगे. उस वक्त कुछ टाइम हम दोनों को और मिल जाएगा.
रिया बोली- बहुत दिमाग चला रहे हो!
मैंने कहा- जहां ज्यादा फायदा हो, फिर तो वहां दिमाग चलना होता ही है.
वो कुछ नहीं बोली.
मैंने रिया से पूछा- कैसा लगा, कभी किया ऐसे सेक्स?
वो बोली- यार, जहां भी किया था … तो डर के मारे मज़ा भी ठीक नहीं आया था. लेकिन तुमने तो मुझे हिला डाला.
मैंने कहा- अभी एक राउंड और है.
कुछ देर बाद मैंने रिया की एक बार फिर से जम कर चुदाई की जिससे वह पूरी तरह से थक गई थी.
इस सबमें रात के 4 बज गए थे.
अब लोगों का उठने का टाइम भी हो जाने वाला था और रिया भी पूरी तरह से थक चुकी थी.
मैं उसको उठा कर उसके रूम में ले गया, उसको लेटा कर एक बार होंठों को चूमा, फिर ऊपर आ गया.
मैं सुबह 7 बजे उठा, रिया मुझे नीचे मिली.
मैंने उसको आंख मारी तो वह हंसने लगी.
वह एग्जाम देने चली गई.
अब जैसा कि मैंने प्लान बनाया था कि मैं घर रुकूँगा, तो रुका भी और रिया को एग्जाम के बाद लेकर भी आया.
फिर रिया नहा कर जब बाथरूम से निकलने ही वाली थी, मैंने उसको बाथरूम में ही घुसा लिया और वहां नहाते हुए उसकी चुदाई करने लगा.
उस समय घर में बस दादा जी थे, जो चल नहीं सकते थे.
मैं बिंदास था.
सब लोग 6 बजे से पहले आने वाले नहीं थे.
मैंने कॉलेज की लड़की को चोदा उस दिन 3 बार हर पोज़ में!
जिससे रिया की संतुष्टि उसके चेहरे पर साफ दिख रही थी.
दोस्तो, ऐसे ही मैंने बाद में भी उसे पेला.
जब भी मैं उसके घर जाता था तो उसको एक बार चोदता जरूर था.
कैसी लगी मेरी कहानी जिसमें मैंने कॉलेज की लड़की को चोदा, जरूर बताइए कमेंट्स में!
लेखक के आग्रह पर इमेल आईडी नहीं दिया जा रहा है.
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