मौसी की चूत में गोता -7
जब से हमारी चुदाई हुई थी.. मौसी मुझसे और मेरे लौड़े से बहुत प्यार करने लगी थीं, मैं भी उनकी पूरी देखभाल करता था और वो भी मेरा बहुत ख्याल रखती थीं।
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शादी के बाद दूल्हा, दुल्हन दोनों को इन्तजार रहता है सुहागरात का… यह दोनों के विवाहित जीवन की पहली और सबसे ख़ास रात होती है जिसके सपने लड़का लड़की दोनों बरसों से देख रहे होते हैं! दोनों अपनी इर रात को यादगार बनाना चाहते हैं, इसके लिए उन्होंने पूरी तैयारी भी की होती है, लड़की के मन में पहले सेक्स का डर समाया होता है तो रोमांच भी होता है, वहीं लड़का भी रोमांचित होने के साथ साथ कुछ डरा हुआ होता है कि उससे सब कुछ ठीक ठाक हो भी पाएगा या नहीं!
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जब से हमारी चुदाई हुई थी.. मौसी मुझसे और मेरे लौड़े से बहुत प्यार करने लगी थीं, मैं भी उनकी पूरी देखभाल करता था और वो भी मेरा बहुत ख्याल रखती थीं।
मैंने शादी से पहले कभी सेक्स नहीं किया था और मेरी पत्नी भी सेक्स के मामले में बिल्कुल अनाड़ी थी। सुहागरात को मैं अपने कमरे में गया.. मेरी नई-नवेली दुल्हन शादी के जोड़े में बहुत खूबसूरत लग रही थी।
बिहार आया.. तो दरभंगा में ही एक देसी लड़की से दोस्ती हो गई। जैसे कैसे उसे चुदवाने को राजी किया लेकिन उसे डर बहुत लगता था, उसे कैसे मैंने चोदा, इस कहानी में पढ़िए!
झड़ने के बाद वो मेरा सारा माल पी गई और लंड को चाट कर साफ़ कर मेरे बदन पर उंगली फिराने लगी। मैं उठा और उसके लहँगे को घुटनों तक उठा दिया और उसके पैरों को चूमने लगा।
वो मदहोश होने लगी, मेरे बालों में प्यार से उँगलियाँ फेर रही थी कि उसने मुझे धक्का देकर नीचे कर दिया, खुद मेरे ऊपर आ गई और मेरे होठों को और सीने पर पागलों की तरह चूमने लगी.
मेरे एक प्रशंसक से मुझे प्यार सा हो गया, मैंने कई बार इसे सेक्स के लिए उकसाया मगर वो यह जानते हुए भी कि मैं शादीशुदा हूँ, कहता कि तुम्हारे साथ सुहागरात मनाऊँगा शादी के बाद...
धीरे-धीरे उसकी साड़ी को ऊपर करते हुए उसकी मोटी जांघों के बीच आ गया, जैसे-जैसे मैं उसकी योनि के पास जो अभी भी साड़ी से छिपी हुई थी, पहुँच रहा था, रचना की तड़प बढ़ती जा रही थी और उसकी सिसकारी तेज होती जा रही थी।
ऐसी संतुष्टि पहले कभी नहीं हुई.. जैसी आज हम पसीने में लथपथ एक-दूसरे से लिपटे हुए थे.. दुनिया की सारी खुशियों और गम से बेखबर.. सच कहते हैं.. पहला प्यार भुलाये से भी नहीं भुलाया जा सकता।
ऐसा नहीं कि मेरी बीवी सम्भोग करना नहीं चाहती या सेक्स करते समय सहयोग नहीं कर रही, लेकिन जैसे ही मैं उसकी योनि में लिंग प्रवेश कराने लगता हूँ, वो दर्द के मारे मुझे दूर धकेल देती है
मैं ऋतु.. अन्तर्वासना पर मैं आपको अपनी चूत की अनेकों चुदाईयों के बारे में बताऊँगी लेकिन सबसे पहले अपने चचेरे भाई से अपनी कुंवारी चूत के उद्घाटन की बात बता रही हूँ, आनन्द लीजिएगा।
अब तक आपने पढ़ा.. सुबह हम लोग जाने लगे तो मधु फिर से हमारे पास आई, उसका चेहरा खिला हुआ था, उसने आस-पास देखकर हम लोगों को किस किया और कहा- रात को जितना आनन्द आया शायद ही कभी आया हो। आप जल्दी से शादी का मुहूर्त निकालिए.. मैं आप लोगों से चुदने को बेकरार […]
मेरी चाची की भतीजी हमारे घर रहने आई तो हमारी दोस्ती हो गई, हम एक दूसरे को चाहने लगे. हम खूब घूमे फिरे और एक चांदनी रात को घर की छत पर मैंने अपने प्यार का इज़हार कर दिया.
यह कहानी मेरी सहेली की है.. उसी की जुबान में सुनिए.. हैलो.. मेरा नाम नाजिया है.. मेरी शादी को 8 साल हो चुके हैं। यह बात तब की है जब मेरी शादी को हुए 2 महीने हुए थे। मेरे पति दुबई में काम करते थे। मेरी सुहागरात के दिन वो सब नहीं हुआ.. जो मुझे […]
मम्मी ने पापा को एक बार कस के चूमा और फिर वो निढाल सी पापा के सीने से चिपक गई, उनके हाथ पापा की पीठ के चारों ओर कस गए, उनका शरीर पसीने पसीने था जो यह बता रहा था कि आज उन्होंने बहुत मेहनत की है।
मैं भी अपनी सुहाग रात के बारे में आपको बताने जा रहा हूँ लेकिन इस पोर्न कहानी में कुछ मिर्च मसाला और कल्पना के शब्द भी भरूँगा ताकि कहानी की रोचकता भी बनी रहे और आपको पढ़ने का भी मजा मिले..
मम्मी की बातों को सुनकर मैं अचम्भे में पड़ गया कि हमेशा इतनी सभ्य और शालीनता से रहने वाली मेरी मम्मी आज फ़ूहड़ भाषा का इस्तेमाल कर रही थी पर शायद मज़े और उत्तेजना की लिए।
अब पापा ने फिर से मम्मी के गालों को, कभी कोमल अधरों को, कभी उरोजों की घाटी, कभी मम्मी की नरम बाँहों को चूमना चूसना शुरु कर दिया। मम्मी भी अब पापा के सुर सुर मिला रही थी और उनका पूरा साथ दे रही थी, कभी वो पापा के गालों को पुचकारती, तो कभी उनके माथे को चूम लेती।
जहाँ पापा मम्मी के गुलाबी अधरों का रस पान कर रहे थे, वहीं मम्मी पापा के मुँह का रस पी रही थी और रोमाँच के कारण उनके मुँह से केवल उम्म... उम्ह... उम्ह की सिसकारी रूपी आवाजें निकल रही थी। अब पापा के हाथ मम्मी के ब्लाउज पर आ गए, पापा अपने हाथ मम्मी के उरोजों पर ब्लाउज के ऊपर से ही फिराने लगे।
अपनी पहली कहानी में मैं अपनी सुहागरात पर, शादी की पहली रात ही मुझे जो तजुरबा हुआ, अपनी पहली चूत चुदाई और अपने पति के एक अजीब शौक की बात बता रही हूँ...
मम्मी पापा और मैं एक ही बेडरूम में सोते थे तो जब भी पापा मम्मी की चुदाई की कोशिश करते तो मम्मी कभी मेरे जाग जाने तो कभी बिना कंडोम के गर्भ ठहरने के डर से चुदाने से मना कर देती थी , मैं यह सब देखता था.