लॉकडाउन में मिली एक प्यारी सी लड़की- 3
(A Nice Fuck Kahani)
नाइस फक कहानी में मुझे लॉकडाउन में एक अनजान जवान लड़की की प्यारी सी चूत मिल गयी. वह लॉकडाउन में निकली तो पुलिस से बचने के लिए मेरी दूकान में घुस गयी.
कहानी के दूसरे भाग
लॉकडाउन में अनजान लड़की को चोद दिया
में आपने पढ़ा कि लॉकडाउन में अनजान लड़की मेरे साथ मेरी दूकान में बंद हो गयी. हालात कुछ ऐसे वासना भरे बने कि मैंने उसे बांहों में बहर कर किस करना शुरू कर दिया. हम दोनों की वासना सारी सीमाएं लांघ गयी और हमें चुदाई का पूरा मजा ले लिया.
अब आगे नाइस फक कहानी:
मैंने देखा उसका टॉप और लेगिंग बहुत गंदे हो चुके थे।
तब मैंने उसे एक नया लोअर और टी-शर्ट दी।
पहले तो आशना ने लेने से मना किया लेकिन अपनी हालत देखकर उसने ले लिया।
अब वो कपड़े उतारने में झिझक रही थी।
मैं उसके पास गया, उसे गले से लगा लिया।
मैंने उसका टॉप उतार दिया।
फिर उसकी लेगिंग भी उतार दी।
अब वो सिर्फ पैंटी में मेरे सामने खड़ी थी।
ब्रा उसने पहनी नहीं थी।
फिर मैंने उसके हाथ से सारे कपड़े लिए।
थोड़ा पीछे खड़ा होकर सामने का दृश्य निहारने लगा।
मेरे साथ मेरा लंड भी उसे निहार रहा था।
वो कब फिर से खड़ा होकर उसकी तरफ भागने लगा।
मैं समझ ही नहीं पाया।
खुद को ऐसे निहारते देख आशना शर्मा रही थी।
हाथ से इशारे करके मना कर रही थी।
मेरी ठरक फिर से सिर उठा चुकी थी।
मैं उसे कपड़े देने के बहाने पास गया।
उसे अपनी बाहों में भरकर घूम गया, जगह-जगह से चूमने लगा।
पहले तो उसने आनाकानी की, फिर कोई विरोध नहीं किया।
मैंने उसे किस करना शुरू कर दिया, उसके गले और कानों को चूमने लगा।
अब आशना भी गर्म होने लगी थी।
मैंने मौके और बाहर की हालत को ध्यान में रखा, उसके बूब्स को चाटने लगा।
उसके बूब्स पसीने से नमकीन थे।
लेकिन फिर सामान्य स्वाद देने लगे।
मैंने अपने हाथ को उसकी पैंटी के ऊपर से उसकी चूत की फांकों को छुआ।
आशना सिसकारने लगी।
मुझे बाहर की हलचल से पता था कि पुलिस वाला अभी यहीं था।
मैंने आशना के निप्पल को मुंह में लिया, उन्हें काटने और चूसने लगा।
आशना के बूब्स नरम गद्दे का अहसास दे रहे थे।
मैं उन्हें चूसने में मशगूल था।
उसकी चूत की क्लिट को पैंटी के ऊपर से मसल रहा था।
आशना पूरी तरह गर्म हो चुकी थी, उसकी पैंटी उसके चूत रस से भीग चुकी थी।
लेकिन मेरे दिमाग में कुछ और चल रहा था।
मैंने आशना को पूरी तरह गर्म कर दिया था, फिर उसे अचानक छोड़ दिया।
पीछे हट गया।
आशना मुझे प्रश्नात्मक नजरों से देखने लगी।
मैंने उसकी पैंटी उतारी।
उसे लगा कि अब मैं उसे चोदूँगा तो वो काउंटर पर बैठ गई।
मैंने उसकी पैंटी ली।
उसकी चूत पर मुंह ले जाकर चूम लिया, चाटने लगा।
इस दौरान उसकी पैंटी को अपनी जेब में डाल लिया।
मैं उसकी चूत को चाटने लगा।
एक-दो मिनट ऐसा करने के बाद मैं पीछे हटा, ऊपर उठकर आशना को किस करने लगा।
ऊपर उठने से मेरा लंड फनकने लगा।
आशना की चूत के ऊपर झटके देने लगा।
उसकी चूत पर लंड की रगड़ होने लगी।
आशना और उत्तेजित होने लगी।
मैं दोनों हाथों से उसके बूब्स दबा रहा था, उसे किस कर रहा था।
किस करते-करते आशना ने मेरे लंड को पकड़ा और अपनी चूत पर सेट करने लगी, आगे-पीछे होने लगी।
लेकिन मेरा लंड बाहर ही रगड़ने लगा।
आशना बुरी तरह चुदने को तैयार थी, उसकी चूत गीली होकर बाहर पानी छोड़ने लगी थी।
मैंने समय को ध्यान में रखते हुए अपने लंड को स्थिर किया।
जब आशना ने लंड को चूत पर लगाया, मैंने जोरदार धक्का दिया।
मेरा पूरा लंड उसकी चूत की गहराई में समा गया।
आशना की आह निकल गई जो चुम्बन में दबकर रह गई।
मैं अब पहले की तरह धीरे-धीरे नहीं चोद सकता था।
बाहर पुलिस वाले का पता नहीं था।
ज्यों-ज्यों मैं आशना को चोद रहा था, त्यों-त्यों उसके सीत्कार बढ़ रहे थे।
मैं उसे आवाज करने से रोक रहा था लेकिन आशना को किसी की परवाह नहीं थी।
मैंने उसे अपनी गोद में उठा लिया, काउंटर के पास खड़ा हो गया।
अब आशना मेरे गले से लगी थी, उसके पैर मेरे कूल्हों को पीछे से कसे हुए थे, उसका सारा वजन मेरे शरीर पर था।
मेरे दोनों हाथ उसके कूल्हों पर थे।
आशना उछल-उछलकर लंड को अपनी चूत में ले रही थी।
मैं भी दोनों हाथों से उसे ऊपर-नीचे कर रहा था।
आशना की आवाज बढ़ती जा रही थी।
दो मिनट तक गोद में चोदने के बाद मैं थक गया।
मैंने आशना को नीचे उतारा, उसे पीछे दीवार से चिपका दिया और किस करने लगा।
तब मैं खड़े-खड़े उसकी चूत में लंड डालने लगा।
लेकिन दोनों टांगें चिपकी होने से मेरा लंड उसकी चूत में जा नहीं रहा था।
मैंने आशना की एक टांग ऊपर उठाई, लंड को उसकी चूत पर सेट किया, धक्का लगाया।
पहली बार लंड पीछे निकल गया।
दूसरी बार में लंड सीधा उसकी चूत में समा गया।
चूत में लंड डालने के बाद मैं जंगली बन गया, उसकी चूत में जोर-जोर से धक्के देने लगा।
आशना की चूत पूरी गीली थी, जोर-जोर से लंड अंदर-बाहर होने से छप-छप की आवाज आने लगी।
मैं उस आवाज से और उत्तेजित हो रहा था, एक हाथ से उसके बूब्स को जोर-जोर से दबाने लगा, उसके होंठों को जोर से चूसने लगा, उसके गले को चूमने और चाटने लगा।
आशना भी इससे बहुत उत्तेजित हो गई थी, वह खुद आगे-पीछे होकर मेरा साथ देने लगी, अपने दोनों हाथों से मेरी पीठ और कूल्हों को दबाने लगी।
मैंने उसे आंखें खोलने को कहा, उसकी आंखों में देखने लगा।
ज्यों ही मेरा लंड उसकी चूत में जाता, उसके मुंह से आह निकलती।
जिसे देखकर मैं बहुत उत्तेजित हो रहा था।
आशना मुझे अपने आप को चोदते हुए देख रही थी।
उसकी आंखों में पूरी वासना थी।
करीब आठ-दस मिनट इस पोजीशन में चोदने पर मैं थकने लगा था।
लेकिन आशना की आंखें देखकर लग रहा था कि वो अब झड़ने वाली है।
मैंने हाथ को उसके बूब्स से हटाया, नीचे उसकी चूत पर ले गया और उसकी क्लिट को दबाकर मसलने लगा।
आशना की आंखें अपने आप बंद हो गईं। वो इस चुदाई में खोने लगी, अपने शरीर को मेरे ऊपर छोड़ने लगी।
मैं भी उसकी क्लिट को जोर-जोर से मसलने लगा, उसे जल्दी-जल्दी चोदने लगा।
इस नाइस फक से आशना बहुत उत्तेजित हो गई।
करीब एक मिनट बाद जोर-जोर से स्क्वर्ट के साथ झड़ने लगी।
उसके मुंह से तेज सांस की आवाज आने लगी, उसके शरीर में कंपन होने लगा।
उसके स्क्वर्ट से मेरा पजामा भीगने लगा।
मैं उसे उसी स्पीड में चोदता रहा, उसकी क्लिट को रगड़ता रहा।
पूरा स्क्वर्ट होने पर आशना बेजान होकर मेरी बांहों में गिर गई।
मेरा लंड उसकी चूत से बाहर निकल गया।
मैंने उसे बांहों में भरकर ऊपर उठाने की कोशिश की।
उससे उठा नहीं गया।
मैंने उसे घुटनों के बल नीचे बिठा दिया।
आशना अब भी स्क्वर्ट के कारण कांप रही थी।
उसकी चूत से पानी टपक रहा था जो नीचे कार्पेट को गीला कर रहा था।
मैं भी उसके पास नीचे बैठ गया, उसे किस करने लगा ताकि वो जल्दी ताकत रिकवर कर सके।
लगभग दो मिनट बाद वो सामान्य हुई।
मैंने उसे वैसे ही बैठे रहने को कहा।
अब मैं खड़ा होकर उसके मुंह पर मुठ मारने लगा ताकि अपना वीर्य उसके मुंह पर निकाल सकूं।
लड़कों को लड़की के मुंह पर माल छोड़ने की सोच से ही एक्साइटमेंट ज्यादा होती है।
मैं जल्दी-जल्दी मुठ मारने लगा।
ये देखकर आशना ने मेरा हाथ पकड़ा, मेरे लंड से दूर किया।
फिर उसने खुद मेरे लंड को पकड़ा, एक बार में पूरा लंड अपने मुंह में ले लिया।
मेरे लिए ये सोच से परे था कि मैं किसी के मुंह में अपना लंड दे पाऊंगा।
आशना मेरे लंड को चूसने लगी, हाथ से मुठ मारने लगी।
वो ये सब बड़े परफेक्शन के साथ कर रही थी।
बीच-बीच में वो लंड को पूरा मुंह में लेती, बाद में बाहर निकालकर हाथ से मुठ मारती।
फिर जीभ को मेरे लंड की टॉप पर घुमाती, हाथ से मुठ मारती, फिर मुंह में लेकर अपने मुंह को चुदवाती।
इससे मैं इतना उत्तेजित हुआ।
मैंने आशना के माथे को पीछे बालों से पकड़ा, उसके मुंह को चोदने लगा।
मुझे ये जिंदगी का सबसे अनमोल तोहफा लगा।
मैं आशना के मुंह को चोद रहा था।
मैंने पहले बताया कि मेरे लंड की लंबाई करीब 5 इंच है।
मेरा लंड उसके मुंह में पूरा नहीं जा रहा था।
लेकिन बार-बार मुंह चोदने में कभी-कभी लगभग पूरा लंड उसके मुंह में जा रहा था।
इतना मजा मुझे आशना को चोदने में नहीं आया जितना उसके मुंह को चोदने में आ रहा था।
मैं उसे लंड को मुंह में लेते और निकालते देख रहा था।
इससे और उत्साहित होकर जोर से उसके मुंह को चोदने लगा।
इससे आशना को सांस लेने में तकलीफ होने लगी, उसके मुंह से घूं-घूं की आवाज आने लगी।
उसका मुंह थूक से गीला था।
मुंह चोदने की छप-छप की आवाज और सांस की घूं-घूं की आवाज जोर-जोर से आने लगी।
अब मैं अपने चरम पर था, इस मुख चुदाई में इतना खोया था कि आशना को कुछ नहीं बोल सका।
कुछ ही देर में मेरे लंड ने जवाब देना शुरू किया।
मैंने आशना के मुंह में वीर्य छोड़ना शुरू कर दिया।
कई झटकों के बाद भी मैं उसके मुंह को चोद रहा था।
मेरे लंड की आखिरी बूंद भी उसके मुंह में निकाल रहा था।
ये सब होने के बाद मैंने आशना को देखा।
वो चुपचाप बैठी मेरे वीर्य को निगल रही थी।
बाहर की आवाजों से मेरा ध्यान भटका।
पता चला पुलिस वाला कब का जा चुका था।
भैया मुझे बाहर निकलने को बोल रहे थे।
मैंने आशना को पजामा और टी-शर्ट दे दिए और पहनने को बोला।
उसने कपड़े लिए और पहन लिए और एक तरफ बैठ गई।
उसे दिए कपड़े लूज थे।
उनमें वो फंकी लड़की लग रही थी।
फिर मैंने उससे कहा, “तुम सच में खूबसूरत हो। तुम्हारी चुदाई तुमसे भी ज्यादा खूबसूरत है। मेरी एक वाइफ है। मैं उसके साथ खुश हूँ। लेकिन जो आज तुम्हारे साथ फील किया। वो मैंने जिंदगी में पहले कभी नहीं महसूस किया।
अगर तुम्हारा कभी मन हो तो तुम मुझसे बात कर सकती हो। आज हमारे बीच जो हुआ वो मेरे लिए अकल्पनीय था। अगर कभी तुम्हारा मन करे, ये सब दोबारा करना चाहो तो मैं तुम्हारा इंतजार करूंगा।”
आशना कपड़े पहनते हुए सोच में लग रही थी, वह जल्दी-जल्दी कपड़े पहन रही थी।
मैंने अनुमान लगा लिया कि शायद ये डर रही है।
मैंने फिर कहा, “कभी ये मत सोचना कि तुमसे कोई गलती हो गई। या मैं तुम्हारा फायदा उठाऊंगा। या तुम्हें किसी परेशानी में डाल दूंगा। मेरे लिए आज जो हुआ। वो मेरे तक ही सीमित रहेगा। इस अनमोल तोहफे के लिए धन्यवाद।”
उसकी आंखों में राहत दिखी।
तभी मैंने जेब से उसकी पैंटी निकाली, अपने नाक से लगाकर सूंघी।
उसमें उसकी चूत की मदहोश करने वाली खुशबू थी।
उस गंध को सूंघने के बाद मैंने वो पैंटी उसे सौंप दी, कहा, “ये पैंटी तुम्हें देने का मन नहीं था। लेकिन इसे रखकर तुम्हें परेशान नहीं कर सकता। अगर तुम्हें दिक्कत न हो तो कभी ये पैंटी देने वापस आ जाना।”
आशना कपड़े पहन चुकी थी, दूसरी तरफ मुंह करके खड़ी थी।
मैंने कहा, “अगर तुम्हें ऐतराज न हो। इस अनुभव के बारे में मुझे बता सकती हो।”
आशना कुछ देर चुप रही, फिर झिझकते हुए बोली, “आज मैं यही सब करने घर से निकली थी। बस तुम्हारी जगह कोई और था। लेकिन अब लग रहा है। जो हुआ, वो उससे बेहतर हुआ। जो मैं सोचकर आई थी।”
मैंने कहा, “वो कैसे?”
आशना ने कहा, “मेरा एक बॉयफ्रेंड है। वो भी यहीं अपने रिलेटिव के पास आया हुआ है। जब मुझे पता चला कि वो यहां है तो मैं भी यहां आई थी। लेकिन लॉकडाउन लग गया तो मैं बाहर निकल नहीं सकी। इतने दिन हो गए मुझे उससे मिले या सेक्स किए। आज जब रहा नहीं गया तो मैं सहेली का बहाना करके उसके घर जाने निकली थी। मैं पहले भी उसके रिलेटिव के घर जा चुकी हूँ। मुझे उनके घर के बारे में पता है। लेकिन पुलिस के कारण मैं यहां फंस गई। बाकी सब तुम्हारे सामने है जो भी हुआ।”
आशना बोली, “ये दिन मैं कभी नहीं भूल पाऊंगी। मेरी एक फैंटेसी थी। किसी अनजान आदमी के साथ सेक्स करना। वो आज अनजाने में पूरी हो गई।”
मैंने कहा, “मन कर रहा है। तुम्हें कहीं जाने न दूं। कुछ और न कर सकूं। तो कम से कम बातें तो कर लूं। लेकिन अब पता नहीं तुमसे मिलना हो या न हो। तुम्हारे साथ बिताए पल बयां न कर पाऊं। लेकिन कभी भूल नहीं सकूंगा।
बस इतनी सी रिक्वेस्ट है। कभी मौका मिले या इधर किसी भी काम से आना हो तो दो मिनट रुक कर मुझसे बातचीत करके जाना।
आशना मेरी ओर देख कर मुस्कुराई और बोली, “वैसे मेरा एक बॉयफ्रेंड है, और उसे छोड़ने का मेरा कोई मन नहीं, लेकिन आज मुझे क्या हुआ, मुझे खुद पता नहीं। लेकिन जो हुआ, मजा आ गया। लेकिन अब से हम दोनों का कोई भी संबंध नहीं होगा शायद। हाँ, कभी इधर आना हुआ तो तुमसे मिलूँगी जरूर।”
इतना कह कर आशना मेरे पास आई और दोनों हाथों से मेरे गालों को पकड़ कर मेरे गालों को चूम लिया।
फिर मैंने सब कुछ सही किया।
दुकान में एक जगह कार्पेट गीला था, जहाँ आशना ने स्क्वॉर्ट के दौरान पानी छोड़ा था। इस जगह मैंने थोड़ा पानी डाला।
एक बैग में आशना के पुराने कपड़े डाले और उसको दे दिए, फिर दुकान का शटर ऊपर किया और आशना को घर जाने दिया।
कुछ दिनों बाद वो फिर आई थी, तब लॉकडाउन खुल गया था।
इस बार वो किसी और के साथ आई थी।
अपने साथ वाली लड़की को बाहर ही खड़ी करके वो मुझे पजामे और टी-शर्ट के पैसे देने आई।
उस दिन वो किसी परी से कम नहीं लग रही थी।
उसने उस दिन केवल एक पीच कलर की घाघरा पहन रखा था, जिस पर लाल और बैंगनी कलर की पत्तियाँ थीं, और गोल्डन कलर का वर्क था।
वो घाघरा उसके घुटनों तक था।
घाघरे के नीचे उसने सफेद कलर के जूते पहन रखे थे।
आशना ने जब मुझे पैसे दिए तो मैंने पैसों के लिए मना किया।
तो उसने कहा, “तुमने मुझे कोई रखैल या वेश्या समझ रखा है जो तुमसे सेक्स के बदले कपड़े लिए हैं? जो भी पैसे बनते हैं वो ले लो, और अपना समझ कर कुछ कम लो तो वो तुम्हारी मर्जी।”
मुझे खुद पर ही थोड़ा गुस्सा आया और मैंने लागत रुपये उससे ले लिए।
और उससे कहा, “कुछ देर बैठ जाओ, कुछ बातें ही कर लें तुमसे, या कम से कम तुम्हें निहार ही लें।”
तो आशना ने कहा, “माफ करना, आज मैं जल्दी में हूँ, मेरी बहन मेरे साथ है।”
मैंने पूछ लिया, “तो आज क्या केवल पैसे देने के लिए ही आई हो?”
तब आशना दुकान में काउंटर के पीछे आई और मुझसे कहा, “कुछ अनमोल सा तोहफा भी देने आई हूँ जो तुम्हें बहुत पसंद है।”
उसने अपनी घाघरी को ऊपर किया तो उसमें उसने सफेद पैंटी पहन रखी थी।
उसने वो सफेद पैंटी नीचे खींची तो उसकी चूत साफ-साफ दिखने लगी।
उसकी चूत को देख कर मेरी हालत खराब होने लगी।
आशना ने फिर जल्दी से अपनी पैंटी उतारी और मेरी गोद में डाल दी।
फिर आशना ने कहा, “कभी मौका मिला तो मैं तुमसे फिर मिलना चाहूँगी।”
ये कह कर उसने मेरे होंठों पर एक किस किया और चली गई।
मैंने उसकी पैंटी को सूँघने के लिए उठाया तो उसमें से एक फोटो निकली, जिसे देख कर मैं चक्कर खा गया।
वो एक ग्रुप फोटो थी, और उसमें दो लोगों के चेहरों पर सर्कल बनाया हुआ था।
गौर से देखने पर पता चला वो फोटो एक स्टेट लेवल पेंटिंग कॉम्पिटिशन की ग्रुप फोटो थी।
सर्कल किए चेहरों में एक मैं था और एक आशना थी।
अब मुझे सब कुछ अच्छे से समझ आ चुका था, बस मुझे याद नहीं कि ये लड़की उस ग्रुप में थी।
हम अजमेर गए थे, प्रत्येक जिले से एक, मैं मेरे जिले से गया था।
उसका मुझे पता नहीं और अभी तक नहीं पता चला।
उस समय कॉम्पिटिशन में हमारी ग्रुप फोटो हुई थी, जो सभी को मिली थी।
मेरी फोटो मेरे पास थी घर पर, लेकिन कभी सोचा नहीं था कि ऐसे कोई उस फोटो वाली मिल जाएगी।
लेकिन उसके बाद हम कभी नहीं मिले। बस दिल में अभी भी अरमान है, और उसका इंतजार है।
तो दोस्तो, कैसी लगी थोड़ी रोमांटिक, थोड़ी हवसी, और थोड़ी बोरिंग नाइस फक कहानी?
कॉमेंट में जरूर बताएं, मुझे आप के जवाब का इंतजार रहेगा।
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