गाँव की मस्तीखोर भाभियाँ-5
छोटी भाभी को मैंने चुदाई के लिये कहा तो वो एकदम तैयार हो गई। मैंने उसके चूचे पकड़ लिये और ब्लाऊज खोल कर चूसने लगा। भाभी चुदने को बेचैन हो रही थी।
ओरल सेक्स की हिंदी चुदाई कहानियों का मजा लें जिनमें लड़की द्वारा लंड चूसने और लड़के द्वारा चूत चाट के एक दूसरे को मजा देने का वर्णन है.
Oral Sex ki Hindi chudai kahani
छोटी भाभी को मैंने चुदाई के लिये कहा तो वो एकदम तैयार हो गई। मैंने उसके चूचे पकड़ लिये और ब्लाऊज खोल कर चूसने लगा। भाभी चुदने को बेचैन हो रही थी।
मैं और मेरा सहपाठी आम के बग़ीचे में घूमने निकले। मेरी नज़र दूर खड़ी एक सांवली, नखरे वाली.. गहरी काली आँखों वाली लड़की पर पड़ी, मुझे कुछ कुछ होने लगा।
मेरे भतीजे ने मेरी अन्तर्वासना भड़का दी थी लेकिन हम चुदाई नहीं कर पाए थे. इस कहानी में पढिए कि कैसे मेरे भतीजे ने मेरी चूत को चाट चाट चोदा.
चचेरी बहन से मेरा चक्कर था। एक रात वो हमारे घर रुकी तो मैं उसे चोदने कमरे में गया जहाँ वो मेरी सगी बहन के साथ सो रही थी। अन्धेरे में क्या से क्या हो गया!
भाभी की ननद ने हमें देख लिया लेकिन वो चुप रही। भाभी की योजनानुसार मैंने सन्दीप को शहर के डॉक्टर को दिखाने को मनाया और वो भाभी को मेरे पास छोड़ गया।
गर्लफ्रेंड की चुदाई करते हमें पड़ोसन भाभी ने देखा तो वो अपनी चुदाई की बात करने लगी। एक दिन भाभी ने मुझे बुलवाया चु्दाई करवाने क्योंकि उसके घर कोई नहीं था।
मेरी बीवी की सहेली के पति का चक्कर किसी गैर औरत से चल रहा था तो वो बहुत दुखी थी। मैंने दुख का कारण पूछा तो नहीं बताया। मेरी बीवी मायके गई तो वो मेरे घर आई।
मेरे पड़ोस की कुंवारी लड़की आधुनिक लड़कियों की भान्ति हर चीज का आनन्द लेना चाहती थी। इसके लिये उसने मुझे चुना। पढ़ें कि कैसे मैं उसे प्रथम चरमोत्कर्ष तक ले गया।
मैं और फ़रहान अपनी बड़ी बहन के नंगे बदन से चिपके पड़े थे, वो उनकी गांड चाट रहा था और मैं चूत में उंगली कर रहा था। तभी आपी ने मेरा लंड अपने हाथ में लिया।
अगले दिन भाभी ने मुझे फ़िर बुलाया तो मैं समझ गया कि भैया भी अपनी बीवी को मुझसे चुदवाना चाहते हैं। मैं भी हूर परी सी भाभी की चूत मारने को बेचैन होने लगा था।
आपी ने मेरी मुठ मार मुझे और फ़रहान ने आपी की चूत चाट उन्हें झड़वा दिया। उसके बाद वो चली गई और अगली रात गयारह बजे के बाद आपी हमारे कमरे में आई… तो क्या हुआ?
अब आपी अपने भाइयों यानि मेरे और फ़रहान से बिल्कुल बेपर्दा होकर अपना नंगा हुस्न नुमाया कर रही थी। मैं उन्हें चूम रहा था और फ़रहान उनके नंगे जिस्म से खेलने में लगा था।
अपनी सुहागरात तक मैं बिल्कुल कुंवारी थी, शादी के बाद सुहागरात को मुझे डर था कि क्या होगा कैसे होगा, दर्द होगा. इसी डर के चलते मेरे पति कमरे में आए और!
मैं अपनी ज़ुबान से चाटता हुआ रान से घुटने.. और फिर पिण्डलियों से हो कर पाँव तक पहुँचा और आपी की सलवार को उनके जिस्म से अलग करके पीछे फेंक दिया।
अपनी चुदासी मॉम की हालत देख कर मेरी बीवी ने मुझसे अनुरोध किया कि मैं उसकी मॉम यानि अपनी सास को चोद कर उन्हें यौनसुख प्रदान करूँ! क्या मैं यह कार्य कर पाया?
भैया अपने सारे कपड़े उतार कर मेरे ऊपर लेट गए, मैं भी आँखें बन्द करके पड़ी रही और भैया के लिंग के प्रवेश कराने का इंतजार करने लगी। भैया ने एक हाथ से अपने लिंग को मेरी योनि के प्रवेश द्वार पर रख कर जोर का धक्का मारा..
प्रिया घर में अकेली रहा करती थी और उसको टाइम काटना मुश्किल हो रहा था इसीलिए वो शाम को बाल्कनी में आ जाया करती थी। मैंने उस से इधर-उधर की बातें की.. ताकि वो मेरे साथ कंफर्टबल हो जाए।
भाई बहन की चुदाई की यह कहानी शराब के नशे में भाई द्वारा अपनी छोटी बहन की चूत चुदाई की है जिसमें बहन ने भी मज़ा लेकर अपनी चूत चुदवाई क्योंकि बहन की यह पहली चुदाई नहीं थी.
अंकल का लंड… मैंने पहले भी छुआ तो था, जब गोदी में बिठाते थे तो अपने चूतड़ों में और जांघों में महसूस होता था पर इस वक्त तो मैं बिना किसी डर के पहली बार पूरा नंगा लंड देख रही थी।
मैंने सोचा कि सबसे पहले एक बार इस अनचुदी कुंवारी कमसिन बुर को चूसने का आनन्द तो उठा लूँ, थोड़ी देर चूस लेता हूँ। थोड़ा स्वाद चख लेता हूँ फिर इसको फाडूंगा।