प्यासी नर्स और मेरा कुंवारा लण्ड
एक तलाकशुदा नर्स का फ़ोन नम्बर मुझे मेरे दोस्त ने दिया, कहा कि यह लड़की फ़ोन पर सेक्सी बातें करती है। मैंने भी उससे सेक्सी बातें शुरु कर दी और बात चुदाई तक पहुँच गई।
सहेलियों के बीच सेक्स चुदाई की बातें और आपस में एक दूसरी से सेक्स का मजा लेने की गर्म कहानियाँ
एक तलाकशुदा नर्स का फ़ोन नम्बर मुझे मेरे दोस्त ने दिया, कहा कि यह लड़की फ़ोन पर सेक्सी बातें करती है। मैंने भी उससे सेक्सी बातें शुरु कर दी और बात चुदाई तक पहुँच गई।
इंटरव्यू लेते हुए एक लड़की को मैंने लैपटॉप दिया कि इमेल भेज कर दिखाओ। उसने इमेल भेज दी पर लोग आउट नहीं किया। मैंने देखा कि उसकी इमेल पर अन्तर्वासना मेल्स थी।
मुझ पर क्या नशा चढ़ गया था, मैंने भी कामिनी के होंठ चूसने शुरू कर दिए और अपनी उंगली उसकी चूत में घुमानी शुरू कर दी। वो मुझे खींचकर बिस्तर पर ले गई और अगले ही पल हम दोनों नंगी होकर एक दूसरी की चूत चूस रही थी।
मैं बाहर आई तो देखा- तीनों नंगे मेरे बिस्तर पर चूमा-चाटी में भिड़े थे। दोनों लड़के मुझे देखकर मेरी ओर लपके.. दो गैर मर्दों को एक साथ नंगा मैं पहली बार देख रही थी.
काफ़ी देर तक चूत को चूसने के बाद अपने मुँह में लेकर मेरे मम्मों को पीने लगा। अब मुझे भी मस्ती सी आ रही थी, वो मेरी चूत में उंगली भी कर रहा था।
ट्रेन में भीड़ के कारण मुझे अपनी सहेली के साथ ए सी कोच में बिना टिकट चढ़ना पड़ा. टीटी आया तो उसे पैसे देकर टालने की कोशिश की लेकिन उसकी कामुक नज़र तो हम दोनों की जवानी पर थी.
सेक्स की आग से कौन बच पाया है.. सो धीरे-धीरे रिचा ने उसको अपने ऊपर ले लिया और उसका ब्वॉय फ्रेंड भी उसके ऊपर चढ़कर उसके मम्मों को चूसने लगा।
लड़की का कमीज उसकी छाती तक उठा हुआ था और उसकी ब्रा भी ऊपर सरकी हुई थी जिससे उसकी चूचियाँ आधी नंगी दिख रही थीं... गोल गोल दूधिया रंग के नुकीले वक्ष थे उसके जो बिल्कुल तने हुए थे।
मैं उनके लिंग के ऊपर बैठने उठने लगी जिससे लिंग योनि में अन्दर बाहर होने लगा। मेरी पकड़ कुछ पलों के धक्कों में फिर से मजबूत हो गई और मेरी योनि भी कसने लगी।
मामा मुझे अपने घर ले गए क्योंकि घर में उनकी बेटियाँ अकेली रहने वाली थी. वहाँ उनकी एक सहेली भी आ गई और हम सब एक साथ सोये. तो कुछ तो होना ही था!
मेरी सहेली हॉस्टल में चुदती थी, मुझे भी चुदाई के लिये उकसाती थी। एक बार हम सहेलियाँ घर जा रही थी तो वोल्वो बस में उसका प्रेमी अपने दोस्त के साथ आया। और फ़िर…
मेरी प्यार की कहानी हमारी ही गली के एक लड़के के साथ शुरू हुई। एक दिन मेरी दोस्त पिंकी के घर वाले कहीं बाहर गए हुए थे तो मैंने अपने बॉयफ़्रेंड राहुल को बता दिया कि कल पिंकी के घर पर चलना है।
राजेश अपनी बीवी मुझसे चुदवाना चाहता था। मैंने अपनी बीवी से बात की कि अगर मैं अपने दोस्त से गान्ड मरवा कर बदले में उसकी बीवी चोद लूं तो? मेरी बीवी को इसमें कोई ऐतराज नहीं था।
अगले दिन मैं राजू भाई के नीचे थी.. उनका लण्ड मेरी चूत में घुसा हुआ था.. हम दोनों की साँसें तेज थीं कि मैंने देखा कि मेरी एक सहेली निशा का कॉल आ रहा था। तो मैंने फोन रिसीव किया.
मैं दस दिन से भूखी थी तो लीना बीस दिन से! जल्दी ही हमारे बाकी कपड़े भी उतर गये, हम 69 के अंदाज में आकर एक दूसरी की चूचियाँ चूसने लगी। थोड़ी ही देर बाद हमारे शरीर सरके और एक दूसरे की चूत हमारे मुँह के सामने थीं।
सुबह पांच बजे मैंने रवि को सोते से उठा दिया, फोन की घंटी से राज भी उठ गया था, रवि ने फोन का स्पीकर खोल दिया। मैंने रवि से कहा- यार, पूरी रात तुम्हारा लंड याद आता रहा, एक बार मेरी चूत में डाल दो न डार्लिंग!
मेरा वो दोस्त मुझसे मिलने और सम्भोग के लिए इतना उत्सुक हो चुका था कि वो किसी भी हद तक जाने को तैयार था। मुझे वो रोज परेशान करने लगा तब मैंने यह बात तारा को बताई।
दीप्ति ने मेरे पास आकर सुनील का लंड मेरे हाथ में पकड़ा दिया। उसके मोटे लंड को पकड़ते ही मेरी चूत और भी गीली हो गई.. क्योंकि मैंने आज तक संजय के अलावा और किसी का लंड नहीं पकड़ा था।
मेरी बीवी ब्यूटीशीयन है, वो अपनी सहेली का मालिश करने गई तो उसने अपने पति के सामने मालिश करवाई और बाद में उसने मुझे अपने पति की मालिश करने को भी कहा।
जांघों को किस करते हुए चूत तक पहुँच गई। उसकी पैन्टी के ऊपर से ही चूत को सूंघने लगी। चूत की खुश्बू सूंघ कर मैं तो बेहोश होने लगी थी.. आह्ह.. क्या नशा था उसमें..