चूत चुदाई की मेरी पहली सीख
(Choot Chudai ki Meri Pahli Seekh)
हैलो दोस्तो, मेरा नाम रीमा है और इस समय मेरा बी.ए. का प्रथम वर्ष है। अन्तर्वासना पर मेरी यह पहली कहानी है।
मुझे इण्टरनेट का शौक स्कूल से ही हो गया था.. जब मेरे पापा मेरे लिए लैपटॉप लाए थे।
मुझे लैपटॉप चलाना नहीं आता था। मेरी एक सहेली विन्नी थी.. जो मेरे साथ पढ़ती थी..
उसने मुझे लैपटॉप चलाना सिखाया।
वह हमेशा लैपटॉप पर कुछ न कुछ करती रहती थी।
मैंने उससे कहा- यार तू पता नहीं.. इस पर क्या-क्या करती है.. मुझे तो तूने थोड़ा सा ही बताया है कि कैसे क्या करते हैं।
उसने मुझे बताया मैं नेट चला रही हूँ.. इस पर बहुत अच्छी-अच्छी चीजें देखती हूँ.. जो चाहूँ वो देख सकती हूँ।
मैं बोली- अच्छा.. तो मुझे भी बता न?
उसने कहा- ठीक है.. कल रविवार है.. कल आकर नेट चलायेंगे।
अब हम लोग दूसरे दिन मिले।
विन्नी ने मुझे नेट चलाना बताया और साइट को कैसे सर्च किया जाता है.. यह भी बताया।
वह बोली- आज मैं बताती हूँ कि मैं रोज क्या देखती थी।
उसने नेट पर कुछ पोर्न जैसा कुछ लिखा और सर्च किया।
अब मैंने देखा कि लैपटॉप की स्कीन पर कुछ नंगी तस्वीरें आ गईं और वीडियो चलने लगी थी।
उसमें एक लड़का.. एक लड़की का नीचे वाला हिस्सा यानी उसकी चूत चाट रहा था और लड़की मस्ती में ‘आह उस्स्स्ष’ कर रही थी।
एक बात मैं बता दूँ कि अभी तक मुझे सेक्स के बारे में कोई जानकारी नहीं थी.. तब यह सब देख कर मुझे थोड़ा अजीब सा लगा।
मैंने विन्नी से पूछा- यह सब देखती हैं तू.. अभी हम लोगों की उम्र ही क्या है?
विन्नी बोली- धत्त यार.. तू पागल की पागल ही रह जाएगी.. अरी इसी उम्र से तो ये सब करना चाहिए।
मैंने कहा- अच्छा..
‘वैसे.. यार बड़ा मजा आता है।’
‘किसके साथ?’
उसने कहा- जो बारहवीं में पढ़ता है न.. अमित.. उनसे..
‘अरे.. वो तो तुझे इंगलिश की कोचिंग पढ़ाते हैं?’ मैं बोली।
उसने कहा- हाँ यार.. वही कितने हैंडसम लगते हैं न..
मैं बोली- लगते होंगे.. मुझे तो कोई लड़का आज तक अच्छा नहीं लगा।
विन्नी बोली- जो मैंने तुझे साइट बताई हैं न.. उसे देखा कर.. तब सब अच्छा लगेगा।
एक बात और बता दूँ कि मैं देखने में बहुत खूबसूरत हूँ.. मेरा गोरा बदन है और मैं पतली हूँ मेरी चूचियाँ अभी उभार पर हैं और बहुत से लड़के मुझसे बोलना चाहते हैं.. कुछ तो मेरी सुन्दरता देख दाँतों तले ऊँगली दबा लेते हैं।
विन्नी भी मेरी ही तरह है, मेरे क्लास की लड़कियाँ तो हम दोनों को सगी बहन मानती हैं।
अच्छा छोड़ो अब मुद्दे की बात पर आते हैं।
इतनी सुन्दर होने पर भी मुझे किसी लड़के में दिलचस्पी नहीं है।
इस घटना के बाद अब मैं भी इंटरनेट पर पोर्न फिल्म देखने लगी और वहीं जाकर मैं अन्तर्वासना कहानियों से जुड़ी।
अब मेरे मन में भी कुछ हलचल सी होने लगी थी।
एक दिन मैं विन्नी से मिलने उसके घर गई..
उसके घर पर को नहीं दिखाई दिया..
न वो.. न उसके मम्मी-पापा.. दरवाजा भी बन्द था।
मैंने सोचा लगता है.. कहीं रिश्तेदारी में गए हैं।
मैं वापस जाने लगी.. तभी मुझे ‘आह..’ की आवाज सुनाई दी।
मैं चुपचाप दरवाजे के पास पहुँची.. तो आवाजें और तेज सुनाई देने लगीं।
‘अस्स्स…ऊइँइँ अम्म..’
मैंने खिड़की से देखा.. तो मुझे विश्वास नहीं हुआ।
जिस अमित नाम के लड़के की बात वो कर रही थी.. वो घर में था और विन्नी की चड्डी खोल कर नीचे कुछ सहला रहा था।
विन्नी ‘आई उइसीसी..’ कर रही थी।
अमित अब अपना मुँह विन्नी की चूत पर लगा कर चूस रहा था।
अब मैं थोड़ा आगे को सरक गई.. अब मुझे सब कुछ साफ-साफ दिखाई दे रहा था।
विन्नी की लाल बुर अमित पागलों की तरह चूस रहा था और वो मजे में उछल रही थी।
‘अँअँम्म्म.. मम्म.. उहूँ..’ जैसी आवाजें निकाल रही थी।
वास्तव में रियल चुदाई का सीन देखकर अच्छा लग रहा था.. कितना मजे ले रही थी विन्नी..
अब विन्नी उठी और अमित का पैन्ट खोलने लगी और अब अमित सिर्फ अन्डरवियर में था।
ऊपर से ही उसका लंड एकदम भंयकर लग रहा था।
विन्नी बोली- अह्ह्ह.. मुँह में डालो न राजा जी.. अम्म्म..
अब अमित पूरा नंगा हो गया और उसका लंड देख कर मैं दंग रह गई.. यही कोई नौ इंच लम्बा और तीन इंच मोटा था।
मैं तो डर गई.. मैंने सोचा ये तो विन्नी को मार ही डालेगा।
उसका लंड देखकर विन्नी भूखी बिल्ली की तरह टूट पड़ी और अमित का लंड चूसने लगी।
अमित की मजे आँखें बंद होने लगी।
‘हाँ.. हाँ.. चूस मेरी रानी.. आह.. आह.. और चूस..’
विन्नी उसका लवड़ा चूसे जा रही थी।
अमित तेजी उसके मुँह में अपने मूसल लंड को अन्दर-बाहर कर रहा था और उसके सीने पर चढ़कर लंड मुँह में पेल रहा था।
लंड मोटा होने से विन्नी पूरी तरह मुँह में नहीं ले पा रही थी।
‘गूँ गूँ..’ की आवाज से पता चल रहा था कि उसे तकलीफ हो रही थी।
अब झटका तेज था.. कुछ देर बाद मैने देखा कि विन्नी के मुँह से सफेद पानी निकल रहा है और अमित ने मुँह से लंड निकाल लिया।
विन्नी मुँह फुला कर बैठी थी जैसे मुँह में कुछ भरा था।
फिर ‘घुट्ट’ की आवाज के साथ वह सफेद पानी पी गई।
अमित नीचे निढाल पड़ा था।
अब विन्नी ने उसका लौड़ा फिर से चूसना चालू किया।
कुछ देर बाद अमित का लंड फिर पहले जैसी कड़क अवस्था में आ गया।
अब अमित विन्नी को पूरा नंगा कर दिया। अमित के लंड की अपेक्षा विन्नी की बुर एकदम छोटी सी थी।
अमित ने उसे नीचे लिटा दिया और बुर पर लंड का आगे वाला मुलायम भाग रख कर बिना देर किए एक धक्का मारा।
विन्नी तेजी से चिल्लाई- ऊऊ..माँ फट गई मेरी बुर.. आआआ.. नहीं अमित.. मत पेलो.. आहह.. मम्मी बहुत दर्द हो रहा है..
अमित ने इन सब बातों की परवाह नहीं की और एक और फिर से एक झटका मारा।
विन्नी फिर चीखी- न…न…नहीं..
अब अमित ने धक्के लगाना शुरू कर दिए।
कुछ देर बाद विन्नी अमित को पकड़ कर मस्ती में चिल्लाती हुई ‘फक्क मी.. आआह.. आह.. म्म्म्म्म्म और तेज पेलो.. हाँ हाँ.. मेरे अमित राजा.. अअह.. अअअर..रै और तेज चोदो..’ कहने लगी।
मुझे विश्वास नहीं हुआ..
कि जो विन्नी अभी बेहोश होने वाली थी..
वह अमित का इतना बड़ा और मोटा लंड तेजी से अपनी चूत में ले रही है।
विन्नी अब तेज चिल्लाते हुए चीखने लगी- डालो.. पेल दो.. फाड़ दो.. इस बुर को.. अमित आआह.. आआह..
और अचानक वो अकड़ गई और शान्त होकर उसने अपनी पकड़ ढीली कर दी।
अमित भी अपनी रफ़्तार तेज करके ‘या या या..’ करते हुए आँख मूँदने लगा और विन्नी के ऊपर ही ढेर हो गया।
यह सब देखकर मुझे अच्छा लगा।
अचानक मुझे अपने नीचे गीला अनुभव हुआ।
मैं समझ गई कि मुझ में कुछ परिवर्तन हुआ है।
मैं धीरे से हटी और अपने घर चली आई।
यह तो थी मेरी सहेली विन्नी की चुदाई की कहानी।
आप सभी की प्रतिक्रया मिलने के बाद मैं अपनी चूत के फटने की कहानी भी लिखूँगी।
तब तक आप सभी अपने लौड़ों को हिलाते रहिए।
आपकी चिकनी रीमा को लिखने के लिए लिखें।
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