चाण्डाल चौकड़ी के कारनामे-10
मैंने सोचा 'अब रो तो रही ही है' इधर लंड भी अपनी पूरी औकात में था, मैंने फिर से जोर का धक्का लगाया और पेल दिया अपना लंड उसकी चूत में।
नोन वेज यानि चोदने की और चुदवाने की रसीली कहानियां. पता नहीं इसका नाम नोन वेज किसने रखा था! लेकिन हमारे बहुत सब पाठक मित्रों को इसी नाम से हिंदी सेक्स कहानियाँ खोजने की आदत है!
Non veg story jisme chudne aur chodne ki baatein aap ke lie sex ke anubhaw karne wale ya use dekne wale logo ne likhi hui he.
Sexy non-veg sex stories of people who either experienced it or they saw it live being done. These horny Indian Hindi stories will make you give a hard-on or watery pussy!
मैंने सोचा 'अब रो तो रही ही है' इधर लंड भी अपनी पूरी औकात में था, मैंने फिर से जोर का धक्का लगाया और पेल दिया अपना लंड उसकी चूत में।
नेहा की कुंवारी चूत खोलने के बाद मैं अपने कमरे में गया और दूसरी कुंआरी चूत को उसके कमरे में भेजा। कुछ देर मधु, नीता से बात करके मैं शिखा के कमरे में गया।
इधर आंटी पर इतनी देर में किसी ने ध्यान नहीं दिया था तो वो अपनी ओर आकर्षण खींचने के लिए अपनी पैंटी उतार कर साड़ी ऊपर करके अपनी चूत सहलाने लगी।
मेरी नंगी चूत भीगी हुई थी, चूत पर एक भी बाल नहीं था.. हल्का सा रोंया ही आया था। मेरी चूत पावरोटी की तरह फूली हुई थी। अंकल ने मेरी चूत को चूसना शुरू कर दिया।
मधु बोली- मेरा जहाँ मन करा, मैं चुदवा रही हूँ और ये कोई मेरा बॉय फ्रेंड नहीं मेरा पति है। मैंने तुम्हे किसी चीज़ के लिए नहीं रोका पर मेरे बदन को हाथ लगाने के लिए तुम्हे मेरे पति से परमिशन लेनी होगी।
प्रियंका मजे से उसको उकसाने लगी- क्यों.. जीजू की साली.. बहुत चुदने का मन था न... ले अब मजे ले जीजू के लौड़े के झटके खा.. आज पूरी रात तेरी चूत और गाण्ड की बैंड बजेगी..
एक बार हम अकेले में मिले और उसने मुझे उसका लण्ड मुँह में लेने को कहा.. पर मैं ना-नुकुर करने लगा। उसके ज़ोर देने पर मैंने उसका लण्ड मुँह में लिया और धीरे-धीरे चूसने लगा।
एक अकेली औरत मेरे पड़ोस में रहती थी, मेरी दोस्त थी. एक दिन अचानक टी वी पर रोमांटिक सीन देखा कर मुझे पता नहीं क्या हुआ और मैंने कुछ ऐसा कर डाला कि... कहानी पढ़ कर मज़ा लीजिए!
मेरे पति दफ़्तर चले गए, पीछे से देवर भाभी रह गये तो कुछ ना कुछ गुल खिलना ही था। इस भाग में बस यही है कि भाई के पीछे देवर भाभी के बीच क्या क्या हुआ!
मैं भाभी से पढ़ता था और भाई के सुडौल बदन को देख, सोच कर मुठ मारा करता था, मैं भैया का लंड लेना चाहता था। एक बार भाभी मायके गई तो मुझे लगा कि मेरा काम बन सकता है।
मधु को प्यासी छोड़ मैं नीलेश के पास आ गया और उसने मधु की चूत के रस से भीगा लंड चूसना शुरु किया। मैंने उससे अनायास ही पूछ लिया मधु के पानी का स्वाद कैसा है?
मेरी नई-नई नौकरी लगी थी.. दफ्तर में एक गोलू नाम का सीनियर कर्मचारी था वो मुझको रोज-रोज घूरता रहता था. मैंने उसकी बीवी को चोदा और मेरे दोस्त ने गोलू की गांड मारी.
मुझे काफ़ी टाइम हो चुका था किसी के साथ करे हुए पत्नी तो 7- 8 साल से ना के बराबर ही रूचि लेती थी, इसलिए मुझे भी सेक्स की भूख तो थी ही और बिना मेहनत के कोई खुद ही राज़ी हो जाए तो फिर तो क्या ही कहना।
मेरे पति को गये हुए करीब 6 साल हो गये हैं, वो पैसा तो बराबर घर पर भेजते हैं पर एक अकेली औरत का काम सिर्फ़ पैसे से ही नहीं चलता, कुछ और ज़रूरतें भी होती हैं।
पूनम की भाभी को गर्भ नहीं ठहर रहा था तो कम्मो के कहे अनुसार भाभी को सन्तान देने के लिये उनकी चूत चुदाई का कार्यक्रम चल रहा थ कि पूनम के भैया आ गये।
जैसे ही सोनी का मुंह मोनी की चूत में गया, वो एकदम से उछल पड़ी और अपनी कमर को उठा कर सोनी के मुंह से जोड़ दिया, दोनों हाथों को सोनी के सर पर रख दिए और पूरी ताकत से वो सर को अपनी चूत में दबाने लगी।
दिल्ली एयरपोर्ट पर एक महिला की चूचियां दिख रही थी, मैं उन्हें देखता रहा तो उसने मुझे अपना कार्ड दिया और कहा- फोन करना! मैंने Whatsapp पर उसे मैसेज किया तो उसने मुझे अपने घर बुला लिया.
मुझे लड़कों में रुचि है, मेरी मौसी के लड़के की शादी में उसके एक दोस्त, जो बांका जवान था, पर मेरी नजर टिक गई, मेरा मन उसका लण्ड लेने को करने लगा.
मैं थोड़ी देर तो दोनों हाथ दिवार पर टिकाये, झुका हुआ, कूंकता हुआ चुदवाता रहा, लेकिन फिर मुझसे रहा नहीं गया। मैंने फिर एक हाथ से अपनी गांड थाम ली।
मैं थोड़ा झिझका लेकिन फिर घुटनों के बल बैठ कर उसका लण्ड चूसने लगा, उसके लण्ड की खुशबू मेरे नथुनो में भर गई। मैं उसका और उसके लण्ड का दीवाना था।