भाई की साली यानि भाभी की बहन की चूत चोदी
(Bhai Ki Sali yaani Bhabhi Ki Bahen Ki Choot Chodi)
मेरा नाम अरबाज़ खान है, मेरी उम्र 19 साल है.. लम्बाई 5 फुट 7 इंच है.. मैं राजस्थान के सवाई माधोपुर जिले के एक गाँव से हूँ। मैं डिप्लोमा कर रहा हूँ। मेरा लंड भी लम्बा और मोटा है।
मैं अन्तर्वासना पर 2010 से कहानियाँ पढ़ रहा हूँ।
मेरी यह साथ यह घटना तब हुई.. जब मैं पढ़ता था, सेक्स के बारे में ज्यादा नहीं जानता था।
जिस घर में मेरा परिवार रहता था.. उस घर के बगल में मेरा बड़े पापा(ताऊ) का लड़का यानि मेरा भाई अपनी बीवी के साथ रहता था। भाई की शादी को तीन चार महीने हुए थे।
मेरा भाई की कपड़ों की दुकान थी, वो दुकान पर रहता था और भाभी रोज ब्यूटी पार्लर पर काम सीखने जाती थी।
भाई और भाभी रोज सुबह 9 बजे जाते, भाई 8 बजे और भाभी 4-5 बजे घर आती थी।
दो तीन महीनों बाद भाभी प्रेगनेंट हो गईं। अब भाभी के घर के काम में हाथ बंटाने के लिए भाभी के पापा ने भाभी की छोटी बहन जोया को भाभी के पास भेज दिया, उसकी उम्र 18 साल की थी, उसके फिगर का नाप 34-28-36 का था.. वो कद्र की क़यामत लगती थी कि बस साली को कच्चा चबा जाऊँ।
ऐसे तो मैंने उसको 2 साल पहले भी देख लिया था.. पर अब वो मुझे बड़ी मस्त लग रही थी।
वो मुझे पहले से जानती थी।
अक्सर सेक्स मूवी देखने के बाद मेरा भी मन सेक्स करने का होता था। तो मैंने सोचा क्यों ना जोया (मेरे भाई की साली) को पटाया जाए।
वो जब भी मेरे साथ अकेले में बैठती, मैं उसके हाथ को सहलाने लगता.. तो वो मुझसे कुछ भी नहीं कहती और अपना हाथ मेरे हाथ के पास से हटा कर चली जाती।
कुछ दिनों तक ऐसे ही चलता रहा।
एक दिन मेरे बड़े पापा की लड़की जो उसकी सहेली थी और मेरी रानी जोया.. दोनों मेरे ताऊ के घर के अन्दर बातें कर रही थीं, मैं भी मेरी वाली को ढूँढते वहाँ आ गया।
जैसे ही मैं घर के अन्दर जाने वाला था.. तो मुझे उन दोनों की आवाज आई।
मैंने सोचा देखूँ भी तो.. ये दोनों क्या बातें कर रही हैं।
मेरी रानी ने मेरी बहन को सब बता दिया कि मैं कैसे उसके हाथ-पैर को सहलाता हूँ पर उसके बताने से मुझे कोई दिक्कत तो होने वाली नहीं थी क्योंकि मैं और मेरी बहन एक दूसरे की सभी बातें आपस में शेयर कर लेते थे, चाहे वो बातें कैसी भी हों।
अब वो दोनों बातें कर रही थीं.. जब मैंने सुना कि मेरी बहन जोया से कह रही थी कि अरबाज़ अच्छा लड़का है।
मेरी बहन रुखसार ने जोया के सामने मेरी तारीफ़ के पुल बांध दिए।
फिर क्या था जोया भी मुझ पर मरने लगी।
अब जब भी मैं उसके हाथ सहलाता तो वो बुरा न मान कर मेरा साथ देने लगी थी। कुछ दिन तो ऐसे ही निकल गए।
एक दिन मैं घर पर बैठा मूवी देख रहा था.. तभी मूवी में एक रोमान्टिक सीन आया, उस देख कर मैं उत्तेजित हो गया।
मैं घर से निकल कर भाई के घर चला गया, तब भाई के घर कोई नहीं था और जोया नहाने की तैयारी रही थी।
मुझे आता देख कर वो मुस्कराने लगी उसके पास जाकर मैंने उसे बांहों में ले लिया और उसके मम्मों को दबाने लगा।
वो सिसकारियां लेने लगी।
मैंने उसकी गर्दन पर किस किया.. तो उसे भी मजा आने लगा था। ऐसे ही हम पांच मिनट तक किस करते रहे।
फिर उसने मुझे रोका और बोला- कोई आ जाएगा।
मैंने उसे समझाया- कोई नहीं आएगा.. सब बाहर हैं।
भाई का घर छोटा था.. उसमें एक बेडरूम, बाथरूम और एक गैलरी थी। मैं उसे भाभी के बेडरूम में ले गया और दरवाज़ा लगा लिया।
फिर मैंने उसके कपड़े उतार दिए और किस करने लगा। अब सिर्फ पैन्टी और ब्रा में थी। मैंने उसकी ब्रा और पैन्टी भी उतार दिए। उसने भी मेरे कपड़े उतार दिए।
वो मेरे लन्ड को पकड़ कर हिलाने लगी और मैं उसके मम्मों को चूसने लगा, वो सिसकारियाँ लेने लगी, उसकी चूत में से पानी निकलने लगा।
अब मैंने उसे 69 की पोजीशन में कर लिया कुछ देर चुसाई के बाद मैंने मिशनरी पोजीशन में आकर अपना लन्ड उसकी चूत के मुँह पर रख कर जोर से धक्का मार दिया।
मेरा लन्ड उसकी चूत को चीरता हुआ 3 इंच तक उसकी चूत में घुस गया, वो दर्द से चिल्लाने लगी.. पर उसके होंठ मेरे होंठों में दबे थे.. तो आवाज मुँह से बाहर नहीं निकली।
लेकिन दर्द ज्यादा था तो उसकी आँखों से आंसू निकल आए। मैंने एक और जोर का धक्का लगाया.. इस बार मेरा पूरा लंड उसकी चूत में समा गया और वो दर्द से छटपटाने लगी।
मैं कुछ मिनट तक बिना हिले उसे किस करता रहा, जब वो नार्मल हुई तब मैंने धक्कों की स्पीड बढ़ा दी और वो ‘सअस.. उई..साआअ आह.. चोद मुझे.. मेरे राजा.. फाड़ दे मेरी चूत को..आह्ह..’
दस मिनट के बाद मैं झड़ने वाला था तब मैंने उससे पूछा- पानी कहाँ डालूँ?
उसने कहा- बाहर निकाल दो.. नहीं तो दिक्कत हो जाएगी।
मैं झड़ने लगा और माल उसके मम्मों पर डाल दिया।
कुछ देर मैंने उसे एक बार और चोदा।
फिर एक-दो दिन बाद जोया अपने घर चली गई और आज तक नहीं आई। मैं आज भी सेक्स के लिए तड़प रहा हूँ।
प्लीज मेल जरूर करें।
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