अनजाने में लड़की को माँ बनाया

(Anjaane mein Ladki Ko Maa Banaya)

ध्रुव 2017-06-07 Comments

नमस्ते दोस्तो, यह मेरी जिंदगी की एक बिल्कुल सच्ची कहानी है। गोपनीयता बनाये रखने के लिए इसमें पात्रों के नाम बदले गए हैं।

मेरा नाम ध्रुव है, मैं 27 साल का हूँ। मैं अब तक कुँवारा हूँ। यह बात आज से 4 साल पहले की है जब मैं गुरुग्राम में एक MNC में काम करता था।
जब मेरी ट्रेनिंग चल रही थी, तब एक लड़की भी आई थी जिसका नाम नाज़िया था, वो 23 साल की हसीन लड़की थी, 5’2” तीखे नयन और बेहद खूबसूरत, फिगर 34-28-36. उसकी बड़ी बड़ी चुची और गांड देख कर किसी का भी लंड सलामी देने लगे।

जहां तक मेरा सवाल है, मेरी लंबाई 5 फ़ीट 7 इंच है, रंग गोरा और स्लिम बॉडी, लंड 7 इंच लंबा और 3 इंच मोटा, और लंड का टोपा बड़ा और गुलाबी है। बहुत चुदाई करने के कारण मेरे लंड की चमड़ी पूरी नीचे आ जाती है।

मैं हर दिन ऑफिस के नीचे सिगरेट पीने जाता था। कुछ दिन बाद मैंने देखा कि नाज़िया भी हाथ में सिगरेट लेकर खड़ी है।
जैसे ही हमारी नज़रें मिली, वो मुस्कुरा दी।
मैं उसके पास गया और पूछा- क्या आपको माचिस चाहिए?
तो उसने हाँ कह दिया।
मैंने उसकी सिगरेट जलाई और यहीं से मेरी किस्मत बदल गई।

अब हमारा रोज़ का ही यही काम हो गया और हम अब आपस में बहुत बात करने लगे और धीरे धीरे हम बहुत अच्छे दोस्त बन गए। धीरे धीरे फ़ोन नंबर एक्सचेंज हुए और अब हम एक दूसरे से फ़ोन पे भी बात करने लगे।
ट्रेनिंग ख़त्म हो गई और हम काम पे लग गए पर हमारा ये रूटीन चलता रहा। मुझे उसके बारे में बहुत कुछ जानने का मौका मिला जैसे कि वो पहले एयर होस्टेस थी और अब यहाँ अपनी बड़ी बहन सना के साथ रहती है और दोनों जॉब करती हैं। वो अपनी बहन के साथ बहुत खुली है, एक दूसरी से सारी बातें शेयर करती हैं। उसकी बहन अपने बॉयफ्रेंड के साथ भी इसके सामने रहती है और यह भी पहले अपने पुराने बॉयफ्रेंड के साथ उसके सामने रहती थी।

इतना तो मैं समझ गया था कि दोनों बहुत खुले दिल की हैं पर यह पता चला कि अब दोनों अकेली हैं, उनका बॉयफ्रेंड कोलकाता में ही रह गया।
जो भी हो पर मेरा रास्ता साफ़ था।

बात दिसम्बर की है, मेरा जन्मदिन 31 को है तो मैं न्यू ईयर भी साथ में ही मनाता हूँ। मैंने अपने जन्मदिन पर उसे अपने फ्लैट पे बुलाया। मैं भी अकेला रहता था तो कोई दिक्कत नहीं थी। ऑफिस से हम दोनों साथ ही आये। उसने अपनी बड़ी बहन सना को भी बुला लिया और मेट्रो स्टेशन से हम तीनों मेरे घर पे आ गए।

यहाँ मैं पहले आपको सना के बारे में बता दूँ… वो बला की खूबसूरत लड़की थी। बिल्कुल दूधिया जिस्म जो मैंने बाद में देखा… वो फिर कभी बताऊंगा, हाइट 5 फ़ीट 6 इंच. 36-28-38 की फिगर। बड़ी बड़ी चुची और गांड देख कर किसी के मुँह में पानी आ जाये… सलवार सूट में पटाखा माल दिखाती थी।

खैर हम रात को 8 बजे मेरे फ्लैट पर आये और खाने का इंतजाम किया। तय हुआ कि सब दारु पिएंगे। मैं वाइन शॉप से एक बोतल वोडका ले आया।

तीनों पीने बैठे और मैंने लैपटॉप पे गाना चला दिया। म्यूजिक सिस्टम का साउंड थोड़ा कर के वोडका का पेग लगाते जा रहे थे। उसकी बहन साथ में किचन में खाना भी बना रही थी। खाना बनते बनते हम सब ने 4-4 पेग लगा लिए।

और फिर शुरू हुआ डांस का प्रोग्राम… हम तीनों डांस करने लगे। म्यूजिक सिस्टम की आवाज़ तेज कर दिया। एक तो 31 दिसम्बर, ऊपर से दारू का नशा और सोने पे सुहागा 2 कमसिन चुत!
नशा खुमार पे था, नाचते नाचते नाज़िया मेरे बाँहों में आ गई। मुझे थोड़ा अजीब लगा कि उसकी बहन साथ में है पर उसने मुझे आँखों से इशारा किया कि कोई प्रॉब्लम नहीं है।

फिर तो मैंने उसे जोर से बाँहों में जकड़ लिया और हम सेक्सी डांस करने लगे।
उसकी बड़ी बहन भी मेरे पीछे से आके मुझसे चिपकने लगी। मुझे लगा कि मैं तो जन्नत में हूँ।

और फिर हमारे होठ आपस में मिल गए और हम एक दूसरे को चूमने लगे। नशे में सारी हदें पार हो गई थी। बड़ी बहन के सामने मैं उसके होठों का रसपान कर रहा था। और वो मेरे होठों को चूस रही थी।

फिर उसकी बड़ी बहन ने लाइट बंद कर दी और फिर तो मानो भूचाल आ गया। मैं और नाज़िया पागलों की तरह एक दूसरे को चूमे जा रहे थे और हमारे बदन एक दूसरे से रगड़ खा रहे थे, सना पीछे से मुझसे चिपकी थी।
मैंने अपना एक हाथ पीछे ले जा कर सना की गांड पे रख दिया जिसका उसने कोई विरोध नहीं किया और मैं उसकी गांड को दबाने लगा और वो अपनी चुत मेरे गांड पे रगड़ने लगी और अपनी बड़ी बड़ी चुची मेरे पीठ पे दबाने लगी।
मैं सैंडविच बना हुआ था।

फिर नाज़िया मुझसे अलग हुई और डांस करने लगी और मैं पलट कर सना को बाँहों में भर के उसके होंठ चूसने लगा। वो भी मेरे होठों को जोर से चूसने लगी, उसकी गर्म गर्म साँसों से पता चल रहा था कि वो बहुत दिनों से चुदी नहीं होगी।
मेरे हाथ उसकी गांड पर थे, मैं उसकी गांड को रगड़ रहा था और दबा रहा था। वो बहुत उत्तेजित थी और चूमते चूमते ही उसकी चूत ने रस निकाल दिया जो उसने मुझे बाद में बताया था।

तभी नाज़िया ने लाइट जला दी, हम अलग हुए और मैंने उसे सॉरी कहा।

फिर हम खाना खाया और एक बार फिर से डांस का प्रोग्राम चला।
डांस करते हुए 12 बज गए, मैंने नाज़िया को जोर से चूमते हुए उसे हैप्पी न्यू ईयर की बधाई दी और सना को भी बाँहों में लेकर बधाई दी।

उसके बाद हम आधे घंटे तक और डांस करते रहे और फिर सोने की तैयारी करने लगे। मैंने जमीन पर ही दो गद्दे बिछा दिए और दो रज़ाई निकाल ली। एक में वो दोनों सो गई और एक में मैं!
पर नींद तो आँखों से कोसों दूर थी।

चूंकि नाज़िया बीच में सोयी थी तो मैंने कुछ देर बाद उसके हाथ को पकड़ा, वो भी सोयी नहीं थी पर नशे में जरूर थी।
थोड़ी देर में जब सना सो गई तो वो मेरी रज़ाई में आ गयी, मेरी रज़ाई में आ कर वो मुझसे चिपक गई और मुझे बेतहाशा चूमने लगी।

मैं उसके ऊपर चढ़ गया और उस पर लेट कर उसके निचले होठों को चूसने लगा। फिर उसने मेरे होठों को चूसना शुरू कर दिया और मेरे मुंह में अपना जीभ डाल के चलाने लगी।
मैं भी उसकी जीभ को चूसने लगा और फिर मैंने अपनी जीभ उसके मुंह में डाल दी, वो मेरी जीभ चूसने लगी, हमारे मुँह का पानी एक दूसरे के मुँह में जा रहा था।

हमारी साँसें गर्म हो गयी थी, न जाने कब मेरा हाथ उसकी बड़ी चुची पे चला गया और मैं उसे दबाने लगा, वो उ उ उ की आवाज़ करने लगी।

ऐसे ही एक दूसरे के होठों का रसपान करते हुए न जाने कितना वक़्त बीत गया। फिर मैंने उसे उठा के उसकी कुर्ती को उटारा और फिर उसकी ब्रा से उसके दूधिया चुची को आज़ाद कर दिया।
उसने भी मेरी टीशर्ट उतार दी, फिर मैं उसके ऊपर लेट गया, उसकी नर्म नर्म चुची मेरी छाती से दब रही थी जिससे बहुत मजा आ रहा था।

उसके जिस्म की गर्मी से मेरा लंड तंबू बना हुआ था और मैं सलवार के ऊपर से ही उसकी चुत पे अपना लंड रगड़ रहा था, वो मादक सिसकारी ले रही थी, उसकी उम्म्ह… अहह… हय… याह… की आवाज़ माहौल को और चुदासा बना रहा था, वो बिल्कुल चुदासी हो गयी थी। नाज़िया के जिस्म से एक मादक खुशबू निकल रही थी जो मेरे नथुनों में समां कर मुझे दीवाना बना रही थी।
उसकी जिस्म की गर्मी और खुशबू से मैं उसे बेतहाशा चूमने लगा और उसके होठों को जोर जोर से काटने लगा और चूसने लगा, अपनी जीभ को उसके मुंह में डाल कर घुमाने लगा।

वो अपना हाथ मेरे पीठ पे चला रही थी और मेरे पीठ पे अपने नाख़ून गड़ा रही थी। उसकी इस हरकत से मैं उसे और ज्यादा जोर से चूस रहा था। और फिर मेरे हाथ उसकी मोटी मोटी चुची पर फिसलते गए। इतनी नर्म नर्म चुची का एहसास मुझे पागल बना रहा था। मैं उसकी मुलायम चुची को जोर जोर से मसलने लगा और दबाने लगा, वो आह आ आ आह करने लगी।

फिर मैं नीचे आकर उसकी चुची के निप्पल को बारी बारी से चूसने लगा, वो मेरा सर अपने चुची पे दबाने लगी, मुझे लगा मेरा दम घुट जायेगा। लेकिन मैं भी जोर जोर से उसकी चुची को दबाता रहा और जोर जोर से चूसता रहा। बीच में मैं उसके निप्पल पे दांत गड़ा देता जिस पे वो आह कर के रह जाती। फिर मैं और नीचे आया और उसके पेट को चूमने लगा।
फिर उसकी नाभि में अपना जीभ डाल के घुमाने लगा, वो पागल हो गई, कई बार उसकी सिसकारी बहुत तेज हो जाती और वो तड़पने लगती।
मुझे भी उसकी मादक सिसकारी से मजा आ रहा था।

सना घोड़े बेच कर बेहोश होकर सो रही थी। उसकी नाभि को चूमने के बाद मैं और नीचे आया और फिर उसके सलवार के नाड़े को खोल दिया और पेंटी समेत उसकी टांगों से बाहर निकाल दिया जिसमें उसने अपनी गांड उठा के मदद की। उसकी पेंटी उतरते ही एक अजीब सी मादक खुशबू चारों ओर फ़ैल गयी।

मैं उसकी जांघों को चूमने लगा और फिर नीचे उसकी चिकनी टांगों तक उसे चूमने लगा। उसका बदन गर्म था और इतना चिकना की मेरा मुँह फिसल रहा था। मैंने बारी बारी उसकी दोनों जांघों से ले कर उसके पैर तक चूमा और वो सिसकारी भरती रही। फिर मैंने उसके पेट से नीचे चूमते हुए उसकी चुत के दाने पे अपनी जीभ फिराई और इसी के साथ उसके मुंह से एक तेज आह की आवाज़ हुई और उसकी चुत का रस निकल गया और वो जोर जोर से हांफने लगी।

मैं समझ गया कि इसकी चूत ने रस छोड़ दिया, मैंने उसकी चुत पे अपनी जीभ ऊपर से नीचे फिराना चालू कर दिया। उसकी चुत से लगातार रस निकल रहा था और मैंने उसे चाट चाट कर साफ़ कर दिया।
उसकी चुत की खुशबू और उसके चुत का रस बहुत मादक था। मुझे चुत चूसना बहुत पसंद है तो मैं उसकी चुत का रस आखिरी बूँद तक पी गया।

वो फिर से बहुत उत्तेजित हो गयी थी और मेरा सर पकड़ के अपनी चुत पे दबा रही थी। मैंने भी अब उसके चुत के दाने को अपने होठों से पकड़ के चूसना शुरू कर दिया। जिससे वो पागल हो गयी और बोलने लगी- मुझे चोद दो… मेरी चुत का भोसड़ा बना दो।
मैंने कहा- अभी थोड़ा और मजा लो मेरी जान!
तो उसने कहा- तुम मेरी जान निकाल दोगे।
मैंने कहा- फिलहाल तो इरादा तुम्हारी चुत का रस निकालने का है। अब बस इत्मीनान से मजा लो!

वो भी मजा लेने लगी। मैं आराम से उसकी चुत के दाने को चूसने लगा और उसकी टांगों को ऊपर कर दिया, फिर उसकी चुत को ऊपर से नीचे तक चाटने लगा। बीच बीच में उसकी चुत के छेद में अपने जीभ को डाल कर उसकी चुत को अपने जीभ से चोदने लगता।
वो तेज तेज की आवाज़ निकाल रही थी और मैं उसकी चुत का रस पीने में व्यस्त था।

उसकी टांगों को थोड़ा और ऊपर उठा दिया जिससे उसकी गांड की छेद सामने आ गई, अब मैं जीभ उसकी चुत के छेद से निकाल कर उसकी गांड के छेद को चाटने लगा और वो आहें भरने लगी। वो इतनी तड़पने लगी, बोलने लगी- बहनचोद, मेरी जान लेगा क्या आज? मुझे चोद दे अब!
मैंने उसकी बातों को अनसुना कर दिया और जीभ से उसकी गांड के छेद को चाटने में लगा रहा, उसी गांड को फैला कर जीभ उसकी गांड में आधे इंच तक अंदर दाल कर उसकी गांड में अंदर बाहर करने लगा।
उसकी हालत खराब हो रही थी।

फिर मैंने अपनी उंगली को उसकी चुत में डाल कर गीला किया और उंगली से उसकी गांड के छेद को सहलाने लगा।
वो बहुत तड़प रही थी।
यह हिंदी चुदाई की कहानी आप अन्तर्वासना सेक्स स्टोरीज डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं!

फिर मैंने अपनी जीभ को उसके चुत के छेद में डाल दिया और अपनी उंगली को उसकी गांड के छेद में धीरे धीरे डालने लगा। वो लगातार आह आह कर रही थी, बोली- और जोर से करो, मैं आने वाली हूँ।
इसी पे मैंने भी अपनी जीभ उसके चुत में अंदर तक डाल दिया और अपनी एक उंगली भी उसके गांड में पूरा डाल दिया। और इसी के साथ उसके चुत से गर्म गर्म रस निकलना चालू हो गया और उसकी गांड फैलने और सिकुड़ने लगी।
मुझे अपनी उंगली में हुए उस एहसास से पता चल गया कि इसका फिर से निकल गया। मैंने भी कोई कसर नहीं छोड़ी और उसकी चुत को चाट चाट कर उसका सारा पानी पी गया। और तब तक अपनी उंगली उसके गांड के अंदर बाहर करता रहा।
वो बहुत देर तक झड़ी।

उसके बाद मैं फिर से उसके ऊपर लेट गया और उसके होठों को चूसने लगा। वो भी मेरे होठों को चूसने लगी और फिर उसने मुझे आज पहली बार ‘आई लव यू…’ कहा। मैंने भी उसे ‘आई लव यू टू’ कहा और हम एक दूसरे की बाँहों में समां गए।

काफी देर बाद वो बोली- आज मुझे पहली बार असली सेक्स का एहसास हुआ है। मुझे डर्टी सेक्स पसंद है। क्या मैं तुम्हारे लंड को चूस सकती हूं?
मैंने कहा- नेकी और पूछ पूछ?

उसने मेरा लोअर उतारा और फिर मेरे जॉकी को उतार दिया। मेरे जॉकी के उतरते ही मेरा 7 इंच लम्बा और 3 इंच मोटा लंड साँप की तरह फुफकारता हुआ बाहर आ गया। उसने अपने मुलायम हाथों से जब मेरा लंड पकड़ा तो मजा आ गया। फिर उसने अपने नर्म मुलायम होठों से मेरे लंड को अपने मुँह में ले लिया और चूसने लगी।
मुझे लगा कि मैं जन्नत में हूँ।

उसने कहा कि एक बार उसे भी मेरे लंड का पानी पीना है उसके बाद उसे चुदना है तो मैं भी मजा लेने लगा।
उसने कहा कि उसे वाइल्ड पसंद है और मैं उसे गालियां दूँ।
तो मैंने भी उसे कहा- चूस बहनचोद… साली कुतिया, आज से तू मेरी रंडी है। मेरे लंड को चूस के इसका पानी पी जा!

वो और जोर से मेरे लंड को चूसने लगी और अपने मुँह में अंदर तक लेने लगी। कुछ देर बाद मुझे लगा कि मेरा निकलने वाला है तो मैंने उसे कहा तो वो और जोर जोर से मेरा लंड चूसने लगी। मैं उसके मुँह को अपने लंड पे दबाने लगा और उसके गले में अपने लंड का पानी निकालने लगा।

न जाने मेरे लंड ने कितने धार मारी… और वो मेरे लंड का सारा पानी पी गई. उसके बाद भी वो मेरे लंड को चूसती रही और कुछ ही देर में मेरा लंड फिर से उसके लगातार चूसते रहने से खड़ा हो गया।
मैंने कहा- कंडोम नहीं है.
तो उसने कहा- ऐसे ही करो, बस बाहर निकाल लेना!

वो मेरे ऊपर आ गयी और मेरे लंड को अपने चुत पे सेट कर के बैठ गयी। ठण्ड के उस मौसम में भी हम दोनों का बदन पसीने से नहाया हुआ था। ऊपर से वोदका का असर, मेरा लंड उसकी चुत में जड़ तक धंस गया और वो एक तेज आह के साथ रुक गयी।
मैंने पूछा- क्या हुआ?
तो उसने कहा कि बहुत दिन बाद चुद रही है और लंड सीधा उसकी बच्चेदानी से टकरा गया तो उसे दर्द हुआ।

फिर वो मेरे लंड पे ऊपर नीचे कर के चुदने लगी और मैं उसकी चुची दबाने लगा। फिर अचानक से मुझे याद आया कि सना तो बगल में ही सो रही है ऊपर से ये अँधेरा। तो मैंने अपना एक हाथ सना की चुची पे रख दिया और उसे दबाने लगा। चूँकि सना को बहुत नशा हो गया था तो वो बेहोश हो के सो रही थी। मैंने भी मौके का पूरा फायदा उठाया और उसकी नर्म नर्म बड़ी बड़ी चुची को जोर जोर से दबाने लगा और दूसरे हाथ से नाज़िया की चुची दबाने लगा।

फिर नाज़िया मेरे ऊपर लेट गयी और गांड उठा के चुदवाने लगी। मैंने भी अपना हाथ अब उसकी गांड पे रख दिया और उसकी गांड के छेद को सहलाने लगा और फिर चुत के रस से अपनी उंगली को गीला कर के उसकी गांड के छेद में डालने लगा और धीरे धीरे कर के पूरी उंगली उसकी गांड में डाल दी।

वो सिसियाने लगी और जोर जोर से चिल्लाने लगी। पूरा कमरा चुदाई की फच फच की आवाज़ से गूँज रहा था। मैं नीचे से अपना लंड उसकी चुत में जोर जोर से मारने लगा और वो तेज तेज चिल्लाने लगी, न जाने क्या क्या बोलने लगी.

मैं साथ ही अपनी उंगली भी उसकी गांड में अंदर बाहर करता रहा। इस दोहरी चुदाई से वो झड़ने लगी और उसकी चुत का गर्म पानी मेरे लंड पे महसूस होने लगा और इसी के साथ मेरे लंड ने भी उसकी चुत के अंदर ही 7-8 पिचकारी चला दी. जब मुझे एहसास हुआ तो मैंने बाहर निकाल लिया।

उसने पूछा- चुत में गया क्या?
तो मैंने कहा- शायद!
तो उसने कहा- कोई बात नहीं!

फिर उस रात मैंने उसकी एक बार और चुदाई की और सना की चुत को भी रगड़ा जो बहुत गीली हो चुकी थी।

अगली सुबह वो दोनों बहनें अपने घर चली गई।
उसके बाद भी हमने कई बार चुदाई की और इसी दौरान सना को भी चोदा वो फिर कभी बताऊंगा।

खैर इसके 2 महीने के बाद मैं मुम्बई चला गया जॉब के सिलसिले में और एक साल बाद वापिस दिल्ली आ गया।
इस दौरान हमारी बात होती रही।

जब मैं मुम्बई से वापिस दिल्ली आया तो सना ने मुझे कॉल किया और हमारी बात हुई। बातों बातों में पीछे से किसी बच्चे के रोने की आवाज़ आयी तो मैंने पूछा कि किसका बच्चा रो रहा है तो उसने बताया- तुम्हारा!
मुझे तो विश्वास ही नहीं हुआ, मैंने पूछा- कहाँ हो तुम लोग?
तो उसने मुझे अपने घर बुलाया.

मैंने वहां जाकर जब देखा तो एक बेहद खूबसूरत बच्ची सो रही थी और नाज़िया बैठी थी।
मुझे रोना आ गया।
खैर मैंने खुद को संभाला और उन्हें मेरे साथ आने को कहा।
पर वो बोली कि कल उसके घर वाले आ रहे हैं.
तो फिर मैं लौट आया।

अगले कुछ दिन तक मैं कोशिश करता रहा उनसे बात करने की पर नंबर बंद आ रहा था।
फिर उसका कॉल आया और वो बोली कि उसके घर वालों को पता चल गया और वो लोग वापिस कोलकाता चले गए और उसकी शादी उसके कजिन से हो रही है।
मैं टूट गया।

फिर उसका नंबर हमेशा के लिए बंद हो गया।

मुझे था कि अपने बच्ची को वापिस ढूँढना है पर कैसे!
फिर मेरी एक सहेली ने मुझे संभाला और वापिस जिंदगी जीने को कहा और मुझे कॉलबाय भी बना दिया।

अब आज भी दिल में बस एक ही अरमान है अपनी नाजिया आयर अपनी बच्ची से मिलने का!

आशा करता हूँ कि आपको मेरी सच्ची घटना अच्छी लगी होगी, अपनी प्रतिक्रिया मुझे मेरे ईमेल पे दें।
[email protected]

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