ट्रेन में मिली भाभी की बेटी को चोदा
(Train Me Mili Bhabhi Ki Beti Ko Choda)
दोस्तो, आपने मेरी पहली कहानी पढ़ी
ट्रेन में मिली भाभी की घर में चुदाई
और उसे बहुत प्यार दिया, मुझे बहुत से मेल आये, उनके लिए बहुत बहुत आभार!
जो लोग मेरी कहानी पहली बार पढ़ रहे हैं, उनको अपने बारे में बता दूँ मेरा नाम शालीन (बदला हुआ), 25 साल का एवरेज बॉडी का लड़का हूँ, मेरे लंड का साइज़ 6.5 इंच है.
अन्तर्वासना पर दूसरी कहानी है, पहली कहानी से ही उसके आगे की कहानी है।
आपको मैंने बताया था कैसे मेरे को भाभी की चुदाई करते उनकी लड़की ने पकड़ लिया था और तब थोड़ा ड्रामा हुआ था। लेकिन भाभी जाते टाइम मेरे को बोल कर गई थी कि बेटी का ख्याल रखना पढ़ने आई है, बिगड़ ना जाये क्योंकि कोटा का माहौल कुछ ऐसा ही है।
और बेटी को बोल कर गई थी कोई चीज़ की जरूरत पड़े तो अंकल को बोल देना।
भाभी के जाने के बाद वो कई बार मेरे से पैसे लेने आई, मैं जॉब करता था इसलिये जब भी उसको जरूरत पड़ती मैं उसको पैसा दे देता था।
इस प्रकार हमारी धीरे धीरे दोस्ती होने लग गई थी और ऊपर से वो जवान भी होती जा रही थी बूब्स बड़े हो रहे थे।
धीरे धीरे मेरा नजरिया उस के लिए बदलता गया।
सर्दी आने लग गई थी तो मैंने सोचा इस को पटाया जाये और इसकी सील तोड़ी जाये।
जैसा मैंने सोचा था किस्मत ने मेरा साथ दिया, एक दिन में मूवी देखने गया हुआ था तो वो एक लड़के के साथ आई हुई थी और लड़के का हाथ पकड़ के वहाँ गेट पर खड़ी थी. मुझे देखते ही थोड़ा सा झेंप सी गई, मुझे हेलो बोला और मैं वहाँ से दूर जाकर के खड़ा हो गया और उनको नोट करता गया।
जैसे मेरे को उम्मीद थी, उसका रात को नौ बजे कॉल आया और बात करने लगी और बोली- अंकल, आप मम्मी को मत बता देना, वो मेरा बॉयफ्रेंड है एक साल से… हम शादी करेंगे पर मम्मी को सही समय पर बतायेंगे।
मैंने सोचा कि यही मौका है फायदा उठाया जाये… मैंने कहा- सही सही बताऊँ तो ‘शादी वगैरह नहीं करेगा वो… सीधी सी बात है, तुम एक दूसरे की जरूरत पूरी कर रहे हो।’
मेरी बात सुन कर वह भी सीधा पॉइंट पर आ गई, बोली- ये तो सही है, पर क्या करूं, अब जरूरत पड़ती है मेरे को!
मैंने कहा- बात जरूरत की है तो हम रिलेशन को आगे बढ़ा लेते हैं, तुम को किसी तरह की प्रॉब्लम नहीं आने दूंगा, ना कभी पैसों की प्रॉब्लम होगी।
एक बार तो वो चुप हो गई, फिर बोली- आपका मम्मी के साथ रिलेशन था, मेरे साथ ये अच्छा नहीं होगा।
मैंने कहा- अच्छा बुरा कुछ नहीं है, सब जरूरत की बात है, कुछ दिन पहले तुम्हारी मम्मी की जरूरत थी वो, अब तुम्हारी जरूरत है।
उसने बोला- मैं आप को सोच के बताती हूँ।
दूसरे दिन उस का कॉल नहीं आया, मैं इंतज़ार करता रहा.
तीसरे दिन उसने कॉल किया, बोली- मैंने सोचा… अब फाइनल मैंने यह फैसला लिया है कि मैं आपके साथ रिलेशन को तैयार हूँ।
मैं मन ही मन बहुत खुश हुआ और मैंने कहा- कब मिलें?
तो उसने बताया- फुल वीक क्लास है, इस शनिवार रविवार छुट्टी है।
मैंने उसको पूछा- क्या प्लान करें!
उसने बोला- जैसा आप करो!
मैंने कहा- ड्रिंक चलेगी?
वो बोली- हाँ लाइट बियर!
फ्राइडे इवनिंग को मैं हमारे प्लान के अनुसार उसको लेने पहुँच गया, वो ब्लैक टॉप और ब्लू जीन्स पहन के आई थी फिटिंग में… बहुत ही क़यामत लग रही थी, मन किया यहीं रगड़ दूँ।
मैंने उसको कहा- मस्त लग रही हो!
उसने कहा- थैंक यू!
और हम मेरे रूम पर आ गए।
आने के बाद मैंने बरमूडा पहन लिया उसको भी बोल दिया- चेंज करना चाहो तो कर लो!
उसने कहा- मैं ऐसे ही ठीक हूँ।
हमने एक एक बियर फ्रिज से निकली और बेडरूम में आ गए जहाँ ए सी चल रहा था, मैंने चियर्स करके बीयर पीनी शुरू की, आधी आधी बीयर पिने के बाद हमारी बात शुरू हुई, मैंने उसको बताया कि कैसे मैं उसकी मम्मी से मिला.
उसने बताया- आप मेरे को पसंद तो पहले से थे पर मम्मी के साथ रिलेशन की वजह से आपको इस नज़र से देख नहीं पाई।
मैंने कहा- अब देख लो!
और हम हंसने लगे।
धीरे धीरे उस को नशा होने लगा था, हम पास आ गए और मैंने उसको पास करते हुए पहले लिप्स पर किस कर दिया. वो किस काफी अच्छा था, लगभग २ मिनट चला. मैंने धीरे धीरे उसके बूब्स दबाने शुरु किये, वो गर्म होने लग गई थी.
मैंने अपनी टीशर्ट निकाल दी, वो मेरी बॉडी पर हाथ फेर रही थी, मैंने उस का टॉप खोल दिया।
उसने ब्लैक कलर की ब्रा पहन रखी थी, उसके बूब्स 30 सी थे उस टाइम!
उसके बाद मैंने उसकी ब्रा खोल दी और मैं उसके ऊपर आकर किस करने लगा, बूब्स चूसने लगा। उसकी पूरी बॉडी को किस करते हुए मैंने उसकी जीन्स खोल दी और उसकी ब्लैक पेंटी भी उतार दी. अब वो बिल्कुल नंगी थी, मैं उसको किस कर रहा था कभी बूब्स पर, कभी कमर, पर कभी टांगों पर…
वो बहुत ज्यादा चिकनी थी।
किस करते हुए मैंने उसकी टांगें खोली तो देखा ‘बिल्कुल साफ़ चूत…’
मैं देखते ही चूसने लगा उसकी चूत और उसके दाने को…
वो बहुत गर्म हो गई थी सिसकारियाँ भर रही थी, उसकी चूत गीली हो गई थी।
अब वो खड़ी हुई, मेरा लंड निकाल के रगड़ने लग गई और घुटनों पर बैठ कर के झुक के लंड को चूसने लग गई. बहुत मस्त तरीके से लंड चूस रही थी, वो अपनी मम्मी से भी मस्त लंड चूस रही थी।
फिर वो बोली- अंकल, अब आ जाओ, चोद दो, अब रुका नहीं जाता!
मैंने कहा- लेट जाओ… जैसे तुम्हारी मम्मी को चोदा था, वैसे ही चोदूँगा!
मैं उसको लिटा के उसके ऊपर चढ़ गया, पहले सेट करके झटका मार लंड आधा गया, उसको दर्द हो रहा था, उसने बोला- लंड बड़ा ज्यादा है आपका… इतना बड़ा नहीं लिया मैंने कभी!
दूसरे झटके में पूरा लंड अन्दर था.
मैं थोड़ी देर रुका, फिर उसके बूब्स चूसते हुए चोदता रहा, वो मज़े लेकर चुद रही थी।
फिर मैंने उसको डॉग पोजीशन में किया और पीछे खड़ा होकर के लंड डाल दिया, एक बार फिर उसको दर्द हुआ पर सहन कर गई.
इस तरह हम पूरे जोश में लगभग तीस मिनट चुदाई करते रहे, फिर वो थकने लग गई थी क्योंकि वो दो बार झड़ गई थी.
मैंने कहा- मेरा निकलने वाला है!
उसने कहा- मुझे पिला दो!
मैंने पूरा पानी उसको पिलाया, उसने मेरा लंड चाट चाट के साफ़ कर दिया और लेट गई।
हम बातें करने लगे.
उसने बताया- आप सेक्स में बहुत मजा देते हो. अब समझी कि मम्मी आपके लंड की क्यों दीवानी थी।
आगे उसने बताया- आपका लंड लेने की इच्छा तो तब से है जब से आप का लंड देखा था मम्मी को चूसते हुए! अब आप मम्मी को भूल जाओ, मैं आपकी होकर रहना चाहती हूँ। अब से माँ बेटी की चुदाई नहीं चलेगी, सिर्फ बेटी की चुदाई से काम चलाना पडेगा.
उस दिन से आज तक हमारा रिलेशन है, उसको चोदते हुए मुझे तीन साल हो गए हैं, अब वो काफी जवान हो गई है, बहुत मज़ा देती है।
दोस्तो, आपको मेरी ये कहानी कैसे लगी जरूर लिखना
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