अब प्यार न कर पाएँगे हम किसी से
मेरी आँखें बंद थीं लेकिन फिर भी मैं इशानी को अपनी बाँहों में भर कर उसके अंग-अंग को छू कर महसूस कर रहा था हम दोनों ही अपने प्रेम की उत्तेजना से सराबोर थे। यह वो कामोत्तेजना थी.. जो युग-युग से प्यासे प्रेमियों पर आज जी भर कर बरसने वाली थी।