कॉलेज गर्ल की चूत उसके घर जाकर मारी

(College Girl Ki Chut Uske Ghar Jakar Mari)

अन्तर्वासना के सभी पाठकों को मेरा नमस्कार.. मेरा नाम हार्दिक है। मैं पाँच फीट छ: इंच का नॉर्मल सा दिखने वाला लड़का हूँ। मेरा लण्ड साढ़े छ: इंच का है और ये गोलाई में साढ़े तीन इंच मोटा है। मैं अभी 23 साल का एक जवान और हट्टा-कट्टा लड़का हूँ। मैं दिल्ली के ईस्ट ऑफ कैलाश में रहता हूँ।

मैं लगभग चार साल से अन्तर्वासना का नियमित पाठक हूँ। इन सब कहानियों को पढ़ कर मुझे लगा कि मैं भी अपना अनुभव आप सबके साथ बाटूं। मैं अपनी पहली चुदाई के बारे में बताने जा रहा हूँ।

बात मेरे ग्रेजुयेशन के समय की है। मेरे बैच में एक नेहा नाम की लड़की थी.. जो दिखने बेहद हॉट थी। उसके पीछे तो पूरी की पूरी क्लास के लड़के पागल थे। उसकी 32 साइज़ की चूचियाँ और उसकी वो नशीली सी कहर ढाती क़मर.. अय हय.. सारे लड़के उसके दीवाने थे।

एक दिन की बात है.. वो क्लास में अकेले बैठ के रो रही थी और मैंने मौके का फायदा उठाते हुए उसके करीब जाकर उसे सांत्वना देते हुए पूछने लगा।
उसकी बातों से मैंने जाना कि उसका ब्रेकअप हो गया है।
मैं मन ही मन खुश हुआ और उसी मौके का फायदा उठा कर उसके करीब हो गया।

डेढ़-दो महीने नॉर्मल बातें करने के बाद मैंने उसको ‘आई लव यू’ बोल दिया और उसने भी ‘हाँ’ बोल दिया। उसके बाद हम साथ में मूवी देखने वगैरह भी जाने लगे।

एक दिन उसके घर के सभी लोग उसकी कज़िन की शादी में गए थे और नेहा घर पर अकेली थी। उसके साथ सिर्फ़ उसकी दादी थी.. जो सुन नहीं सकती थीं।

मैंने यही सही मौका पाते हुए फोन पर उससे कहा- तुमसे मिलने का मन कर रहा है।
उसने कहा- आ जाओ।

मैं अपनी बाइक निकाल कर उसके घर पहुँच गया। उस वक्त रात के साढ़े नौ बज चुके थे और उसकी दादी सोने के लिए लेट चुकी थीं।
मैंने उसे कॉल किया और उसने मुझे बुला लिया।
मैं उसके घर के अन्दर गया.. वो मुझे ऊपर वाले कमरे में ले गई।
उसके बेडरूम में पहुँते ही मैं उसको होंठ पर चुम्बन करने लगा।
वो छटपटाने लगी.. फिर साथ देने लगी।

दस मिनट के क़िस के बाद उसने खुद को छुड़ाया और मेरे लिए जूस वगैरह ले आई.. पर मैं तो कोई और किस्म का जूस पीने की फिराक में था।

मैं अपने काम में लग गया.. मैंने उसे छेड़ना शुरू कर दिया.. कभी उसकी चूचियाँ दबाता.. तो कभी उसकी जाँघों पर हाथ फेरता.. तो कभी उसकी गर्दन पर किस करता।
लगभग आधे घंटे की मशक्कत के बाद वो भी गरम हो गई और मेरा साथ देने लगी।

मैंने उसे उठा कर बिस्तर पर लिटाया और उसके शरीर को चूमने लगा। धीरे-धीरे अपना हाथ उसके टॉप के अन्दर उसकी ब्रा के ऊपर से उसकी चूचियाँ मसलने लगा।

उसके ऐतराज ना जताने से मुझे मंज़ूरी मिल गई थी। मैंने उसकी ब्रा का हुक खोल दिया और उसका टॉप उतार कर उसकी कोमल चूचियों को निहारने लगा।
कुछ देर देखने के बाद मैं उसकी मदमस्त चूचियों को हाथों में लेकर मसलने लगा और उसकी चूचियों को चाटने लगा।

वो ‘आ.. आह.. उफ़.. आह..’ करने लगी.. तो मुझे और जोश चढ़ने लगा।
मैं और ज़ोर से उसके मम्मे चूसने-चाटने और दबाने लगा, वो मदहोश हो गई।

मैंने अब धीरे से उसकी पजामी में हाथ डाल दिया और उसकी पैन्टी के ऊपर से ही उसकी चूत को सहलाने लगा, वो इतनी गर्म हो चुकी थी कि उसकी पैन्टी उसकी चूत के रस से गीली हो गई थी।

मैंने देर ना करते हुए उसकी पजामी उतार दी। अन्दर उसने लाल रंग की सेक्सी पैन्टी पहन रखी थी। मैंने झट से उसे भी उतार दिया और अपनी टी-शर्ट और जीन्स को भी खोल दिया।
अब मेरे सामने नेहा बिल्कुल नंगी लेटी थी और मैं केवल जॉकी में था।

मैंने उसे अपने लौड़े की तरफ इशारा किया तो वो मादक अंगड़ाई लेते हुए उठी और उसने मेरी जॉकी को उतार दिया।
मेरा लण्ड जो कि उसे सलाम ठोक रहा था.. उसने हाथ में ले लिया और मुझसे पूछने लगी- क्या ये सबका इतना बड़ा होता है.. तुम्हारा इतना मोटा ये मेरे अन्दर कैसे जाएगा और इससे मुझे ज्यादा दर्द तो नहीं होगा?
मैंने उससे कहा- नहीं यार..

वो मेरा लौड़ा सहलाने लगी.. मैं उसकी चूचियों को दबाने लगा।
मैंने उसे लण्ड को मुँह में लेने के लिए कहा.. पर वो मना करने लगी.. तो मैंने उससे कहा- अगर मुँह में नहीं लिया तो तुम्हें दर्द होगा।
तब वो मान गई और मेरा लण्ड धीरे-धीरे मुँह लेने लगी।
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दोस्तों मैं वो एहसास शब्दों में बयान नहीं कर सकता.. कि तब मुझे कैसा लग रहा था।

करीब दस मिनट बाद मैं उसके मुँह में ही झड़ गया.. तभी वो खांसने लगी और थूकने लगी।
मैंने उसे वो मलाई पीने के लिए कहा.. पर वो तब तक पूरी तरह मेरा माल थूक चुकी थी।

फिर मैंने उसे बिस्तर पर लिटा दिया और उसकी चूत में उंगली करने लगा, वो ज़ोर-ज़ोर से सिसकारियाँ लेने लगी, मुझे और जोश चढ़ने लगा और मैं उसकी चूत चाटने लगा।
वो और तेज़-तेज़ सिसकारियाँ ले रही थी- आ.. आह.. उफ़.. आ.. आह.. उफ़.. आ..
वो उत्तेजना में मेरे बालों को पकड़ कर मेरा सर अपनी चूत पर दबाने लगी।

मैं समझ गया कि वो झड़ने वाली है और मैंने चाटना बंद कर दिया.. तब वो मुझे और करने का लिए बोली.. पर तब तक मेरा लण्ड उसकी चूत फाड़ने के लिए तैयार था।
मैंने उससे कहा- अब उससे भी ज्यादा मज़ा देता हूँ।

तब वो सर हिलाते हुए मुस्कुराने लगी.. फिर मैंने उसकी टाँगें चौड़ा कर उसे लिटाया और उसके ऊपर लेट कर अपने लण्ड को उसकी चूत पर टिका कर उससे पूछा- पहले कभी किसी से चुदाई करवाई है?

तो उसने मना किया.. मैं दिल ही दिल में बहुत खुश हुआ कि आज तो उद्घाटन समारोह का मुख्य अतिथि बन गया हूँ।
बस मैंने चूत की दुकान का रिबन काटने की तैयारी करते हुए उसके होंठों को चूमते हुए.. उसकी चूत में अपना लण्ड दाखिल करने लगा।
वो मोटे लौड़े के दर्द से रोने लगी और मुझे दूर को धकेलने लगी.. पर मैंने उसे वैसे ही दबाए रखा।

थोड़ी देर उसका दर्द कम तक मैं उसकी चूचियाँ दबाने और उसकी चूत को सहलाने का काम करता रहा।
।जब वो नॉर्मल हुई.. तो मैंने एक और झटका लगा दिया। मेरे लण्ड का सुपारा बहुत मोटा होने के कारण पहले केवल सुपारा ही चूत की फांकों में गया.. पर इस झटके के साथ ही उसकी सील टूट गई और मेरा आधा लण्ड उसकी चूत में चला गया।

मुझे तो जैसे जन्नत फील हो रही थी.. पर वो दर्द में रो रही थी, वो मुझे हटाने की नाकाम कोशिश कर रही थी। मुझसे उसकी खूबसूरत आँखों में आँसू सहे नहीं जा रहे थेु, मैं कुछ पलों के थम गया।

जैसे ही वो पुनः नॉर्मल हुई.. मैंने अपना तीसरा झटका दिया और उसके मुँह से “ओह माय गॉड.. मैं मर जाऊँगी.. इसे निकालो बाहर.. बहुत दर्द हो रहा है।
यह कह कर वो रोने लगी.. पर इस बार मैं रुका नहीं और मैंने अपने झटके चालू रखे।

पाँच मिनट बाद वो भी मेरा साथ देने लगी। अब उसे दर्द नहीं हो रहा था और वो ज़ोर-ज़ोर से ‘आ.. आह.. उफ़.. आ.. आह.. उफ़..’ करते हुए झड़ गई।

मैं उसे उसी तेज़ी के साथ चोदता रहा.. कुछ देर बाद उसे मैंने उसे डॉगी स्टाइल में चोदा। इसी बीच दो और बार और झड़ चुकी थी। अब करीब बीस मिनट की चुदाई के बाद मैं भी झड़ने वाला था। मैंने अपनी रफ़्तार बढ़ाई और जैसे ही झड़ने वाला था.. मैंने अपना लण्ड निकाला और उसके पेट पर अपना सारा माल गिरा दिया।

झड़ने के बाद मैं उसके साथ वहीं लेटा रहा।

करीब एक घंटे बाद हमने दुबारा चुदाई की और फिर रात को 2 बजे अपने रूम पर आ गया।
उस दिन के बाद मैंने कई बार नेहा की चुदाई की.. बाद में उसकी गाण्ड भी मारी..

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