अन्धेरे में मिलन
(Andhere Mein Milan)
हाई जानू,
गाँव में आए अब मुझे कई दिन हो गये।
इन दिनो में हम एक फेस्टिवल की तैयारी में बिज़ी थे।
इस बीच मैं राहुल के साथ मज़ा भी नहीं कर पाई क्यूंकि अगर हम बार-बार गायब हो जाते तो सबको शक होने लगता।
इस कारण मैंने और राहुल ने चार दिनों से एक किस भी नहीं किया…
कितना फ्रस्ट्रेटिंग था।
ऐसा नहीं है कि मैंने कोशिश नहीं की।
कई बार मैंने उसे अकेले में ले जाने की कोशिश की लेकिन हर बार हमारे बीच रुकावट बनकर कोई ना कोई आ जाता।
फिर हमारे जाने का समय आया।
हमें अगले दिन ट्रेन पकड़नी थी वो दिन हमारे लिए एक साथ बिताने के लिए आखिरी मौका था।
राहुल ने एक प्लान बनाया।
हम दोनों बहाना बनाकर बाहर जाने वाले थे और उसके रूम में अपना काम करने वाले थे।
लेकिन किस्मत ने हमारा साथ नहीं दिया।
जैसे ही मैं बहाना बनाकर उस रूम की ओर चली मुझे माँ ने रोका और मुझे उनके साथ बाज़ार जाना पड़ा।
हम रात को खाना खाकर सोने गये।
मैं और मेरी बहन एक कमरे में सो रहे थे कि अचानक मैंने दरवाज़े पर एक दस्तक सुनी।
मैंने उठ कर दरवाज़ा खोला तो राहुल को बाहर खड़ा पाया।
मैंने उससे पूछा कि क्या हुआ?
उसने जवाब दिया कि आज उसकी मेरे साथ आखिरी रात है… वो मुझसे आखिरी बार प्यार करना चाहता था।
मैंने कहा पॅसिबल नहीं है। घर में बहुत लोग है…कोई देख लेगा।
उसने कहा कि तुम बस मेरे साथ चलो।
और मैं क्या करती?
तड़प तो मुझमें भी थी …और मैं भी चल पड़ी।
हम चुप-चाप अंधेरे में हवेली से गुज़रे।
रात में छुपकर ऐसे उसके साथ कमरे में जाने का एक्साइटमेंट कुछ अलग था।
शायद इस एक्साइटमेंट को मैं हमारे प्यार में चेनल कर पाऊंगी।
राहुल मुझे टॉप फ्लोर में एक स्टोर रूम में ले गया। उस रूम में पुराने सामान रखे हुए थे जिसमें एक बिस्तर भी था।
मैं हैरान हो गयी जब मैंने उस बिस्तर पर एक नई बेड शीट देखी।
मैंने उससे कहा कि तैयारी तो तुमने बहुत अच्छी की है।
राहुल ने मुझे बिस्तर पर बैठाकर कहा की मुझसे प्यार करने का यह आखरी मौका था….
उसे वो कभी भूलना नहीं चाहता था।
फिर हम दोनों में एक नशा चढ़ गया….प्यार का नशा।
इससे हम में एक जल्दबाज़ी उभरी और हम एक दूसरे के कपड़े जल्दी खोलने लगे।
रूम में रोशनी बहुत कम थी।
अब ना कोई हमारे बीच था और ना कोई हमारे मिलन को रोक पाता।
राहुल ने मुझे बेड पर लेटा दिया और मेरा स्किन उस न्यू और सॉफ्ट बेड शीट को फील कर रहा था।
राहुल मेरे ऊपर आया और मैंने उसका हेड पकड़ कर उसे चूमने लगी।
घर में सब सो रहे थे और वहाँ एक अटूट सन्नाटा था जिसमें हमारे किस्सिंग के साउंड्स ट्रॅवेल कर रहे थे।
मैंने हमारा किस तोड़ कर उसे आवाज़ कम रखने की सलाह दी नहीं तो कोई जाग जाएगा।
लेकिन एक मर्द को लव मेकिंग के दौरान इन्स्ट्रकशन देने का कोई फ़ायदा नहीं…
और राहुल जैसे अग्ग्रेसिव लवर को तो बिल्कुल नहीं।
वो बस इतना कहकर मुझे और तेज़ी से किस करने लगा कि हम टॉप फ्लोर पर हैं, आवाज़ नीचे नहीं जाएगी।
उसके और मेरे हाथ एक दूसरे से लॉक्ड थे हमारे होंठ एक दूसरे को चूमे जा रहे थे।
फिर उसने मेरी नेक को चूमा और धीरे-धीरे वो मेरे बॉडी को चूमते-चूमते नीचे बढ़ता गया।
और चूमते समय वो उस जगह पर पहुँचा जहाँ पर उसके होंठों का मॅक्सिमम एफेक्ट होने लगा और मैं मोन करने लगी।
राहुल मुझे सटीस्फायड करने की हर तरकीब जानता था।
उसने एक्सपर्ट्ली मुझे मज़ा दिया और फिर हमने पोज़िशन्स स्वेप किये अब मेरी बारी थी।
मैंने अपने बाल एक बन में बाँधे और बेंड होकर अपना काम शुरू किया।
मैं सब पर्फेक्ट्ली कर रही थी जिसको वैरिफाई किया राहुल के ग्रंट्स ने।
फिर अचानक बारिश होने लगी।
बची-खुची लाइट चली गयी और अब पूरा अंधेरा था।
मैं अपना काम कर चुकी थी और अब हम दोनो के मिलन का वक़्त था।
वो मेरे ऊपर था और मैं उसके अंडर, जैसे ही उसने प्यार का वो काम शुरू किया मैंने उसे टाइट्ली हग करके मज़े का एहसास महसूस किया।
बारिश के कारण कुछ देर बाद मुझे ठंड लगने लगी।
राहुल ने ब्लंकेट से हम दोनों को ढक दिया और उसके नीचे हमने हमारे प्यार के सिलसिले को जारी रखा।
उसके और मेरे मिलन का एहसास मैंने बहुत गहराई से महसूस किया और कुछ देर में हम दोनों ने काम पूरा किया।
प्यार का काम होने के बाद हम वैसे ही बिस्तर पर लेटे हुए थे। हम दोनों अपनी आखरी रात को मेमोरेबल बनाना चाहते थे और पूरी रात बाते करते रहे और ओकॅशनली प्यार करते रहे।
सुबह के चार बजे हम अपने-अपने कमरे में चले गये।
किसी को पता नहीं चला और फिर आफ्टरनून में हम ट्रेन पकड़ कर मुंबई चले गये।
मुंबई से राहुल केरल की ट्रेन में बैठा और एक इमोशनल गुड-बाइ के साथ चला गया।
मैं उसे बहुत मिस करने वाली थी… उसके ख्यालों में खोकर मैं अपने घर की ओर बढ़ी।
मॉडेलिंग इंडस्ट्री में मेरे कई और कन्फेसन्स है जानू, सुनना ज़रूर… बाइ… मुआआह…!
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