मालगाड़ी में भाई और अनजान से चुदाई का रोमांचक सफर- 3
(Boob Suck Sex Kahani)
बूब सक सेक्स कहानी में मैं अपने भाई से चुदवाना चाह रही थी पर साथ में अंकल थे. मैंने कैसे अंकल को अपनी जवानी का जलवा दिखाकर उनको अपनी चूची चुसवा दी.
कहानी के दूसरे भाग
गार्ड अंकल के साथ सेक्स की प्लानिंग
में आपने पढ़ा कि मैं अपने भाई के साथ मालगाड़ी में सेक्स करना चाहती थी पर गार्ड अंकल के कारण कुछ नहीं कर पाई. तो हमने अंकल को भी अपने सेक्स खेल में शामिल करने की योजना बना ली.
अब आगे बूब सक सेक्स कहानी:
सोनू बोला- लो अब तो अंकल भी बोल दिये कि वो भी देखते हैं। अब तो सच बोल दो।
मैं हंसते हुए बोली- ठीक है बाबा, चलो मान गयी कि मैं भी देखती हूं बस!
अंकल हंसते हुए फिर बोले- वैसे तुम दोनों की बातचीत देखकर कोई नहीं कह सकता कि तुम दोनों भाई-बहन हो।
सोनू मुस्कुराते हुए बोला- अरे अंकल, हम दोनों भाई-बहन से ज्यादा दोस्त हैं। इतने अच्छे दोस्त कि इसकी शादी से पहले हम दोनों साथ में पॉर्न मूवी देखते थे।
फिर मेरे गाल खींचते हुए बोला- हम दोनों आपस में बहुत प्यार भी करते हैं और एक-दूसरे की हर ज़रूरत का ख्याल भी रखते हैं। क्यों सही कह रहा हूं कि नहीं दीदी?
इस पर मैं हंसकर बोली- अच्छा… अच्छा, कुछ ज्यादा नहीं बोल रहे हो तुम?
अंकल हंसकर बोले- वाह, ये तो बहुत अच्छी बात है। वरना तो आजकल भाई-बहन में झगड़े ही होते हैं।
सोनू अंकल की तरफ देखते हुए बोला- दीदी, तो अभी मुझसे बाहर बोल रही थी कि यार इतने दिन हो गये साथ में पॉर्न मूवी देखे, चलो यहीं देखते हैं। अंकल को अंदर पता भी नहीं चलेगा।
सोनू की बात पर मैं तेज खिलखिलाकर हंसते हुए बोली- अरे नहीं अंकल, झूठ बोल रहा है ये!
सोनू मेरी तरफ देखकर मजे लेता हुआ बोला- अरे देखो ना, क्या हुआ? अंकल थोड़ी मना करेंगे।
इतनी देर में सोनू ने मोबाइल पर पॉर्न मूवी चला दी।
उसने जानबूझकर थ्रीसम वाली पॉर्न मूवी चलायी थी जिसमें एक लड़की को दो आदमी चोद रहे थे।
सोनू ने वॉल्यूम भी तेज कर रखा था जिससे लड़की की चुदते समय कामुक आवाजें तेज सुनाई दे रही थी।
मैं जानबूझकर मोबाइल की तरफ नहीं देख रही थी।
अंकल भी अब फुल मजा लेने के मूड में लग रहे थे और हंसते हुए बोले- अरे देख लो बेटा!
सोनू मेरे बगल से उठते हुए अंकल की साइड वाली बेंच पर जाकर बैठते हुए बोला- ठीक, मत देखो तुम। चलिए अंकल हम दोनों देखते हैं सिर्फ!
फिर अंकल से अपने बगल बेंच पर बैठने के लिए बोलते हुए कहा- अंकल इधर आ जाइये बगल में, साथ देखते हैं हम दोनों।
अंकल मेरी तरफ देखे फिर मुस्कुराते हुए उठकर सोनू के बगल जाकर बेंच पर बैठ गये और साथ में पॉर्न देखने लगे।
फिर अंकल मेरी तरफ देखते हुए हंसकर बोले- आ जाओ देख लो बेटा। मैं हट जाता हूं।
मैं हंसते हुए बोली- अरे अंकल, आप नहीं समझ रहे। मैं तो इसलिए इसके साथ नहीं देख रही कि मूवी देखते समय इसकी उल्टी-सीधी हरकतें चालू हो जाती हैं।
अंकल की एक्साइटमेंट बढ़ती जा रही थी वो उत्सुकता में बोले- मतलब?
अभी मैं कुछ कहती तभी वो अपनी तरफ वाली बेंच की ओर इशारा करते हुए फिर बोले- तुम भी इधर आ जाओ ना! वहां से ठीक से सुनाई नहीं दे रहा कभी-कभी!
अंकल सही बोल रहे थे दरअसल ट्रेन की पटरियों की आवाज़ की वजह से हम एक दूसरे से थोड़ा तेज आवाज में बात करनी पड़ रही थी।
अंकल के बोलने पर मैं भी उन दोनों के बगल चली गयी और बैठने के बजाय सोनू के कंधे पर हाथ रखकर उसके बगल खड़ी हो गयी।
केबिन बहुत बड़ा होता नहीं है तो अब हम तीनों करीब अगल-बगल ही आ गये थे।
उसके बाद अंकल मूवी देखने के बजाय मेरी तरफ देखकर बोले- हां तो क्या कह रही थी तुम? कैसी उल्टी सीधी हरकत मैं समझा नहीं?
मैं हंसकर बोली- अरे वो मत पूछिए अंकल … सब कुछ नहीं बता सकते।
मेरी बात पर अंकल हंसते हुए बोले- अरे मुझसे क्या छुपाना? उम्र में बड़ा हूं तो क्या हुआ अपने दोस्त जैसा ही समझो।
सोनू बोला- अंकल, ये सोच रही है कि कहीं आप इसके ससुर जी से ना बता दें। इसलिए छिपा रही है।
अंकल जी की उत्सुकता बढ़ती जा रही थी.
वो बोले- अरे नहीं, मैं क्यों किसी से बताऊंगा कुछ! जब इतना कुछ बता ही दिया है तो फिर बाकी क्या छिपाना?
मैंने तो ऐसे बस जाल फेंका था अंकल के सामने लेकिन उनकी बातों से उनकी बेचैनी साफ पता चल रही थी।
सोनू को भी नहीं पता था कि मेरे दिमाग में क्या चल रहा है तो वो भी थोड़ा नखरा दिखाते हुए हंसकर मुझसे बोला- क्या बताना है बता दो, मुझे कोई दिक्कत नहीं है। वैसे भी अंकल इतना कुछ जान ही चुके हैं हमारे बारे में!
पॉर्न मूवी की कामुक आवाज़ में, हम दोनों के साथ बातचीत के मजे लेते हुए अंकल की उत्सुकता बढ़ती जा रही थी और वो भी एक्साइटेड होने लगे थे और थोड़ा जोर देते हुए बोले- अरे बेटा शरमाओ मत, बताओ तो मैं भी तो जानूं क्या करता है ये तुम्हारे साथ!
मैं हंसते हुए बोली- जब ये साथ में पॉर्न देखता है तो थोड़ी देर में ये भाई से बॉयफ्रेन्ड बन जाता है। और फिर इसे कुछ पीने का मन करने लगता है, उसके बाद ये बिना पीये नहीं मानता। फिर इसकी डिमांड धीरे-धीरे बढ़नी लगती है। इसीलिए मैं नहीं देख रही इसके साथ!
मेरी बात सुनकर अंकल थोड़ा एक्साइटेड होते हुए पूछे- अच्छा.. क्या पीने का मन करता है इसका और क्या-क्या करता है। खुल कर बताओ ना?
मैंने देखा कि वो अपने एक हाथ को पैंट के ऊपर से ही अपने लंड पर हल्का सा दबाकर एडजस्ट कर रहे थे।
हमारी बातों से शायद उनका लंड टाइट हो गया था जिसे वो एडजस्ट करने की कोशिश कर रहे थे।
मैं और सोनू दोनों समझ चुके थे कि अंकल अब पूरी तरह लाइन पर आ गये हैं।
सच कहूं तो अब माहौल एकदम कामुक हो गया था और हम तीनों पर वासना का बुखार चढ़ने लगा था।
उधर मोबाइल पर पॉर्न मूवी अभी भी चल रही थी।
अब हम तीनों शर्म और झिझक छोड़कर खुलकर बात करने लगे थे।
मैं मुस्कुराते हुए धीरे से बोली- मेरा दूध!
मेरी बात पर सोनू बिना कुछ बोले बस थोड़ा सा दिया वहीं अंकल एक्साइटेड होते हुए बोले- सच में?
मैं भी थोड़ा हंसकर बोली- हां और क्या? झूठ थोड़ी बोलूंगी। अभी बाहर बोल रहा था कि दीदी इतने दिन बाद मिले हैं तो थोड़ा सा पीने दो ना अंधेरे में अंकल नहीं जान पाएंगे कुछ!
इस पर सोनू मेरी तरफ देखा और फिर एक हाथ से मेरी चूची को दबाते हुए हंसकर बोला- अच्छा दीदी, जब अंकल के सामने पोल खोल ही दी है तो पिला भी दो।
मैं सोनू का हाथ चूची से हटाते हुए उसका कान खींचते हुए हंसकर बोली- चुप रहते हो कि नहीं। सामने अंकल बैठे हैं और तुम्हारी हरकत शुरू हो गयी।
सोनू भी मजा लेते हुए बोला- अरे दीदी, बस एक बार पिला दो ना, अंकल कुछ नहीं बोलेंगे। प्लीज पिला दो।
इस पर अंकल भी तुरंत बोले- अरे तो पिला दो ना! अगर मुझसे शर्म आ रही हो तो मैं बाहर चला जाता हूं।
मैं हंसकर बोली- अरे नहीं अंकल, आप बैठे रहिए क्योंकि आप बाहर गये तो सच में ये बिना पीये नहीं मानेगा फिर!
सोनू हंसकर बोला- तो अंकल को भी पिला दो। हम दोनों पी लेंगे।
इस पर अंकल और मैं दोनों हंस पड़े मैं सोनू को थप्पड़ मारते हुए बोली- बद्तमीज, कुछ ज्यादा नहीं बोल रहे हो?
सोनू हंसते हुए बोला- अच्छा, अगर अंकल से शरमा रही हो तो वो आंख बंद कर लें तो फिर पिला दोगी मुझे!
मैं थोड़ा नखरा करते हुए मुस्कुराकर बोली- फिर सोचूंगी।
अंकल मुस्कुराते हुए बोले- फिर ठीक है, मैं आंख बंद कर लेता हूं।
ये कहकर अंकल ने आंख बंद कर ली।
सोनू बोला- अब तो अंकल ने आंखें बंद कर ली हैं, अब तो पिला दो दीदी?
सोनू और अंकल बेंच पर अगल-बगल बैठे मैं सोनू के बगल उसके कंधे पर हाथ रखे खड़ी थी।
मैं बिना कुछ बोले बगल से खिसक कर सोनू के सामने आ गयी।
सोनू बैठा था और मैं खड़ी थी जिससे उसका मुंह ठीक मेरी चूचियों के सामने था।
सोनू मुस्कुराते हुए मुझे देख रहा था.
मैंने भी मुस्कुराते हुए कुर्ती के आगे के बटन को खोलकर कुर्ती को चूचियों से हटाकर अगल-बगल खिसका दिया।
कुर्ती को खिसकाने से ब्रा में कैद चूचियां थोड़ा बाहर आ गयीं।
फिर मैंने धीरे से एक चूची पर से ब्रा को खिसका कर नीचे कर दिया जिससे मेरी चूची छलक कर ब्रा से बाहर आ गयी।
अब टॉर्च की हल्की रोशनी में मेरी गोरी-गोरी गोल चूची चमक रही थी।
मैं जानबूझकर अंकल को सुनाती हुई सोनू से बोली- पीयो अब, लेकिन ज्यादा देर तक नहीं पिलाऊंगी, बस जल्दी से थोड़ा सा पी लो।
सोनू एक हाथ मेरी पीठ पर ले जाकर एकदम से मुझे चिपका लिया और चूची के निप्पल को मुंह में रखकर चूसने लगा और दूसरे हाथ को नीचे मेरी कुर्ती के अंदर डाल कर लेगिंग के ऊपर से ही मेरी गांड को सहलाने लगा।
मैं एक हाथों से सोनू के सिर को पकड़ कर चूची पर दबाते हुए चुसवाने लगी और फिर अंकल की ओर देखा।
अंकल ठीक सोनू के बगल आंख बंद किये हुए बैठे थे।
वहीं मोबाइल पर चल रही पॉर्न मूनी की कामुक आवाज भी सुनाई तेज सुनाई दे रही थी।
सोनू ने चूची चूसते हुए मेरी तरफ देखा तो हम दोनों मुस्कुरा दिये।
हम दोनों जान रहे थे कि अंकल कुछ ही देर में आंख खोल देंगे.
और वही हुआ।
सोनू को चूचियां चूसते हुए अभी एक मिनट भी नहीं हुआ था कि अंकल आंख खोलकर हमें देखने लगे।
जैसे ही अंकल ने आंख खोली तो मैं सोनू के सिर को उसी तरह अपनी चूची पर दबाए चूची चुसवाते हुए मुस्कुरा कर बोली- गलत बात है अंकल … आपने आंख क्यों खोली?
सोनू नहीं देख पाया था कि अंकल आंख खोलकर कर देखने लगे हैं।
मेरे बोलने पर वो मेरी चूची से मुंह हटाकर अंकल की तरफ देखने लगा।
सोनू के मुंह हटाने के बाद भी मैंने चूची को ब्रा के अंदर नहीं किया और खुले ही रहने दिया।
अंकल और मेरे बीच बस इतनी दूरी थी कि अगर मैं सोनू के सामने से थोड़ा सा खिसक जाती तो मेरी चूची अंकल के सामने हो जाती।
अंकल एकटक मेरी चूची को देखे जा रहे थे।
सोनू एक हाथ से मेरी चूची को सहलाते हुए अंकल से मुस्कुराते हुए बोला- क्यों अंकल। देखा ना आपने कि हम दोनों कितना प्यार करते हैं एक-दूसरे को!
सोनू की बात पर अंकल हल्का सा मुस्कुराते हुए बोले- हां!
टॉर्च की रोशनी में उनकी आंखों में तैर रही वासना और कंपकंपाती आवाज़ से कामुकता साफ पता चल रही थी।
वो एकटक मेरी चूची को देखे जा रहे थे।
वहीं मोबाइल पर चल रही पॉर्न मूवी की कामुक आवाज़ माहौल को और कामुक बना रही थी।
मैं मुस्कुराते हुए बोली- मैं बोल रही थी ना अंकल कि पॉर्न देखने के बाद ये बिना पीये नहीं मानता।
सोनू मेरी तरफ देखकर बोला- दीदी, एक बार अंकल को भी पिला दो।
इतनी देर में मैं भी अब बेशर्म हो चुकी थी मुझे पता था कि अब ज्यादा नखरा करुंगी तो फिर मजा नहीं ले पाऊंगी।
इसलिए सोनू की बात पर मैं हल्का सा मुस्कुराते हुए बोली- क्यों अंकल पीएंगे आप भी?
ये कहते हुए मैं खिसक कर अंकल के सामने आ गयी।
मेरी चूची अंकल की आंखों के सामने थी।
बिना कुछ बोले उन्होंने दोनों हाथों से मेरी कमर को हल्का सा पकड़ कर अपनी तरफ खींचा और मेरी चूची को मुंह में भरकर चूसने लगे।
मैंने भी धीरे से एक हाथ से उनके सिर को पकड़ा और खड़े-खड़े चूची चुसवाने लगी।
सोनू बगल में बैठा देख रहा था।
तभी सोनू खिसक एक दम अंकल से सट कर बैठते हुए मुझसे बोला- दीदी दोनों बाहर करो ना!
अंकल से बूब सक सेक्स करती हुई, चूची चुसवाते हुए ही मैं कुर्ती के आगे के हिस्से को पूरा फैलाते हुए दूसरी चूची को भी बाहर निकालने की कोशिश करने लगी।
मुझे दोनों चूची निकालने की कोशिश करते हुए देखने पर अंकल भी चूची चूसना छोड़ कर सीधे हो गये और मुझे दोनों चूचियों को निकालने का टाइम दिया।
लेकिन कुर्ती के थोड़ा टाइट होने की वजह से दोनों चूचियां एक साथ बाहर नहीं आ रही थी।
तो सोनू बोला- कुर्ती उतार दो ना दीदी!
मैं बोली- पागल है क्या? कोई आ गया तो?
अंकल बोले- अरे नहीं बेटा, ट्रेन रुक भी जाये तो भी इस पर कोई नहीं आता। अब मेरी ड्यूटी चेंज होगी तभी कोई दूसरा इस पर आएगा।
सोनू और अंकल के साथ अब मैं भी बेशर्म होकर मजा लेना चाह रही थी।
फिर भी थोड़ा नखरा दिखाते हुए अंकल से बोली- पक्का अंकल। कोई नहीं आएगा ना?
अंकल बोले- हां बेटा कोई नहीं आएगा। वैसे भी चलती ट्रेन में कहां कोई आएगा और इस पर से इतने अंधेरे में तो कुछ दिखेगा भी नहीं।
बूब सक सेक्स कहानी पर आप अपने कमेंट्स देते रहें.
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बूब सक सेक्स कहानी का अगला भाग: मालगाड़ी में भाई और अनजान से चुदाई का रोमांचक सफर- 4
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