पुष्पा का पुष्प-2
उसकी पनीली आँखों में, जिनमें एक अजब-सा मर्म को छूता भाव उमड़ रहा था। शर्म से लाल गालों पर झूलती लट, बालों के बीच सफेद मांग ! खाली। मेरे भीतर कुछ उमड़ आया। उस तमाम निर्भयता और तेजी के पीछे एक अदद औरत उमड़ रही थी, वह औरत जो खुद उसे तीर से भेदने वाले […]