अन्तर्वासना का तोहफा- फिर से मिली कुंवारी चूत-2

(Antarvasna Ka Tohfa Fir Se Mili Kunvari Chut- Part 2)

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रात को भैया और भाभी को कमरे में भेजने के बाद पायल ने मेरी माँ से कहा कि वो मेरे कमरे में सोएगी आज…
और मुझे कहीं और सोने की कहा।
साथ ही मुझे मैसेज कर दिया कि रात को 12 बजे कमरे में आ जाना।

मैं करीब 12:15 पर कमरे में गया तो अंदर का नजारा देख कर हैरान रह गया। मेरा कमरा पायल ने दूल्हे के कमरे जैसा सजाया हुआ था और खुद एक दुल्हन की तरह तैयार होकर बेड पर बैठी थी।

मेरे पूछने पर बोली- आज तेरे भाई भाभी के साथ हम भी अपनी सुहागरात मनायेगें।
यह सुन कर तो मैं जैसे पागल ही हो गया था, मैंने जाकर उसको बाँहो में लेना चाहा तो बोली- जल्दी न करो, आज पूरी रात अपनी है।

उसने मुझे पहले दूध पिलाया और उसके बाद मेरा जूठा दूध खुद पिया जैसे कि सुहागरात को सब करते हैं।
फिर वो बेड पर बैठ गई और मुँह पर पल्ला कर लिया।
मैं समझ गया कि आज पायल पूरी रीति रिवाज से सुहागरात मनाना चाहती है।

मैंने पास जाकर उसका पल्ला उठाया तो उसने मुझसे मुंह दिखाई मांगी।
उस वक़्त मेरे पास कुछ नहीं था, पर मैंने उनको अगले दिन देने का वायदा किया।

और उसके बाद हमारी प्रेम- लीला शुरु हो गई।
मैंने उसकी ज्यूलरी और लहंगा उतार कर साइड में रख दिया और उसको सिर्फ ब्रा पैंटी में रहने दिया।

क्या मस्त फिगर था पायल का 32-28-34… जिसको देखकर सबका दिल मचल जाए। उसके बाद मैं उसके गुलाबी होंठों का रसपान करने लगा और वो भरपूर मेरा साथ दे रही थी।
कभी ऊपर वाले होंठ को चुसता तो कभी नीचे वाले होंठ को काटता।
फिर मैंने उसकी ब्रा को निकाल दिया और उसके मौसमी जैसे चूचियों को चूसने लगा, दबाने लगा और दांतों से काटने लगा।
उसके मुंह से सिसकारियाँ निकलने लगी थी ‘उफ्फ्फ ओह्ह आह्ह…’ वो पागल सी होती जा रही थी।

पायल- मेरी जान आराम से करो, दर्द हो रहा है। पूरी रात मैं तुम्हारी ही हूँ।
मै- जान इस दर्द का अपना ही मजा है। थोड़ा दर्द सहन करो और फिर मजा ही मजा है आगे। आज तुम्हे वो मजा दूँगा कि तुम आज की रात भूल नहीं पाओगी।

उसकी मौसमी चूची को मुँह में लेकर चूसने का अलग ही मजा था। बिल्कुल मौसमी की तरह खट्टा मीठा!

मैं उसको किस कर रहा था और वो मेरे कपड़े निकाल रही थी।
कुछ देर बाद वो सिर्फ पैंटी में और मैं निकर में रह गया था।

एक हाथ से उसकी चूची दबाते हुए मैं दूसरा हाथ उसकी चूत पर ले गया तो देखा कि उसकी पैंटी गीली हो चुकी थी, मतलब वो गर्म हो चुकी थी।
मैंने हाथ उसकी पैंटी के अंदर डाला तो उसकी चूत पर एक भी बाल नहीं था।
पूछने पर बोली- आज ही नहाते हुए साफ़ किये थे तेरे लिए!

एकदम चिकनी चूत थी उसकी… हो भी क्यों ना, अब तक अनछुई कुंवारी चूत जो थी।

पायल- आपको मेरे मम्मे अच्छे लगते हैं ना… अब इनका रस पी लो… मुझे प्यार दो… मेरे जिस्म को नोंच डालो… मैं तैयार हूँ आपके प्यार को पाने के लिए… उसके बाद अपने लंड से मेरी चूत को ठंडा करना!

मैं- मेरी जान… कसम से तू ऐसी क़यामत होगी… मैंने सोचा भी नहीं था। अब तू अपनी जान का कमाल देख… कैसे तेरी वासना को मिटाता है।

मैं अब पायल के मम्मों को दबाने लगा और पायल के मुँह में अपनी जीभ डाल कर उसको मज़ा देने लगा। बेचारी वो तो पहले से बहुत गर्म थी, अब मैं उसको और गर्म करने लगा था।

कुछ देर ये चलता रहा… उसके बाद पायल सिसकारियाँ लेती हुई बोली- उफ़फ्फ़ जानू… आह… मेरी चूत की आग मिटा दो… आह… फाड़ दो इसे… बहुत इसस्स स्स… परेशान कर रही है… आह… ओह्ह… कुछ करो आह…

इतना सुनते ही मैं 69 की पोजीशन में आ गया और पायल की गुलाबी चूत को हाथ से खोलकर देखा तो सच्ची में उसकी चूत अब तक सील बंद थी, उसकी चूत की झिल्ली अब तक टूटी नहीं थी।

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जैसे ही मैंने अपनी जीभ से उसकी चूत को छुआ तो पायल अंगड़ाई तोड़ने लगी और मेरे सर को पकड़कर चूत पर दबाने लगी।
मैंने उसको अपना लण्ड चूसने को कहा तो उसने मना कर दिया।
मैंने भी ज्यादा जोर नहीं दिया क्योंकि प्यार जबरदस्ती से नहीं होता। रजामंदी से किया गया प्यार दिल को सुकून देता है।

उसके बाद मैं उसकी चूत को चूसता रहा, उसकी चूत के रस का स्वाद भी मस्त था, दिल कर रहा था कि इसकी चूत से रस बहता रहे और मैं इसको चाटता रहूँ।

हम दोनों कुछ देर तक ये खेल खेलते रहे।

अब मेरे भी बस के बाहर हो गया था। मैं बैठ गया… और पायल की टांगें फैला दीं और चूत पर उंगली घुमाने लगा।

पायल- आह… इससस्स… मेरी जानू… घुसा दो आह…. अब बस बर्दाश्त नहीं होता . उफ्फ़…

मैं उंगली से चूत को खोलने की कोशिश करने लगा… पर चूत बहुत टाइट थी। मैंने थोड़ी सी उंगली चूत के अन्दर डाली… तो पायल ज़ोर से उछली।
पायल- आअऊच … आराम से उफ्फफ़… दुखता है ना!

मैं- अरे ये क्या पायल… तुमने आज तक अपनी चूत में उंगली भी नहीं डाली… इतना सा दर्द सह नहीं पा रही हो… लौड़ा जाएगा तो कैसे सह पाओगी?
पायल- आह… पता नहीं… मगर जैसे भी डालना है… अब डाल दो… मेरे सर में दर्द होने लगा है… एक अजीब सा भारीपन मुझे महसूस हो रहा है… पता नहीं मुझे क्या हो रहा है… मेरी चूत में बहुत खुजली होने लगी है। अब तो आप डाल ही दो बस…

मैं- ठीक है पायल… अब मेरा लौड़ा भी बहुत अकड़ कर दर्द करने लगा है, अब तो इसको चूत की गर्मी ही ठंडा कर सकती है।

पायल- जानू प्लीज़… जरा आहिस्ते से पेलना… यह मेरा पहली बार है।
मैं- तू फिकर मत कर मेरी जान… तेरा पहली बार है… मगर मैंने बहुत सी चूतें खोली हैं… मैं सब जानता हूँ कि कैसे करना है… और तू तो मेरी जान है… तुझे थोड़ी ज़्यादा तकलीफ़ दूँगा।

पायल- ओह्ह… रियली? तुमने मुझे तो कभी बताया नहीं!

मै- अरे चल अब बातें बन्द कर… पैर ठीक से फैला… ताकि तेरी चूत की आज ओपनिंग कर दूँ।

पायल ने घुटने मोड़ कर पैर फैला लिए… जिससे उसकी चूत थोड़ी सी खुल गई, मैंने टेबल से क्रीम ले ली और अपने लौड़े पर लगाने लगा।
पायल- क्या कर रहे हो जान?

मैं- अरे लौड़े पर क्रीम लगा के चिकना कर रहा हूँ ताकि आराम से फिसलता हुआ अन्दर घुस जाए… इससे तुझे तकलीफ़ कम होगी… समझी?
पायल- ओह्ह… थैंक्स स्वीटहार्ट. आप मेरी कितनी फिकर करते हो…

मैंने थोड़ी क्रीम पायल की चूत पर भी लगाई… थोड़ी उंगली से चूत के अन्दर भी लगाई।
पायल- आह… आराम से… कहीं नाख़ून ना लग जाए…

मैं अब कुछ बोलने के मूड में नहीं था, बस लौड़े को चूत पर सैट किया और धीरे-धीरे दबाव बनाने लगा… मगर चिकनाई से लौड़ा ऊपर को फिसल गया।

पायल की चूत बहुत टाइट थी… लण्ड का सुपारा भी अन्दर नहीं घुस पा रहा था। मगर मैं कोई कच्चा खिलाड़ी नहीं था… उंगली से चूत को थोड़ा सा खोला और सुपारा अन्दर फँसा दिया और धीरे-धीरे दबाव बनाने लगा।

पायल- आह… बहुत दर्द हो रहा है… उफ़फ्फ़… जरा आराम से… डालना… आह्ह… आपका बहुत मोटा है… ओह्ह… गॉड… मेरी जान निकल जाएगी… इस दर्द से… आह… आह…

मैं- अरे अभी डाला कहाँ है… बस लंड का टोपा चूत में फँसाया है मैंने… अब तू दाँत भींच ले… बस एक बार दर्द होगा… उसके बाद हमेशा के लिए मज़े ही मज़े।

पायल ने बिस्तर की चादर को कस के पकड़ लिया और डर से अपनी आँखें बन्द कर लीं…

मुझे पता था दर्द के कारण पायल शोर करेगी, वो उसी अवस्था में उसके ऊपर लेट गया और उसके होंठों पर जोरदार किस शुरू कर दी।
मैं अब लौड़े से दबाव बनाता जा रहा था… धीरे-धीरे उसका सुपारा अन्दर घुसाने लगा और दर्द के कारण पायल का बदन मचलने लगा।

पायल की टाइट चूत में लौड़ा घुसना आसान नहीं था, अब मुझे थोड़ा ज़ोर लगाना पड़ रहा था और पायल की सील ऐसे प्यार से टूटने वाली थी नहीं… तो मैंने एक झटका मारा, इस प्रहार से 3″ लौड़ा चूत की सील तोड़ता हुआ अन्दर चला गया।

पायल को दर्द की एक तेज लहर जिस्म में होने लगी, उसकी चीख निकली… मगर मेरे होंठों के नीचे दब कर रह गई।
वो छटपटाने लगी।

मैंने कस कर उसके हाथ पकड़ लिए और लौड़े को दोबारा पीछे किया, अबकी बार का धक्का पहले से ज़्यादा तेज़ था, पूरा लौड़ा झटके से चूत की गहराई में समाता चला गया।

पायल ज़ोर से चिल्लाई… मगर आवाज़ बाहर कहाँ से आती… उसका मुँह तो मैंने होंठों से बन्द किया हुआ था।
मैं जानता था कि सील टूटने से उसको कितना दर्द हुआ होगा… मुझे अहसास हो गया था कि पायल की चूत से खून का रिसाव शुरू हो गया… जो मेरे लौड़े से होता हुआ बिस्तर पर गिरने लगा है।

मैंने पूरा लौड़ा अन्दर घुसा दिया… अब बिना हिले बस ऊपर लेटा रहा और पायल के होंठ चूसता रहा।
पायल की आँखों में आँसू आ रहे थे।
मैं- सॉरी पायल… मेरी वजह से तुम्हें कितना दर्द हो रहा है ना…

पायल- आह… बहुत दर्द हो रहा है… आह… आपने पूरा एक साथ क्यों डाल दिया… आह… आराम से डालते तो ठीक रहता… ऑफ… मेरी चूत फट गई…
मैं- नहीं पायल… धीरे-धीरे डालता… तो दर्द ज़्यादा होता… एक ही बार में डालने से एक बार दर्द हुआ। अब तुम्हें आराम से चोदूंगा।

कुछ देर बाद पायल का दर्द कम हुआ तो मैं लौड़े को आगे-पीछे करने लगा।
दस मिनट तक धीरे-धीरे मैं पायल को चोदता रहा। अब पायल का दर्द कम होने से उसको दर्द के साथ मज़ा भी आने लगा था।

पायल- आह सीई… आह… अब तेज करो ना… आह… मेरी चूत जल रही है… आह… फक मी हार्ड… आह… फक मी…
मैं समझ गया कि अब पायल की उत्तेजना चरम सीमा पर आ गई है… तो मैंने भी स्पीड बढ़ा दी और ‘दे…दनादन…’ लौड़ा पेलने लगा।

पायल- आह…आईईइ…उफ़फ्फ़…… आह… मज़ा आ रहा है… आह… चोदो… आह…
मैं- उहह उहह… मेरी जान… आह… तेरी चूत बहुत टाइट है… आह… ऐसी चूतें मिलती रहें… तो लौड़े को मज़ा आ जाए… उफ़… ले संभाल… ले…

मैं अब स्पीड से चोदने लगा था और पायल भी उछल-उछल कर साथ दे रही थी, दो जवान जिस्म अब एक जान हो गए थे।
पायल- आह… फास्ट आह… और फास्ट, मेरी चूत फटने वाली है… आह… मैं गई… आह आई… उफफ्फ़ सस्सस्स…

पायल की चूत ने लावा उगल दिया और उसी के साथ मेरे लौड़े ने भी उसके रस से अपना रस मिला दिया, पायल की कुँवारी चूत मेरे रस से भर गई, ये पल पायल को बहुत सुकून दे रहे थे, मेरा गर्म वीर्य उसकी चूत को सुकून दे रहा था।

काफ़ी देर तक दोनों एकदम शान्त… वैसे ही पड़े रहे।
पायल- उफ़फ्फ़… अब हटो भी… मुझे देखने तो दो… मेरी चूत का आपने क्या हाल किया है… लगता है आपने मेरी चूत फाड़ ही दी।

मै-… वैसे कुछ भी कहो… तुम सच में कमाल की हो… ऐसे हुस्न के साथ आज तक कुँवारी घूम रही थी?
पायल-. पहले हटो तो सही… मुझे बाथरूम जाना है।

मैं धीरे से एक साइड में हो गया।
मेरा लौड़ा अब मुरझा गया था, उस पर दोनों के रस के साथ पायल की सील टूटने के कारण निकला हुआ खून भी लगा था।

पायल धीरे से बैठ गई और झुक कर जब उसने चूत को देखा।
पायल- ओह्ह… गॉड… इतना खून निकलता है पहली चुदाई में… मेरी चूत पर कितनी सूजन आ गई है… देखो तो…
मैं- अरे डरो मत पायल… पहली बार है ना… ऐसा होता है। गर्म पानी से साफ कर लो… आराम मिलेगा…

पायल जब बिस्तर से उतरने लगी… उसको चूत में दर्द महसूस हुआ- आह… बहुत दर्द हो रहा है… मेरे पैर भी दु:ख रहे हैं और कमर में भी बहुत ज़्यादा दर्द हो रहा है।
मैं- आओ मेरी जान… मैं तुम्हें बाथरूम तक ले जाता हूँ… वहाँ अपने हाथों से तुम्हारी चूत को साफ करूँगा ओके…

पायल ने मुस्कुरा के ‘हाँ’ कहा… तो मैंने उसको सहारा दिया… वो लंगड़ाती हुई मेरे साथ बाथरूम तक गई।
वहाँ जाकर पायल को आराम से नीचे बैठा कर मैं गर्म पानी से चूत पर लगा खून साफ करने लगा।

पायल- आह… आराम से जानू… दुखता है… आपने कितना मोटा डंडा… जो मेरी छोटी सी चूत में घुसा दिया ना…
मैं- अरे पायल… तेरी चूत तो ऐसी थी कि उंगली जाने से भी दर्द कर रही थी। अब मेरा लौड़ा गया है… तो थोड़ा तो दु:खेगा ही… पर तुझे अबकी बार ज़्यादा मज़ा आएगा… देख लेना…

पायल ने भी मेरे लौड़े को पानी से साफ किया और प्यार से उसको सहलाने लग गई।
काफ़ी देर तक दोनों एक-दूसरे को साफ करते रहे।

उसके बाद पायल ने कहा- आप जाओ… मैं थोड़ी देर बाद आती हूँ।
तो मैं वहाँ से बाहर आ गया और बेड पर लेट गया, आँखें बंद करके चुदाई को यादों में लाने लगा।

पायल जब बाहर आई तो मैं बैठा हुआ उसको देख रहा था।
पायल- क्या बात है… नजरें बाथरूम पर टिकाए हुए बैठे हो।
मैं- हाँ पायल तुमने मुझे अपना दीवाना बना दिया है… सच्ची इतनी चूतें मारी हैं… मगर तेरे जैसी किसी की नहीं थी।

पायल मुस्कुराती हुई बड़ी अदा के साथ चलती हुई मेरे पास आकर बैठ गई और उसके होंठों पर एक किस कर दिया और मुझे जन्मदिन विश करती हुई बोली की कैसा लगा जन्मदिन का तोहफा?

शादी के काम में और पायल की चूत मारने के चक्कर में मैं अपना जन्मदिन भूल ही गया था पर पायल ने याद रखा और ऐसा तोहफा दिया जिसको मैं कभी भूल नहीं सकता।
मैंने पायल को शुक्रिया अदा किया और उसको गले से लगा लिया और कहा- पायल… आई लव यू सो मच मेरी जान!

जवाब में पायल ने भी ‘आई लव यू टू…’ कहा और मेरे सीने से चिपक कर सो गई।

उसके बाद पायल 2 दिन मेरे घर पर रही और जब भी मौका मिलता हम दोनों सेक्स करते।
उसके बाद वो अपने घर वापिस लौट गई।

अब मेरी और पायल की शादी फिक्स हो गई है, बहुत जल्दी हम दोनों शादी के बंधन में बंध जाएंगे।

तो दोस्तो, यह थी मेरे जन्मदिन पर मिले सुहागरात के तोहफे की सच्ची कहानी।
ऐसा तोहफा जो मेरी जिन्दगी ही बदल गया।

आपको मेरो कहानी कैसी लगी, मुझे आप सबकी प्यार भरी मेल का इंतज़ार रहेगा।
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