बहन की सहेली की चूत की चुदाई की सेक्सी स्टोरी

(Bahan Ki Saheli Ki Choot Ki Chudai Ki Sexy Story)

luckysingh 2017-05-26 Comments

इस सेक्सी स्टोरी में मैं आपको बताना चाहूँगा कि कैसे मैंने मेरी बहन की सहेली शीला की चूत की चुदाई की!

अन्तर्वासना के पाठकों को नमस्कार.. मैं अन्तर्वासना में प्रकाशित हिंदी सेक्सी स्टोरी को काफ़ी समय से पढ़ रहा हूँ।

मैं दिल्ली में रहता हूँ.. आज मुझे भी अपनी सेक्सी स्टोरी आप सभी के सामने रखने का मौका मिला है.. साथ ही मेरा यह भी मानना है कि आप सभी को भी अपने सेक्सी अनुभवों को अन्तर्वासना पर साझा करना चाहिए ताकि इस विषय को रुचिकर बनाते हुए, इससे सम्बन्धित तमाम भ्रांतियों को समझा जा सके।

इस सेक्सी स्टोरी में मैं आपको बताना चाहूँगा कि कैसे मैंने मेरी बहन की सहेली शीला को चोदा।

शीला हमारे घर के पास ही रहती थी, दिखने में काफ़ी सेक्सी थी.. साफ़ बोलूँ तो वो एकदम जबरदस्त माल थी। वो 12वीं क्लास में पढ़ती थी, अभी जवानी की दहलीज़ पर ही कदम रख रही थी।
शीला के सेक्सी फिगर के बारे में हमारे आस-पड़ोस के लोंडे भी काफ़ी अश्लील बातें करते थे।
वाकयी में वो थी ही इतनी सेक्सी कि उसे देखते ही किसी का मन उसे चोदने का करने लगे।

मेरा तो काफ़ी मन करता था कि उसको अभी ही पटक कर चोद दूँ.. मगर पड़ोस का मामला था, कहीं बात बिगड़ ना जाए.. इसलिए चुप रह जाता था।

शीला कुछ समय बाद मेरी बहन की अच्छी सहेली बन गई और उसका हमारे घर में आना-जाना भी होने लगा, हमारे परिवार की उनके परिवार से भी अच्छी बोल-चाल हो गई थी।

मैं पढ़ाई में अच्छा था और इसी कारण उसकी मम्मी ने मुझे टयूशन पढ़ाने के लिए बोला.. मैंने तुरंत ‘हाँ’ कर दी। चूंकि मैं उस टाइम कॉलेज में था.. मैंने सोचा इसको पास से देखने के साथ-साथ कुछ पॉकेट मनी भी बन जाएगी।

अगले दिन वो मुझसे पढ़ने मेरे घर आई… जीन्स-टॉप में क्या गजब माल लग रही थी। उसका दूध सा गोरा बदन.. मोटी चुची और कदली सी जांघें.. अह.. सब कुछ बहुत ही मस्त लग रहा था। उसका फिगर लगभग 32-28-30 का रहा होगा। मेरा पढ़ाने में कम.. उसकी चुची में ज्यादा लग रहा था।
वो भी मुझे पढ़ते हुए मेरी आँखों में आँखें मिला कर पढ़ रही थी, उसकी निगाहों से ऐसा लग रहा था मानो जैसे लंड चूसने को तैयार हो।

कुछ समय बाद हमारी दोस्ती भी हो गई और उसने मुझे प्रपोज़ भी कर दिया।
मानो मेरी तो लॉटरी ही निकल पड़ी हो, मैंने भी उसको बोला कि मैं भी तुम्हें काफ़ी टाइम से पसंद करता हूँ.. पर पड़ोस का मामला होने के कारण बोल ना सका।

वह मुस्कुरा दी और मैंने उसको अपनी बांहों में भर लिया, उसके होंठों पर अपने होंठ रख दिए, वो भी मेरा साथ देने लगी।

प्यार-मुहब्बत का सिलसिला चल पड़ा.. बस अब चोदने की तड़प थी और उसे भी चुदने की चुल्ल हो गई थी।

घर मैं ज्यादा लोग होने के कारण मैं अपने ही घर में रिस्क नहीं लेना चाहता था.. बस सही मौके का इंतज़ार कर रहा था.. और वो मौका भी जल्द ही आ गया।

कुछ दिन बाद उसके परिवार को किसी की शादी में दो दिन के लिए जाना था। बोर्ड के एग्जाम नजदीक होने के कारण शीला वहाँ जा ना सकी और बस अब मौके पर चौका लगाने की बारी आ गई थी।

अगले दिन मैं दोपहर में उसे पढ़ाने के लिए उस दिन उसके घर गया। उस वक़्त उसने एकदम टाइट कपड़े पहन रखे थे, उसकी चुची मानो पर्वत की नोक जैसे लग रही थी।
मैं जाते ही उसकी चुची पर हाथ फेरने लगा और साथ ही उसे किस पर किस करने लगा।

थोड़ी देर में वो भी गर्म होने लगी.. मानो वो न जाने कितने जन्मों की प्यासी हो।

मैंने उसका जब टॉप निकाला.. तो उसने छोटी सी ब्रा पहनी हुई थी। उसकी ब्रा से जैसे ही चुची निकली.. वो एकदम टाइट हो चुकी थी।

फिर मैंने अपना लंड बाहर निकाला और उसको लंड पर किस करने को बोला।
पहले तो उसने मना कर दिया.. फिर दो-तीन बार बोलने के बाद उसने मेरे लंड पर किस किया.. अच्छा लगा तो फिर धीरे-धीरे चूसने लगी।
करीब 5 मिनट तक वो मेरा लंड चूसती रही और मेरा लंड उसके मुँह में ही झड़ गया।

इसके बाद मैंने उसकी चूत में उंगली डाली.. अह.. दोस्तो उसकी चूत एकदम टाइट थी। कुछ देर चूत की फिंगरिंग की तो वो चुदाई के लिए मचलने लगी।

मैंने जैसे ही पोजीशन बना कर उसकी चूत में लंड डाला.. तो पहले तो घुसा ही नहीं.. फिर मैंने सोचा कि थोड़ा तेल लगा कर चूत का उदघाटन किया जाए। मैंने उससे तेल के लिए कहा तो उसने सरसों के तेल की शीशी दी, मैंने अपने लंड के साथ उसकी चूत पर भी तेल लगा दिया, इसके बाद उसको टांगें फैलाया कर लिटाया और निशाना लगा कर उसकी चूत पर जोर डाला।

मुझे पता था कि साली की चूत टाइट है.. लंड घुसने पर चिल्लाएगी ज़रूर.. इसलिए पेलने के पहले मैंने उसके मुँह पर हाथ रख दिया था।
लंड घुसेड़ा तो शीला तड़फ उठी, पर मैं लगा रहा।

कुछ देर बाद शीला जब नॉर्मल हो गई.. तो उसको भी मज़ा आने लगा और कामुक सिसकारियों की आवाज़ आने लगी ‘आ उउउ आह उउउ.. उम्म्ह… अहह… हय… याह… और जोर से चोदो.. और चोदो..अह..’

फिर हम दोनों ने देर तक अलग-अलग पोजीशन में खूब सेक्स किया।

झड़ने के बाद हम दोनों ने एक-दूसरे से प्यार मुहब्बत की बातें की और मैं घर चला आया।

उस रात को मैंने चुपके से उसके घर जाकर उसको फिर चोदा।

इसके बाद तो खेल चलता रहा.. कभी उसको मेरे घर पर चोदा.. कभी उसके घर पर चोदा.. जब-जब हम दोनों को मौका मिलता.. हम दोनों चूत चुदाई का खेल जरूर खेलते।

मेरे पड़ोस में चूंकि वे लोग किराए से रहते थे। जब उसके पापा के तबादला हो गया तो शीला को परिवार सहित दिल्ली छोड़ कर ग़ाज़ियाबाद जाना पड़ा।

आपको मेरी सेक्सी स्टोरी अच्छी लगी या नहीं, मुझे मेल कीजिएगा।
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