सुहागरात- एक लंड की चाहत-2
अजय ने मेरी चोली और लहंगा उतार दिया और खुद भी अपना कुर्ता और पाजामा भी... मुझे बहुत शर्म आ रही थी क्योंकि मेरे नीचे के दोनों वस्त्र बहुत छोटे और पारभासक थे।
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शादी के बाद दूल्हा, दुल्हन दोनों को इन्तजार रहता है सुहागरात का… यह दोनों के विवाहित जीवन की पहली और सबसे ख़ास रात होती है जिसके सपने लड़का लड़की दोनों बरसों से देख रहे होते हैं! दोनों अपनी इर रात को यादगार बनाना चाहते हैं, इसके लिए उन्होंने पूरी तैयारी भी की होती है, लड़की के मन में पहले सेक्स का डर समाया होता है तो रोमांच भी होता है, वहीं लड़का भी रोमांचित होने के साथ साथ कुछ डरा हुआ होता है कि उससे सब कुछ ठीक ठाक हो भी पाएगा या नहीं!
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अजय ने मेरी चोली और लहंगा उतार दिया और खुद भी अपना कुर्ता और पाजामा भी... मुझे बहुत शर्म आ रही थी क्योंकि मेरे नीचे के दोनों वस्त्र बहुत छोटे और पारभासक थे।
मैं शालिनी राठौर, 32, जयपुर, 36-32-38, बहुत सुंदर गोल सुडौल भरे हुए मम्मे, 8 साल पहले शादी हुई थी, अब प्रेग्नेंट हूँ, अब तक दस लौड़ों से चुद चुकी हूँ। सारे लंड मैंने शादी के बाद लिए हैं।
जब सुहागरात को दुल्हन कमरे में बैठी होती है उस समय जब दूल्हे को कमरे में भेजकर भाभियाँ बाहर से कुंडी लगा देती हैं तो दूल्हे को चाहिए कि कुंडी खुलवाने के लिए थोड़ा सा निवेदन करने के बाद स्वयं अंदर से दरवाजे का कुंडी अंदर से लगा दे।
अन्तर्वासना के सभी पाठकों को नमस्कार ! मैंने अपनी कहानी पुसी की किस्सी में जैसा आपसे वादा किया था कि ‘हमने सुहागरात कैसे मनाई’ यह बताऊँगा, तो लीजिए इस बार अपनी सुहागरात की बात आपके समक्ष रख रहा हूँ। मेरी शादी ठीक से हुई, मेरे जिम्मे सिर्फ़ दो काम थे, पहला घर और ससुराल में […]
सच कहूँ तो मैंने कभी किसी का लिंग अपने मुँह में लेना और चूसना तो दूर की बात है कभी ठीक से देखा भी नहीं था। पर सहेलियों से सुना बहुत था कि लिंग ऐसा होता है वैसा होता है।
भंवरे ने डंक मार दिया था और शिकारी अपना लक्ष्य भेदन कर चुका था। अब कलि खिल चुकी थी और भंवरे को अपनी पंखुड़ियों में कैद किये अपना यौवन मधु पिलाने को आतुर हो रही थी।
उन्होंने अपने मुन्ने को मेरी मुनिया (लाडो) के चीरे पर रख दिया। मैंने अपनी साँसें रोक ली और अपने दांत कस कर भींच लिए। मेरी लाडो तो कब से उनके स्वागत के लिए आतुर होकर प्रेम के आंसू बहाने लगी थी।
प्रेषिका : स्लिमसीमा ‘मधुर, क्या मैं एक बार आपके हाथों को चूम सकता हूँ?’ मेरे अधरों पर गर्वीली मुस्कान थिरक उठी। अपने प्रियतम को प्रणय-निवेदन करते देख कर रूप-गर्विता होने का अहसास कितना मादक और रोमांचकारी होता है, मैंने आज जाना था। मैंने मन में सोचा ‘पूरी फूलों की डाली अपनी खुशबू बिखरने के लिए […]
वो अक्सर बाथरूम में जब नहाने के लिए अपने सारे कपड़े उतार देती है तब उसे तौलिये और साबुन की याद आती है। अभी वो बाथरूम में है और वो तौलिया ले जाना भूल गई है।
प्रेषिका : श्रद्धा वैद्य प्रिय पाठको, यह मेरी सच्ची कहानी है, दस साल पुरानी बात है, मैं अमरावती में रहती थी, पापा और ममा नौकरी करते थे। मैं उनकी अकेली लाडली बेटी थी। वे दफ़्तर चले जाते और मैं स्कूल ! शाम को हम घर आते, हमारा घर काफी बड़ा था इसलिये पापा ने सोचा […]
प्रेषिका : राबिया पिछले महीने 19 जनवरी की रात जीजी की शादी हुई और इसी के साथ वो शादीशुदा हो गई। अगले दिन उनकी विदाई हुई और दो दिन बाद वो घर लौट आई पगफ़ेरे के लिए। उनके घर आते ही हम उन्हें छेड़ने लगीं- जीजी बताओ ना क्या क्या हुआ…? पता चला कि जीजी […]
सुहागरात का असली मजा-1 तभी भाई आ गये और बोले- क्या बात चल रही है भाभी-देवर में? मैं बोला- तुम्हारे बारे में ही चल रही है। ‘क्या?’ भाभी बता रही थी कि आपने रात इन्हें कितना सताया। ‘अच्छा?’ ‘हाँ!’ ‘चलो, तुम मौज लो, मैं चलता हूँ!’ और मैं वहाँ से आ गया। मैं बहुत खुश […]
राज कौशिक की तरफ से सभी लड़के-लड़कियों और भाभियों को नमस्कार। आपने मेरी कहानियाँ सुहागरात भी तुम्हारे साथ मनाऊँगा, कुँवारी चूत मिली तोहफ़े में, लक्ष्मी की ससुराल पढ़ी होंगी। यह कहानी मेरी भाभी की है जो बेचारी अपनी चूत की प्यास से परेशान थी और मैंने उसको पानी पिलाया। कैसे? यह आप आगे पढ़िए। मेरे […]
वो बोली- तुम भी तो अपने कपड़े उतारो ! मैं बोला- मैंने तुम्हारे उतारे हैं, तुम भी मेरे उतार दो। उसने मेरी जैकेट उतारी और मुझे पीछे को धक्का दे दिया। मैं सीधा लेट गया फिर उसने बटन खोल कर मेरी छाती को चूमना शुरु कर दिया। उसकी चूचियाँ मेरी छाती को छूती तो करन्ट […]
जानू जाओ न प्लीज ! अलग सा चेहरा बनाकर बोली। मुझे उसका चेहरा देखकर हँसी आ गई, मैं बोला- रोओ मत ! जा रहा हूँ ! मैं कहाँ रो रही हूँ? ठीक है, चलो चलते हैं ! मैंने उसे चूमा और बाय कहकर चला आया। सुबह तैयार होकर स्कूल के लिए निकला। लक्ष्मी मेरा इन्तज़ार […]
कहानी का पहला भाग : सुहागरात भी तुम्हारे साथ मनाऊँगी-1 मैं बैचेन था। शाम को मैं खेतों पर चला गया। मेरे खेतों पर एक पेड़ था, मैं वहाँ जाकर बैठ गया। मैं जब भी खेतो पर जाता था तो वो मुझ से कहती थी कि उसने मुझे देखा। यही सोचकर मैं वहाँ बैठा था कि […]
मेरा नाम राज कौशिक है। मैं अन्तर्वासना की कहानियाँ लगभग एक साल से पढ़ रहा हूँ। इनमें कुछ सच्ची लगती है तो कुछ झूठी। खैर, जैसी भी हो, मजेदार होती हैं। अब मैं अपनी एक सच्ची कहानी आप सबके सामने भेज रहा हूँ। कहानी से पहले अपने बारे मैं बताता हूँ। उम्र 22 साल, कद […]
हम दोनों अब बेड पर लेट गए, दोनों कुछ भी नहीं बोल रहे थे। एक अजीब सी हलचल हो रही थी मन में, मुझे यह डर था कि वो बुरा न मान जाए या फिर मुझ से कोई गलती न हो जाए।
मेरे घूमते ही लक्की मेरी पीठ से चिपक गया और अपने दोनों हाथ मेरे मम्मों पर रख दिये। मैंने नीचे मम्मों को देखा… मेरे दोनों कबूतरों को जो उसके हाथों की गिरफ़्त में थे। उसने एक झटके में मुझे अपने से चिपका लिया और अपना बलिष्ठ लण्ड मेरे चूतड़ों की दरार में घुमाने लगा। मैंने […]
सुहागरात के समय लड़कीको संकोच होता है। वह आकांक्षा और आशंका से जूझ रही होती है। पुरुष को चाहिए कि वह उसे दिलासा दे, उसका साहस बढ़ाये तथा उसे आश्वस्त करे