उन्मुक्त वासना की मस्ती- 1

(Brother Father Sex Kahani)

ब्रदर फादर सेक्स कहानी में एक लड़की की माँ दूसरी शादी करके अपनी बेटी के लिए नया बाप और एक भाई लाई. लेकिन भाई और बाप की कामुक नजर उस लड़की की जवानी पर थी.

मेरे कामुक, रसिक एवं सनसनी प्रेमी पाठको, आज के युग में हर व्यक्ति तनाव में रहता है.
और आप सब मेरी इस बात से सहमत होंगे कि तनाव से मुक्ति का सबसे आसान और आनन्ददायक तरीका है ‘सैक्स’.

मेरी यह नई कहानी पारिवारिक सेक्स पर आधारित मेरी एक पुरानी कहानी
वासना की आग में झुलसे हुए रिश्ते
का विस्तार है.
इसमें कल्पना का समावेश अवश्य है पर ऐसी घटनाएं आजकल समाज में आम हो चली हैं।

मुझे विश्वास है कि आपको मेरी यह कहानी भी हमेशा की तरह पसंद आएगी।

शेखर अपनी पत्नी सपना, बेटे संजू और सौतेली बेटी शलाका (शालू) के साथ, जब वासना पूर्ति के इरादे से 2 दिन के लिए घर से बाहर निकला था तो उनके बीच एक अदृश्य आवरण था।

सौतेले भाई बहन संजू और शालू के बीच बन चुके शारीरिक संबंधों के बारे में शेखर और सपना को पता नहीं था.
लेकिन संजू और शालू, शेखर और सपना के बारे में जानते थे कि उनकी अतृप्त कामवासना उनके दिमाग में चढ़ी हुई थी और वे दोनों परिवार के बीच में ही यानि संजू और शालू के जरिए ही अपनी अपनी वासना को शांत करना चाह रहे थे।

जाते हुए कार के भीतर और रास्ते में रुक कर तथा होटल पहुंचकर मां-बेटे, बाप-बेटी और भाई-बहन के बीच में जी भर के चुदाई के हर संभव खेल हुए.
अगर आपने यह घटनाएँ नहीं पढ़ी हैं तो पहले 3 भागों में पूरी कहानी
वासना की आग में झुलसे हुए रिश्ते
पढ़ें.

अब आगे की ब्रदर फादर सेक्स कहानी:

लौटते समय उनके बीच का लाज का अदृश्य आवरण हट चुका था। उन के बीच अब कुछ भी छुपा हुआ नहीं रह गया था, उन सब का असली कामुक चेहरा, पूरी बेशर्मी के साथ एक दूसरे के सामने आ चुका था।

लौटते हुए भी अपनी कामुक आदिम प्रवृत्ति के चलते उन सबको सैक्स का आनन्द तो लेना ही था।
इसलिए सब से पहले इस बार स्टेयरिंग सपना ने संभाली, पिछली सीट पर शालू की ‘चूतरंजन’ के लिए बाप और भाई के दो दो लंड मौजूद थे।

कार के आगे बढ़ते ही शालू पूरी नंगी हो गई शेखर और संजू ने भी अपनी-अपनी निक्करें उतार दीं।
शलाका उन दोनों की गोद में इस तरह बैठी कि दोनों उसके एक-एक स्तन के साथ खेल सकें।

शेखर और संजू ने उसके दोनों स्तनों को, जैसे दूध में से मक्खन निकाला जाता है वैसे, दबाना और मसलना शुरू किया।

दोनों उसकी गुलाबी निप्पलों को अपने मुंह में लेकर दोनों चूसने लगे.

शालू के बदन में रमी हुई वासना में हुई हलचल के कारण उसकी चूत में गर्मी बढ़ने लगी.
उसकी चूत रिस रिस कर यह सिग्नल देने लगी कि अब उसको तुरंत किसी कड़क लंड के रगड़े चाहियें।

संजू का लंड तो एक हद तक तैयार हो चुका था लेकिन शेखर का लंड अभी अलसाया हुआ था।
उसके लंड को तन्नाने के लिए शालू के प्रयासों की जरूरत थी।

शालू ने अपनी चूत की चुदाई के लिए तैयार करने के उद्देश्य से पहले शेखर के लंड को दोनों हाथों से सहला सहला के चूसा, शालू की जुबान का दुलार पा कर शेखर के लंड में जान आने लगी, इतने में संजू ने उसे गर्दन से पकड़ कर अपने लंड पर झुका दिया।

संजू का लंड तो शालू के होंठों और जुबान से मिलकर इठलाने लगा।

शेखर आधे तने हुए लंड के कारण फिर से शलाका द्वारा मुख मैथुन के इंतजार में था।
जब संजू के कड़क लंड के कारण शालू का मुंह दुखने लगा तो उसने उसे छोड़ दिया और अपने सौतेले बाप के लंड को फिर से मुंह में लेकर चूसने लगी।

शेखर और संजू दोनों के लौड़े शालू की मुखलार से कड़क और चिकने हो चुके थे।

अब शालू चुदाई की शुरुआत के लिए सबसे पहले अपने पिता शेखर के लंड पर सवार हुई।
उसकी चूत अब तक तो लंडखोर हो चुकी थी।
शेखर का लंड फिसलता हुआ उसकी चूत में समा गया।

जैसे ही शेखर का लंड शालू की चूत में घुसा, वह मस्त हो गया।
शालू भी शेखर की जांघों पर बैठकर चूत में घुसे हुए लंड की मस्ती का आंखें बंद कर के अनुभव करने लगी।

कुछ देर बाद उसने जांघों पर बैठे-बैठे आगे पीछे हिलना शुरू किया।
संजू अपना कड़क लंड हाथ में लेकर उसे सहला सहला कर इंतजार कर रहा था कि कब उसकी बहन बाप के लंड के ऊपर से उतर कर भाई के लंड की सवारी करे।

शालू की चूत में नीचे की ओर झुका होने के कारण शेखर के लंड का तनाव और अधिक बढ़ गया।
शेखर को तो इस आसन में बहुत मजा आ रहा था किंतु शलाका की चूत को रगड़ा तो जबरदस्त लग रहा था पर मजा अपेक्षा से कम मिल रहा था।

इसलिए उसने पंजे के बल होकर उछल उछल के शेखर के लंड को अपनी चूत से चोदना शुरू किया।
हर धक्के में शालू की चूत शेखर का पूरा लंड अपने संवेदनशील हिस्से यानि भगनासा को रगड़ाती हुई लील रही थी।

शेखर भी इस आसन में हो रही चुदाई के कारण अत्यधिक उत्तेजना से भर गया।
उसके मुंह से ओह शालू … ओह शालू … निकला तो शालू समझ गई कि उसका बाप बेकाबू होने वाला है.
तो वह तुरंत शेखर के लंड पर से उतरी और संजू के लंड पर सवार होकर उछलने लगी।

संजू, शलाका को अपने लंड के ऊपर आते देख कर खुश होकर बोलने लगा- आ जा मेरी प्यारी बहना, अब मेरे लंड के रगड़े भी खा के देख!

शलाका की चूत को तो लगातार रगड़े मिल रहे थे।
उसके मुंह से सिसकारियां और चूत से जैसे चिंगारियां निकलने लगीं.

ब्रदर फादर सेक्स करके उसका चरम नजदीक था.

इतने में आगे से सपना की आवाज आई- शालू, संजू का लंड मेरे लिए छोड़ देना, खबरदार जो उसका वीर्य अपनी चूत में निकलवाया तो!
शालू ने कहा- ओह माय गॉड … मैं तो भूल ही गई थी कि तुम्हारी गर्म चूत को भी तो कड़क लंड की जरूरत पड़ेगी। तुम्हारी चूत का तो ध्यान रखना ही पड़ेगा माते!
और वह संजू के लंड से उतर कर फिर से शेखर के लंड पर कूदने लगी।

आठ दस धक्के लगे होंगे कि शालू की चूत में मस्ती का एक तूफ़ान सा उठा और उसकी चूत फड़कने लगी।
शालू ने फड़कती हुई चूत से ही शेखर के लंड को और कुछ देर रगड़ा.

तो शेखर के लंड की नसें भी जोर जोर से फड़कने लगी।
उसके लंड से वीर्य बाहर छलकने लगा।

इस कारण उसके दिमाग को असीम शांति और सुख अनुभव हो रहा था।

जब शालू को यह एहसास हुआ कि शेखर स्खलित हो रहा है तो वह फिर से उसकी जांघों पर पूरा दम लगाकर बैठ गई और लंड को अपनी चूत की गहराई में जकड़ लिया।

शेखर और शालू दोनों चरम सुख के इन क्षणों को आंखें मूंदे और लंबी-लंबी भरी हुई सांसों से भोग रहे थे।
संजू अपने कड़क लंड और अधूरी चुदाई के कारण बेचैन हो रहा था इसलिए वह उत्तेजित स्वर में बोला- अरे यार सपना … अब तुम पीछे आ जाओ। मेरा लंड तुम्हारी चूत में घुसने के लिए बेचैन हो रहा है।

तब सपना ने एक साइड में कार रोकी और शेखर को कहा- अब शालू की चूत से अपना लंड निकाल और स्टेरिंग संभाल ले कमीने!
शेखर बोला- जो आज्ञा मेरी चुदक्कड़ रानी।

उसने अपनी निक्कर पहनी और उतर कर स्टीयरिंग पर जा बैठा।
सपना पीछे आ गई.

पीछे आकर उसने शालू के चेहरे को पकड़ा और उसे चूमते हुए कहा- क्यों री चुड़ैल? निचोड़ लिया अपने बाप का लंड?
शालू बेशर्मी से हंसती हुई बोली- क्या करूं यार मम्मी, यह निगोड़ी चूत, चैन नहीं लेने देती न!
दोनों हंसने लगीं।

सौतेले पिता और सौतेले भाई के लंड के रगड़े के मजे अपनी चूत को दिलवा कर शलाका बहुत खुश थी।
थोड़े ही दिनों में क्या से क्या हो गया था।

कुछ ही दिनों की तो बात है, कहां तो वह मासूम सी एक कुंवारी लड़की थी।
लेकिन अब वह पहले अपने सौतेले भाई का फिर सौतेले बाप का लंड ले ले कर चुदाई की शौकीन एक गर्म औरत बन चुकी थी।
वह सोच रही थी कि पलंग पर चुदने का अपना एक मजा होता है तो चलती कार की सीट पर चुदाई का भी अलग आनन्द होता है।

सपना ने अब चुदाई का खेल शुरू करने के लिए संजू को सीट पर अधलेटा कर दिया और रिवर्स कॉऊ पोजीशन में उसके लंड पर सवार हो गई।
उसका एक पैर सीट के ऊपर था दूसरा सीट के नीचे और वह उछल रही थी।

शालू अपनी मम्मी की चुदाई देखकर सोच रही थी कि क्या मेरी चूत की आग मम्मी की उम्र तक पहुंचने पर मंद तो नहीं पड़ जाएगी?

सपना ने शालू को इशारा किया.
उसने आगे बढ़कर सपना के दोनों स्तनों को थाम लिया और बारी-बारी से उनको दबा के, मसल के, चूस के सपना की उत्तेजना को बढ़ाने लगी।
संजू का कड़क लंड सपना की चूत को शानदार घर्षण प्रदान कर रहा था।

सपना की चूत में जैसे मस्ती के ज्वार भाटे उठ रहे थे.

शालू और संजू की मिली जुली कोशिशों से सपना झड़ने लगी और आंखें बंद करके संजू के लंड को अपनी चूत की गहराइयों में पहुंचा कर उसकी जांघों पर बैठ गई।

संजू के लंड से वीर्य के कतरे उछल-उछल कर चूत की गहराई में टपक रहे थे और फिर वहां से रिसते हुए संजू के लंड और सीट को खराब कर रहे थे।

चारों इसी प्रकार एक दूसरे के शरीर से खेलते हुए, मस्ती मारते हुए घर पहुंचे।

ऐसे ही जीवन का आनन्द लेते हुए समय बीत रहा था।

शालू सुंदर तो थी ही, जिस तरह फूल के खिलने से उस की खुशबू चारों ओर फैलती है, वैसे ही शालू की खिलती जवानी और जिस्म के उभार कई लड़कों की नज़र में चढ़ने लगे।

कुछ को शालू ने पटाया और उनसे चुदवाया तो कुछ ने शालू को पटाया और चोदा।

साथ में कुछ खुश किस्मत लड़के तो ऐसे भी थे जिनने शालू के साथ उस की मां भी चोद डाली थी।

घर में जब खुला वातावरण हो, एक दूसरे को पता लगने का डर नहीं हो तो सबके लिए मस्ती के अवसर बढ़ जाते हैं।
यही कारण था कि पूरा परिवार जी भर के सैक्स के मजे लूट रहा था।

शालू के विवाह के लिए रिश्ते आना भी शुरू हो चुके थे।

प्रारम्भ में वह शेखर के सामने एकदम बिफर गई।
उसने कहा- यार पापा, मैं अभी किसी एक के साथ बंधना नहीं चाहती बल्कि अभी जी भर के नए नए लंड अपनी चूत में लेकर, जिंदगी एंजॉय करना चाहती हूं।
शेखर ने कहा- देख शालू, शादी तो हर लड़की को करना पड़ती है यार!

शालू बोली- लेकिन पापा, मेरी चूत को संजू भैया और आप के लंड से चुदने की आदत भी तो पड़ चुकी है. मेरी शादी हो गई तो आप दोनों के बिना मुझे कैसे चैन पड़ेगा?
शेखर ने कहा- यह तुझ से किसने कहा कि तेरी शादी के बाद में तू मुझसे या संजू से चुदवा नहीं सकती? यह समझ ले कि तेरे लिए और तेरी मां के लिए एक और नए लंड का इंतजाम हो रहा है।

शालू चौंकी- यह क्या कह रहे हो आप? मां के लिए?
शेखर ने कहा- अरे, जब तेरी मां ने अपने बेटे तक से चुदवा लिया तो अपने दामाद को छोड़ेगी क्या? तू जानती है न तेरी मां को कि वह कितनी बड़ी चुदैल है? याद है? उसने मिनटों में संजू का लंड खड़ा करके अपने मुंह में ले लिया था और उसका लन्ड चूस चूस के वीर्य गटक लिया था और उसको मस्त कर दिया था। तू विश्वास रख … सपना को ज्यादा समय नहीं लगेगा जब वह तेरे पति के तन्नाये हुए लंड पर भी सवार हो जाएगी।

शालू ने एकदम राहत की सांस ली.
उसने कहा- थैंक यू पापा, इसका मतलब यह है कि मेरी शादी के बाद में हमारे चुदाई के आनन्द में कमी नहीं होगी बल्कि और बढ़ोत्तरी होने वाली है। मैं तो नाहक ही घबरा रही थी।

शालू ने विवाह के लिए अपनी सहमति दे दी.
उसके बाद कई लड़के वाले देखने आए।

शालू और सपना दोनों का नजरिया कुछ अलग था, वे लड़के को और साथ में उसके मां बाप को भी देखती थीं कि ये लोग उनकी चुदाई की इच्छा पूर्ति कर पाएंगे या नहीं?
कहीं वे उनकी चुदाई के शौक में बाधा तो नहीं बनेंगे?
वे दोनों उनसे बातचीत करके पता लगाती थीं कि लड़का और उसके मम्मी पापा कितने खुले दिल दिमाग के हैं?

ऐसे ही एक बार की बात है, शालू को देखने रवि और उसके पापा आए क्योंकि उसकी मम्मी अपनी सहेलियों के साथ कहीं टूर पर गई हुई थी।

रवि और उसके पिता सुधीर जब शालू को देखने आए तो शालू तो स्वाभाविक रूप से सजी हुई थी ही, सपना ने भी उनके परिवार की किसी महिला की अनुपस्थिति में दोनों मर्दों पर बिजली गिराने का पूरा इंतजाम कर रखा था।

उसने एक बहुत बड़े गले का ब्लाउज पहना हुआ था, उसके छोटे से और कसे हुए ब्लाउज में से उसके झांकते हुए 38″ के बड़े-बड़े बूब्स रवि और उसके पिता सुधीर को समान रूप से ललचा रहे थे।

रवि बार-बार कभी शालू की खिल रही जवानी को देखता और कभी सपना के अंग अंग से टपकती हुई कामातुरता को।

यही हाल सुधीर का था.
उसकी पत्नी तो साथ थी नहीं … इसलिए वह इस अवसर का लाभ उठा कर कभी शालू के रूप सौंदर्य को निहारता और कभी सपना के एक एक अंग को ललचाया हुई नजरों से देखता।

उसका मन सपना को देखकर डांवाडोल हो रहा था।
रवि ने थोड़ी देर शालू और सपना को जी भर के देखने के बाद मन ही मन यह निश्चय किया कि शालू से शादी की जा सकती है लेकिन उसका बहुत बड़ा कारण सपना की कातिल जवानी, उसकी आंखों से टपकती हुई लालसा, उसका गदराया हुआ शरीर और उसकी मनमोहक अदाएं होंगी।

उसे यह रिश्ता कुछ कुछ, एक के साथ एक, फ्री जैसा लग रहा था।
यह विचार आते ही उसके मन में अजीब सी गुदगुदी होने लगी।

सपना की जवानी और उसकी लालसा अभी उफान पर थी और उसकी अनुभवी नजरों ने भी रवि और सुधीर की आंखों से टपकती हुई लम्पट वासना को पहचान लिया था।

संजू का भी सारा ध्यान सपना और उस की कामचेष्टाओं की ओर था।
वह देख रहा था कि सपना कैसे न केवल सुधीर को बल्कि रवि को भी शरारत भरी आंखों और अंग अंग से छलक रही वासना के जरिए रिझा रही थी।

वह समझ गया कि सपना अब रुकने वाली नहीं है, वह दोनों के लंड अपनी गर्म चूत के हवाले कर के ही मानेगी।
आश्चर्य इस बात था कि इस ख्याल से उस के लंड में भी गुदगुदी होने लगी थी।

सपना संजू से कुछ कम नहीं थी।
उसका दिमाग तेजी से काम कर रहा था।
वह समझ चुकी थी कि उसका मादरचोद बेटा संजू उसकी हरकतों को बड़े गौर से देख रहा है इसलिए उसने संजू को बाजार किसी बहाने से रवाना किया।

संजू भी कोई नासमझ बच्चा नहीं था, उसने भी आखिर अपनी मां-बहन चोद रखी थी।
उसे भी समझ आ गया कि सपना अपनी किस योजना पर काम कर रही है और उसे मेहमानों के सामने क्यों काम के बहाने से घर के बाहर भेजा जा रहा है.
लेकिन अभी कुछ भी कहना ठीक नहीं था, इसलिए वह चुपचाप वहां से चला गया।

रवि और सुधीर से आंखें लड़ाने के बाद उस की नजरें, रवि और सुधीर की जांघों के जोड़ पर हो रही हलचल पर जम गई थी, वह समझ गई कि यदि यह रिश्ता पक्का हो जाता है तो उसकी चूत को दो नए लंड मिलने वाले हैं।

लेकिन उसको बहुत सावधानी से सारे खेल को अंजाम देना था क्योंकि वह यह नहीं चाहती थी कि शालू की शादी में कोई बाधा पड़े।
वह बारी बारी से सुधीर और रवि की ओर शरारत भरी नजरों से देख कर उन दोनों को यह संकेत दे रही थी कि यदि वे चाहेंगे तो उसका यह मस्ती भरा बदन उन की बांहों में आ सकता है।

संजू को बहाने से घर के बाहर भेजने के बाद सपना अपनी योजना पर अगला कदम बढ़ाया।
उसने रवि को मुस्कुराते हुए कहा- बेटा, तुम शालू बिटिया से अलग से कुछ बात करना चाहो तो इसके कमरे में जाकर कर सकते हो।

रवि ने भी बदले में सपना को मुस्कुराते हुए शरारत भरी नजरों से देखा और कहा- ठीक है, सप…ना आंटी!
सपना मन ही मन रवि की लड़खड़ाती हुई जुबान का कारण समझते हुए खुश हो रही थी कि रवि उसके मोह जाल में फंस रहा है और यह भी शालू को पसंद करने का एक कारण बनेगा।

मेरे कामुक पाठकों कैसी लगी मेरी यह एक कामुक परिवार की अब तक की कहानी?
कहानी को अभी एक रोचक मोड़ पर छोड़ा है, अगले 10-12 भागों में अभी बहुत से घटनाक्रम आने बाकी हैं।

ब्रदर फादर सेक्स कहानी पर अपनी प्रतिक्रिया से अवश्य अवगत करावें।
मेरी आईडी है
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ब्रदर फादर सेक्स कहानी का अगला भाग: उन्मुक्त वासना की मस्ती- 2

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