सगी बुआ को गर्म करके चोदा
मेरी बुआ अपने पति से लड़ कर हमारे घर आयी तो मुझे गले लगाया. उनकी चूचियां मेरी छाती में गड़ी तो मेरा लंड खड़ा हो गया. उसके बाद मैंने कैसे बुआ की वासना जगायी और चोदा?
नोन वेज यानि चोदने की और चुदवाने की रसीली कहानियां. पता नहीं इसका नाम नोन वेज किसने रखा था! लेकिन हमारे बहुत सब पाठक मित्रों को इसी नाम से हिंदी सेक्स कहानियाँ खोजने की आदत है!
Non veg story jisme chudne aur chodne ki baatein aap ke lie sex ke anubhaw karne wale ya use dekne wale logo ne likhi hui he.
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मेरी बुआ अपने पति से लड़ कर हमारे घर आयी तो मुझे गले लगाया. उनकी चूचियां मेरी छाती में गड़ी तो मेरा लंड खड़ा हो गया. उसके बाद मैंने कैसे बुआ की वासना जगायी और चोदा?
मेरी सेक्स की वासना जागने लगी थी लेकिन कोई लड़की पट नहीं पा रही थी. फिर मैंने गे सेक्स के बारे में पढ़ा और सोचा कि चुत नहीं तो गांड ही सही. तो क्या मुझे गांड मिली?
मैं अपने गाँव गया तो मैंने एक दिन अपने ताऊ जी को छोटी चाची के कमरे में जाते देखा. मुझे लगा कि कुछ गड़बड़ है, मैं चुपके से उस कमरे में झाँकने लगा. तो मैंने क्या देखा?
मैंने झूठी आईडी बना कर एक प्यासी भाभी के साथ सेक्स किया. उस भाभी ने मुझे अपनी कई सहेलियों की चूत दिलवायी. एक दिन उसने मुझे अपनी भाभी को चोदने बुलाया.
मैं एक बहुत बड़ा वाला गांडु हूँ. एक बार मैं ऑफिस के काम से इंदौर गया. वहां काम खत्म किया तो मेरी गांड लंड मांगने लगी. मेरी गे कहानी में पढ़ें कि मेरी गांड में कैसे पूरी रात लंड चला.
यह कहानी मेरे एक दोस्त की है जो थोड़ा मंदबुद्धि है. माँ सेक्स की इस कहानी में पढ़ें कि उसने कैसे अपनी माँ को चोदा. जैसे उसने मुझे बताया, मैंने वैसे ही उसकी कहानी लिख दी है.
मैनेजर ने मेरी चूत चुदाई के लिए जीजा को बाहर भेज दिया और मेरी चूत को चाट कर गर्म किया, फिर मुझे चोदना शुरू कर दिया. मैं भी उसके मोटे लंड से चुदकर मस्त होने लगी.
अपनी बहन को सेक्स की गोली खिला दी क्योंकि मैं सेक्स के लिए उत्तेजित करना चाहता था. मैं छिप कर अपनी बहन की हरकत देखने लगा तो पता चला कि वह भी लंड की प्यासी है.
मेरी दीदी जब घर में झाड़ू लगाती थी तो मैं उसकी चूची देखने की कोशिश करता रहता था. मन करता था कि उसकी चूत को ही चोद दूं. क्या मेरी दीदी भी मेरे बारे में ऐसा ही सोचती थी?
अपने भाई की ये अदा मुझे बड़ी पसंद थी. वो धीरे धीरे प्यार करते करते अचानक से जंगली हो जाता था, जब मैं इसकी कामना भी नहीं कर रही होती थी. यह बात मुझे और उत्तेजित करती थी.
नम्रता आयी, उसने अपनी गीली चूत को सीधा मेरे मुँह पर रख दिया. उसकी चूत से पेशाब की गंध आ रही थी. दूसरी तरफ नम्रता ने मेरे सोये हुए लंड को मुँह में भर लिया.
मैं अपने गांव गया तो मेरी बुआ भी आई हुई थी. वैसे तो सब नॉर्मल था लेकिन मेरे ताऊ जी और बुआ के बीच मुझे कुछ खिचड़ी पकती हुई दिखाई दी. मैंने जासूसी की तो पता चला कि ...
मेरा भाई मुझे कई तरीकों से गर्म कर रहा था. पहले हॉल में, फिर सड़क पर, फिर यहां अपनी ही बिल्डिंग में मुझे नंगी घुमा रहा था. मैं अब इतनी गर्म हो चुकी थी कि मुझे जिस मर्द का भी लंड मिले, मैं उससे चूत खोल कर चुद जाऊं.
मेरे पास लण्ड अब भी था पर मैं मन से और लिबास से औरत थी और अपने दोनों पतियों के साथ प्यार से रहती थी। तभी होली आयी तो हमने वो त्यौहार कैसे मनाया?
यह कहानी बताते हुए बहुत शर्म आ रही है पर मैं करूं भी तो क्या ... मुझे अपने दिल का बोझ हल्का करना है. मेरी माँ की फिगर अच्छे अच्छों का ध्यान भटका देती है. एक बार क्या हुआ कि ...
मैं नंगा होकर जमीन पर लेट गया. नम्रता अपने कपड़े उतार मेरे पैरों के बीच बैठ गई. उसने मेरे कूल्हे पर तड़ाक-तड़ाक कर के दो तमाचे जड़ दिए और कुप्पी को गांड के अन्दर डालने लगी.
वो घोड़ी बन गयी, उसने अपने सिर और छाती को बिस्तर से टिका दिया. इससे उसकी गांड और उठ गयी. मैंने गांड की ऊंचाई तक खड़ा होकर लंड को उसकी गांड के अन्दर पेल दिया.
सेक्सी भाभी की चूत चुदाई का मजा मैंने ले लिया था. उसने अगली बार मुझसे गांड मरवाने का वायदा किया था. पर उसके बाद हमारा बहुत दिन तक संपर्क नहीं हुआ. क्या मैं उसकी गांड मार पाया?
मैं अपनी छोटी बहन के साथ ट्रेन से बिहार से दिल्ली आ रहा था. रास्ते में हम दोनों ने कुत्ते-कुतिया की चुदाई देख ली और मेरी बहन की चूत मेरे दिमाग में घूमने लगी. तो फिर ...
मैं नया-नया जवान हुआ था. एक दिन रात को मैंने माँ के चूचों को अधनंगा देख लिया. चूचे देखकर मेरी जवानी जाग उठी. मेरी ये हवस मुझे कहाँ तक ले गई? मेरी माँ ने मेरा साथ दिया या नहीं?