चूत एक पहेली -16
पुनीत के दोस्त सन्नी ने मुनिया को देखा तो उसे लगा कि उसने मुनिया को पहले भी देखा हुआ है… सन्नी के जाने के बाद पुनीत मुनिया के बदन के साथ खेलने लगा।
नोन वेज यानि चोदने की और चुदवाने की रसीली कहानियां. पता नहीं इसका नाम नोन वेज किसने रखा था! लेकिन हमारे बहुत सब पाठक मित्रों को इसी नाम से हिंदी सेक्स कहानियाँ खोजने की आदत है!
Non veg story jisme chudne aur chodne ki baatein aap ke lie sex ke anubhaw karne wale ya use dekne wale logo ne likhi hui he.
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पुनीत के दोस्त सन्नी ने मुनिया को देखा तो उसे लगा कि उसने मुनिया को पहले भी देखा हुआ है… सन्नी के जाने के बाद पुनीत मुनिया के बदन के साथ खेलने लगा।
क्या बकवास कर रहा है.. मैंने बोल दिया ना और वो सिर्फ़ तेरी बहन नहीं.. मेरी भी है.. तू डर मत.. हम जीतेंगे और इसकी बहन को इसके सामने नंगा करेंगे।
मैंने जाहिरा के पतले-पतले होंठों पर अपनी उंगली फेरनी शुरू की और बोली- फैजान.. देखो तुम्हारी बहन के कितने प्यारे होंठ हैं.. यह कह कर मैं झुकी और अपने होंठ जाहिरा के होंठों पर रख दिए और उसको किस करने लगी।
दीप्ति ने स्पीड बढ़ा दी और वो अब ज़ोर-ज़ोर से मेरे लंड को चूसने लगी और मेरा सुपारा उसके गले को टच किए जा रहा था.. मुझे थोड़ा दर्द हो रहा था.. पर मैं उसे बर्दाश्त किए जा रहा था..
नयना ने झुककर दीप्ति की जाँघों पर पड़ा मेरा पूरा वीर्य चाट लिया और मैंने उसकी जीन्स की बटन खोल कर पैन्टी के साथ नीचे खींच ली। वॉऊ.. क्या चूतड़ थे नयना के.. एकदम राउंडेड.. चिकने और दूध की तरह मुलायम.. ! मैं उसके चूतड़ों पर हाथ फेरने लगा। अब वक्त था मेरी गाण्ड में ककड़ी जाने का…
मैं नयना के घर गया, वहाँ दीप्ति ने मेरे टट्टे पकड़ कर अपनी चूत चाटने को कहा। नयना मेरे चूतड़ों पर थप्पड़ बरसाने लगी। मैं एकदम से दीप्ति की जाँघों पर ही झड़ गया।
मेरी माँ टीचर है.. उसकी उम्र 37-38 की होगी.. मगर देखने में किसी भी हालत में 31-32 से ज्यादा की नहीं लगती थी, माँ और दीदी एकदम गोरी हैं, माँ मोटी तो नहीं.. लेकिन भरे हुए शरीर वाली थीं और उनके चूतड़ चलने पर हिलते थे। मेरी दीदी की उम्र 22 साल की थी..
नयना के अपार्टमेंट की मैंने डोर बेल बजाई और नयना ने दरवाज़ा खोला- वेलकम आशीष.. यहीं पर तुम अपने कपड़े उतार कर मेरे पास दे दो.. अब ये तुम्हें रविवार की रात में जब यहाँ से जाओगे.. तब इसी जगह मिलेंगे..
उसने आज स्लीवलैस टॉप पहन रखा था और उसका गला थोड़ा ज्यादा ही गहरा खुला हुआ था इसलिए मैं उसका क्लीवेज थोड़ा अधिक ढंग से देख पा रहा था, उसने शायद ब्रा नहीं पहनी हुई थी।
आजकल की लड़कियाँ ऐसे-ऐसे ड्रेस पहनती हैं.. उस सब को देख कर कुछ तो महसूस होता होगा.. उनके करीब जाने की इच्छा.. उनसे बात करने की इच्छा.. उन्हें छूने की इच्छा.. किस करने की इच्छा.. कुछ और करने की इच्छा?
पति देव को अच्छी तरह मालूम था कि मैं कभी-कभी हस्तमैथुन मैथुन कर लेती हूँ.. कई बार मेरी सिसकियाँ सुनकर उठ जाते और गौर से मुझे देखते रहते। उनकी आँखों के सामने ही मैं अपनी योनि को ज़ोरों से घिसती और रगड़ती रहती
मेरे गद्दे और चादर पर अपना रस छोड़ेगा... ईएश.. कितना गंदा काम.. ऐसा कितने बार उसने रस छोड़ा होगा? मुँह में लार और पेशाब की तरह वीर्य भी काफ़ी पर्सनल चीज़ है। दूसरों के लिए अछूत सी होती है।
मेरी मकान मालकिन अपनी सहेली को लेकर जब मेरे कमरे में आई.. मैं उसे देखता ही रह गया, वह किसी अच्छे घर की लगती थी और बहुत खूबसूरत थी। मेरी तो लॉटरी ही लग गई जो मुझे उस जैसी हसीन-तरीन हूर को चोदने का मौका मिल रहा था
पड़ोसन ने मुझसे बात की तो मैंने उसे कहा कि मैं उसके सामने मुठ मारना चाहता हूँ। वो रुक गई और मेरे मुठ मारते वक्त इसने अपने शर्ट की जिप खोल कर मुझे अपनी ब्रा दिखाई।
मुझे लड़कियों, महिलाओं के सामने नंगा होने में और उन्हें अपना नंगा बदन दिखाने में बड़ा मज़ा आता है. इस बार मैंने अपनी नई पड़ोसन को बालकनी में नंगा होकर दिखाया
एक दिन मम्मी पापा आये, मुझसे राय कर अपने एक दोस्त की दो बेटियों को कोठी में रहने के लिये छोड़ गये। उनको अलग कमरा दिया था। एक रात मैं कम्मो को चोद रहा था कि…
बाप का साया सर से उठा तो माँ अपनी चूत की आग़ बुझाने के लिए आशिक पालने लगी. चुदक्कड़ माँ की बेटियाँ कौन सा पीछे रहती... एक बार माँ को दो लड़कों से चुदते देख... मेरी फुद्दी में कुछ कुछ होने लगा..
भैया कारोबार से दुबई जाने लगे तो भाभी उदास होकर कहने लगी कि मैं अकेली हो जाती हूँ, भैया ने कह दिया कि तुम्हारा देवर है तुम्हारे पास, चाहे जो करो... और फिर.. मेरी तो जैसे लाटरी निकल पड़ी..
मैं जूही परमार बड़ी चुदक्कड़ हूँ, लंड देखा नहीं कि मेरी जीभ लपलपाने, चूत फडफड़ाने लगती है और गाण्ड का छेद खुलने बंद होने लगता है. मेरी चुदाई की कहानी जिसमे मैंने अपने जिम इंस्ट्रक्टर से अपनी गाण्ड मरवा ली..
मैं धीरे से अपने पैर से मामी के गाउन को ऊपर करने लगा। मेरी थोड़ी सी कोशिश से ही गाउन मामी के घुटनों तक आ गया और मैं उनसे चिपक कर लेट गया।