मौसम की करवट-5
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सुबह हुई, हमेशा की तरह रिया पहले उठी। फ़िर उसने प्रिया को और मुझे जगाया। हम पूरे नंगे सो रहे थे बस कम्बल ओढ़ रखा था।
प्रिया उठी और एक प्यारी सी चुम्मी कर के मुझे उठाया। ये रिया देख रही थी, तब उसे अहसास हुआ कि उसने क्या किया और शरमाने लगी।
मुझे प्रिया का शरमाना बहुत पसंद है, उसकी मुस्कान और आँखों का तो जवाब नहीं है।
जब-जब उसे मुस्कुराते हुए देखता हूँ, तब ऐसा लगता है जैसे दुनिया में सब कुछ एकदम सही चल रहा है, जब वो मेरी बाँहों में आती है, तो मुझे लगता है जैसे मैं इस दुनिया का राजा हूँ।
तभी प्रिया का फ़ोन बज उठा और मैं अपने खयालों से बाहर आ गया।
प्रिया ने फ़ोन उठाया- हैलो हाँ बोल…क्या? सच में..! कितने बजे..? ओह यार… मैं तो अभी उठी हूँ… तू सर से बोल मैं 11:30 तक आती हूँ, ओके बाय..!
मैंने पूछा- क्या हुआ जान..!
प्रिया- अरे मेरे कालेज में आज एग्जाम के लिए सिग्नेचर करने जाना है, आज लास्ट-डे है।
मैं बोला- तो जाओ उठो आलसी लड़की..!
वो झट से अपना टॉप और निकर पहन कर उठी और नहाने चली गई।
मैं बिस्तर पर ही बैठा था। थोड़ी देर में प्रिया नहा कर, कपड़े पहन कर आ गई, बहुत सुन्दर लग रही थी। उसके हाथ में तौलिया था। उसने मुझे उठाया, अपना तौलिया मेरी कमर पर बांध दिया और मेरा हाथ पकड़ कर बाथरुम लेकर आ गई।
फ़िर मेरा तौलिया खोलते हुए बोली- जान तुम नहा लो, मैं अपना काम कर के आती हूँ…मुह्ह्ह..!
और वो घर से निकल पड़ी।
यहाँ रिया को तो पूरा खुला मैदान मिल गया था, उसे पता था प्रिया दो घंटे तक नहीं आएगी, उसी का फायदा उठा कर वो मेरे कमरे में (प्रिया के कमरे में) आई, जहाँ मैं नहा रहा था।
तब तक तो मेरा नहाना हो चुका था और मैं कपड़े पहन रहा था। कमरे का दरवाजा खुला था, वैसे मेरे पास कोई कारण नहीं था कि मैं दरवाजा बंद करूँ।
सो मैं बस अपने कपड़े पहनने में लगा था। मैं अभी नंगा ही था कि रिया मेरे पास आ गई और मुझे पीछे से पकड़ लिया।
वो बहुत ज्यादा सेक्सी लग रही थी, उसे देख कर मेरी बुरी हालत होने लगी।
उसने सीधा मेरे लिंग पर हाथ रख दिया और उसे छेड़ने लगी। उसने मुझे अपनी तरफ घुमाया और मुझे धीरे-धीरे किस करते-करते नीचे मेरे लिंग पर आ गई।
मेरा लिंग अपने मुँह में लेकर चूसने लगी। मैं भी सेक्स के नशे में डूबने लगा। मैं भी आज पूरे दिल से रिया को चोदना चाहता था।
यह कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉंम पर पढ़ रहे हैं।
मैंने भी उसे ऊपर लिया और उसे अपनी गोद में उठा लिया। फिर मैंने अपना लिंग उसकी योनि में घुसा दिया और उसे अपने हाथों से अपने लिंग पर ऊपर-नीचे करने लगा।
रिया मेरे बालों को पकड़ कर अपने स्तनों को मेरे मुँह पर दबाने लगी।
तभी मैंने देखा सामने कोई खड़ा था, मैंने रिया के कान में ये बात बताई।
वो जैसे स्प्रिंग लगा हो, एकदम से उछ्ल पड़ी और मेरी गोद से नीचे कूद गई।
उसने झट से मेरा तौलिया लपेट लिया और मैंने भी अपने कपड़े पहन लिए।
जैसे ही रिया मेरी गोद से कूदी और जो हमें देख रहा था, वो भी थोड़ा पीछे हो गया।
मैंने भी ठीक से नहीं देखा था कि वो कौन है, जो हमें देख रहा था। मैं थोड़ा आगे बढ़ा और बाहर आ गया।
तभी मैंने किसी के भागने की आवाज सुनी। मैं भी भागते हुए हाल की तरफ आया, जहाँ मेन-गेट था।
तब मैंने देखा कि वो पड़ोस वाली लड़की थी, जो रिया की सहेली थी, शायद रिया से मिलने आई होगी, लेकिन उसने मुझे और रिया को साथ में देख लिया था जो फ़िक्र की बात थी।
मैं फिर रिया के पास गया, उसे बताया कि वहाँ पायल थी, जो हमें देख रही थी। यह सुनते ही रिया बहुत डर गई। उसका कहना था कि वो सारे दोस्तों को बता देगी।
रिया उससे बात करने निकल गई।
मैं वहाँ बैठा यह सोच रहा था कि अगर उसने प्रिया को कुछ बता दिया तो पता नहीं मैं किस मुसीबत में फंस जाऊँगा।
रिया को वहाँ गए हुए बहुत टाईम हो गया था। न जाने उसे इतना समय क्यों लग रहा था। मेरी हालत खराब हो रही थी।
तभी रिया वापस आ गई, मेरे पास बैठ गई।
मैंने उसे पूछा- क्या हुआ?
वो बोली- वो किसी से नहीं बताएगी अगर तुमउम्म..!
मैं बोला– क्या..?? मैं क्या…??
वो बोली- अगर तुम उसे भी चोदो तो वो किसी को नहीं बताएगी।
मैं बोला- पागल हो क्या..! यार मैं नहीं कर सकता..!
वो बोली- हमारे पास और कोई रास्ता नहीं है, वो तुम्हारे और प्रिया के बारे में भी जानती है, वो तो प्रिया को बता देगी।
मैं बहुत परेशान हो गया, मेरे पास भी उसे चोदने के अलावा कोई रास्ता नहीं था, भारी मन से मैंने भी ‘हाँ’ कर दी।
अब मेरे सेक्स जीवन में तीसरी लड़की आ रही थी, पर मुझे क्या पता था यह भी सिर्फ़ शुरुआत है।
मैंने बाद में पायल को भी चोदा, तभी उसने अपना मुँह बंद किया।
मेरे लिये एक बात की खुशी थी कि प्रिया मेरे साथ अब भी थी। आगे मेरी दिनचर्या सेक्स में जैसे डूब ही गई।
पायल के बाद उसकी दोस्त उसके बाद उसकी दोस्त, कुल 5 लड़कियों के साथ सम्बन्ध बन गए।
यह सब दो साल पहले हुआ था, अब इस एक साल में बहुत कुछ बदल गया था, मेरी पढ़ाई भी पूरी हो गई, कंस्ट्रक्शन के क्षेत्र में आ गया, बहुत सारे अमीर लोगों से जान-पहचान हुई, उनमें औरतें भी थीं।
अब मैं एक बड़े इंजीनियर के साथ काम करता हूँ। धीरे-धीरे कब मैं एक जिगोलो बन गया, पता ही नहीं चला। यहाँ मेरा नाम विक्की है।
यह सब मेरी जिन्दगी का वो हिस्सा है, जो कोई नहीं जानता। मैं यहाँ इसलिए हूँ क्योंकि मैं ये सब किसी को बताना चाहता था और ये बातें बताने के लिए अन्तर्वासना से अच्छी जगह कहाँ होगी।
तो दोस्तों आप भी मजे करो, मैं भी कर रहा हूँ। आगे भी अपनी कहानियाँ लिखता रहूँगा।
मेरी कहानी कैसी लगी? मैं आप से जानना चाहूँगा।
आप मुझे मेल कर सकते हैं।
[email protected]
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