रैगिंग ने रंडी बना दिया-58
(Chodan Kahani: Ragging Ne Randi Bana Diya- Part 58)
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अब तक की इस चोदन कहानी में आपने पढ़ा था कि सुमन अपनी माँ से अपने इकलौते होने के कारण पर सवाल-जबाव कर रही थी.
अब आगे..
हेमा ने सुमन की तरफ गुस्से से देखा- तेरे दिमाग़ में ये बात आई कैसे?
सुमन- माँ बस ऐसे ही ख्याल आ गया अगर आप नहीं बताना चाहती तो कोई बात नहीं.. मगर प्लीज़ मुझसे झूठ मत बोलना.
हेमा- सुमन क्या हो गया तुझे.. मैं क्यों झूठ बोलूँगी तुझसे हाँ?
सुमन- आप बुरा मत मानना माँ, रात को मेरे सर में बहुत दर्द हो रहा था तो मैं आपसे दवा लेने आपके रूम में आ रही थी, मगर उस वक़्त आप और पापा बातें कर रहे थे. मैंने नॉक करना चाहा तो कुछ ऐसी बातें मुझे सुनाई दीं, जो शायद मुझे नहीं सुननी चाहिए थीं. सॉरी मॉम.. मैंने आपकी बातें सुनी, फिर मैं वापस चली गई.
हेमा- हे राम.. तुझे खटखटा देना चाहिए था.. ऐसे अपने माँ-बाप की बातें सुनना अच्छी बात नहीं है. ये बात तेरे पापा को पता लग गई तो वो बहुत नाराज़ होंगे.
सुमन- सॉरी मॉम.. मगर मुझे बिल्कुल अच्छा नहीं लगा. आपको पापा से ऐसे पेश नहीं आना चाहिए.
हेमा- सुमन बस कर.. अभी तेरी इतनी उम्र नहीं हुई जो तू मुझे ये बात कहे. तू बस अपनी पढ़ाई पर ध्यान दे और आगे से कभी ऐसे बातें मत सुनना. इससे बुरा असर पड़ता है समझी मेरी बच्ची..!
सुमन- ठीक है माँ आगे से ध्यान रखूँगी मैं.. मगर प्लीज़ आप भी पापा को समझो, उनकी बात मान लिया करो.
हेमा- बस बहुत हो गया.. तुझे मैं प्यार से समझा रही हूँ, तू समझ ही नहीं रही. ये सब बातें अपने दिमाग़ से निकाल दे समझी..!
इस बार हेमा की आवाज़ में कड़कपन था, जिससे सुमन थोड़ी डर गई और वहाँ से चुपचाप अपने कमरे में चली गई. सुमन कमरे में आ गई और बिस्तर पर बैठ कर बड़बड़ाने लगी- मुझे पता था माँ, आपका जबाव ऐसा ही होगा, इसी लिए मैंने रात को ही फैसला कर लिया था कि मैं पापा को उनके हिस्से की ख़ुशी ज़रूर दूँगी, चाहे उसके लिए मुझे कुछ भी करना पड़े.
सुमन ने अपना बैग लिया और जाते हुए हेमा से बोल गई कि आज एक्सट्रा क्लास है, उसे आने में देर हो जाएगी. फिर वो टीना के घर चली गई. वहाँ टीना भी आज पहले से रेडी थी. सुमन को देख कर वो मुस्कुरा दी, मगर सुमन का मूड ऑफ था. वो बस सीधे जाकर कमरे में बेड पर बैठ गई.
टीना- आओ सुमन रानी क्या बात है आज मूड सही नहीं लग रहा, सुबह-सुबह किससे झगड़ा करके आई है.
सुमन कुछ नहीं बोली बस वैसे ही मुँह फुलाए बैठी रही.
टीना- अरे मेरी प्यारी सुमन अब बोल ना यार.. ऐसे कैसे पता लगेगा?
सुमन- अब आपको क्या बताऊं दीदी मेरा मूड तो रात से खराब है.
टीना- अरे बताएगी नहीं.. तो मुझे पता कैसे लगेगा और बिना पता लगे मैं तेरी मदद कैसे कर पाऊंगी?
सुमन ने रात से लेकर सुबह अपनी माँ से हुई बहस तक की सारी कहानी टीना को बताई.
टीना- अच्छा ये परेशानी है तुझे.. वैसे मेरा अंदाज़ा सही निकला ना.. तेरे पापा बेचारे तरस रहे हैं और तेरी माँ है कि अपनी ज़िद पर अड़ी हैं.
सुमन- हाँ दीदी अब इसका कोई उपाय बताओ.. मैं पापा को ऐसे नहीं देख सकती. आज सुबह मैंने फिर उनसे टाइट्ली चिपक कर उनके अरमान जगा दिए.
टीना- तू चाहती क्या है यार.. कल तो तूने कहा था कि तू पापा से दूर रहेगी. फिर सुबह-सुबह पापा का लंड खड़ा करने की क्या वजह थी?
सुमन- दीदी में बस चैक करना चाहती थी कि मेरे ऐसा करने से पापा का रिएक्शन क्या होता है?
टीना- अच्छा तो तूने अपनी करनी का नतीजा देख लिया ना.. सुबह-सुबह बेचारे अंकल का लंड खड़ा कर दिया ना!
सुमन- दीदी चाहे कुछ भी हो जाए मुझे पापा को ख़ुशी देनी ही होगी.
टीना- तेरे इरादे मुझे ठीक नहीं लगा रहे हैं.. कहीं तू अपने पापा से चुदवाने के चक्कर में तो नहीं है ना?
सुमन- छी: छी: दीदी आप कैसी बातें कर रही हो.. मेरा मतलब है उन्हें ख़ुशी देनी होगी, उसका आप ही कोई आइडिया बताओ ना!
टीना- सॉरी यार मेरे समझने में ग़लती हो गई.. मगर तू करेगी क्या? कुछ तो तेरे दिमाग़ में होगा ना!
सुमन- नहीं दीदी मेरे दिमाग़ में कुछ नहीं है. अब आप ही मेरी कोई मदद करो.
टीना- यार तेरी बातें सुनकर ये तो पता लग गया कि तेरे पापा सीधे इंसान हैं, वो बाहर किसी रंडी के पास तो जाएँगे नहीं.. यदि जाना होता तो कब के जा चुके होते और यार कांड वाली क्या बात है ये तो बता..!
सुमन- ये तो मुझे नहीं पता दीदी.. और मैंने इस बारे में सोचा ही नहीं.. वरना मैं माँ से ही पूछ लेती.
टीना- नहीं.. जाने दे मत पूछना, पहले अंकल के लिए कोई जुगाड़ लगा लेते हैं.
सुमन- दीदी क्या होगा, अब पापा किसी और के साथ बिल्कुल नहीं करेंगे वरना इतने साल वो ऐसे तड़पते नहीं.
टीना- देख, अभी ये बात यहीं बंद कर दे. मैं आराम से सोच कर तुझे बता दूँगी. अभी कॉलेज चल, देर हो रही है.
दोनों वहाँ से कॉलेज चली गईं. आज सिर्फ़ संजय अकेला ही खड़ा था, बाकी सब शायद आए नहीं थे. इन दोनों ने उसे हैलो किया, फिर उसके पास खड़ी हो गईं संजय बस सुमन को निहारता रहा.. पर कुछ बोला नहीं.
टीना ने जब गौर किया और संजय को टोका तो संजय झेंप गया और उसने जल्दी से बात घुमा दी.
संजय- आज क्या बात है.. साले वो कहाँ मर गए सब, कोई भी नहीं आया और फ्लॉरा का भी कोई ठिकाना नहीं है.
टीना- आ जाएँगे.. तुम्हें उनसे कोई काम है क्या, जो ऐसे उतावले हो रहे हो?
संजय- मुझे क्या काम होगा, मैं तो ऐसे ही पूछ रहा हूँ.
सुमन- आपसे एक बात बोलनी थी आप नाराज़ तो नहीं होंगे ना.
संजय- अरे बोल क्या बात है.. मैं क्यों नाराज़ होने लगा.
सुमन- इतने दिनों में आपको मेरे अन्दर कुछ फ़र्क लगा या नहीं?
संजय- सच बोलूँ.. अभी तक तो कुछ फ़र्क नहीं लगा, हाँ टीना ने बताया तू अब फास्ट हो गई है.. तो अब तेरा टेस्ट लेना होगा.. तभी पता लगेगा तू फास्ट हुई या नहीं.
सुमन- ठीक है आप जब कहोगे में टेस्ट देने को तैयार हूँ.
संजय- तो ठीक है.. अभी तो नहीं, मैं बाद में तुम्हें बता दूँगा ओके.
सुमन कुछ बोल पाती, तभी वहाँ कोई सर आ गए और उन्होंने कहा कि क्लास में जाओ.. यहाँ क्यों खड़े हो, तो बस उनकी ये सभा यहीं समाप्त हो गई. फिर फ्लॉरा और बाकी सब भी आ गए. मगर हमारे काम का कुछ वहाँ नहीं हुआ तो चलो हम लोग भी सीधे पॉइंट पे चलते हैं.
कॉलेज के बाद टीना और संजय का आज चुदाई का प्रोग्राम है.. याद है ना और टीना ने सुमन को लाइव चुदाई दिखाने का वादा किया है.. तो चलो वहीं चल कर मज़ा लेते हैं.
कॉलेज के बाद संजय सीधा अपने उसी घर में चला गया और पीछे से टीना ने सुमन को अपने साथ ले लिया.
सुमन- दीदी मुझे बहुत डर लग रहा है कहीं कोई गड़बड़ ना हो जाए.
टीना- अरे कुछ नहीं होगा मेरा प्लान याद है ना तुझे.. बस तू चुपचाप सब चुदाई का खेल देख लेना.
सुमन- वो तो ठीक है मगर आपके साथ मैं जाऊंगी तो संजय मुझे देख लेंगे.
टीना- पागल है तू एकदम.. अरे तू मेरे साथ नहीं जाएगी.. मेरे पीछे से आना. समझी.. वो भी जब मैं इशारा करूँ तुझे, तब आना.
संजय के घर के बाहर जाकर सुमन एक तरफ़ चुप गई और टीना ने नॉक किया तो संजय ने दरवाजा खोला- हाय स्वीटहार्ट आ गईं तुम.. चलो अन्दर आ जाओ.
संजय ने ये बात टीना से कही मगर ये सिर्फ़ दिखावा था.. असल में उसने इशारे से टीना को पूछ लिया कि सुमन आई है या नहीं.
आप इतने टेंशन में क्यों आ गए कल शाम संजय ने टीना को प्लान बताया तो था मौके पे चौका मारना याद आया ना.. बस ये सब इन दोनों का किया धरा है.. अब आगे का खेल देखो.
टीना ने भी इशारा दे दिया और फिर वो संजय के साथ अन्दर चली गई.
संजय- वाह टीना कमाल कर दिया तूने अब जैसा हमने प्लान किया था, बस वैसे ही करना ताकि सुमन खिंची चली आए.
टीना- फिकर मत करो संजू.. आज उसको तुम्हारे लंड का स्वाद चखना ही होगा. तुम कहो तो उसकी चुत का मुहूर्त भी आज करवा दूँ?
संजय- नहीं तू ज़्यादा एक्सट्रा मत सोच.. जितना कहा है, बस उतना करना. अब जा उसे अन्दर लेकर आ जा.. तब तक मैं वॉशरूम में जाता हूँ.
सुमन बाहर खड़ी बहुत घबरा रही थी, उसे लगा कि कोई उसे ऐसे देखेगा तो क्या सोचेगा, तभी टीना बाहर आ गई.
टीना- जल्दी से अन्दर आ जाओ, संजय वॉशरूम में है.
सुमन बिना कुछ बोले अन्दर आ गई और जिस कमरे में चुदाई होनी थी, टीना ने सुमन को वहीं एक अलमारी के पीछे छुपने को कह दिया.
सुमन- दीदी मुझे बहुत डर लग रहा है कोई गड़बड़ ना हो जाए.. कहीं संजय ने मुझे देख लिया तो!
टीना- अरे ऐसे कैसे देख लिया.. ये टीना का प्लान है.. तू मेरे बिल्कुल पास बैठ कर चुदाई देखना और संजय को पता भी नहीं चलेगा.
सुमन- ये आप क्या बोल रही हो ऐसा कैसे मुमकिन है दीदी?
टीना- अरे मैं बातों के दौरान संजय को ब्लाइंड सेक्स के लिए राज़ी कर लूँगी. फिर उसकी आँख पर होगी पट्टी.. वो कैसे कुछ देख पाएगा?
सुमन- ओह दीदी आप सच में ग्रेट हो… ऐसे तो मैं भी ठीक से देख लूँगी.
टीना- हाँ मगर भूल कर भी अपने मुँह से आवाज़ मत निकालना.. नहीं तो सब गड़बड़ हो जाएगी.. समझी तू?
सुमन- ठीक है दीदी, मैं इस बात का ध्यान रखूँगी कि कोई आवाज़ ना हो.
सुमन वहीं छुपी रही और टीना ने संजय को आवाज़ देकर बुलाया.
‘कितना टाइम लगाते हो.. अब तुम आ भी जाओ ना!’
संजय- अरे आ गया जानेमन ऐसी भी क्या जल्दी है.. आज बहुत दिनों बाद तेरी चुत मारने का मौका मिला है, इसे तो आराम से मारूँगा और तू है कि जल्दी कर रही है.
टीना- क्या करूँ यार पीरियड्स ख़त्म होने के बाद चुत में खुजली बहुत हो रही है.
साथियो, आप मेरी इस चोदन कहानी पर मर्यादित भाषा में ही कमेंट्स करें.
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कहानी जारी है.
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