पैसों के लिए शादी कर बैठी-2
मुझे नंगी देख उसको मेरे हुस्न का नशा होने लगा। उसके आगे आगे उलटी चलती हुई उसको पीछे आने का इशारा करती बेडरूम में ले गई और जाकर बिस्तर पर उलटी लेट गई।
किसी लड़की का नंगा बदन देखने को मिल जाए तो क्या कहने… ऐसे ही जवान भाभी, आंटी, गर्ल्स का नग्न शरीर देख कर मजा लूटने की कहानियां यहाँ पढ़ा कर मजा लें!
मुझे नंगी देख उसको मेरे हुस्न का नशा होने लगा। उसके आगे आगे उलटी चलती हुई उसको पीछे आने का इशारा करती बेडरूम में ले गई और जाकर बिस्तर पर उलटी लेट गई।
मेम साहब मेरे ऊपर यानि लंड के ऊपर अपनी चूत रखकर बैठ गई। जैसे ही वो मेरी लंड के ऊपर बैठ कर नीचे हुई, मेरी तो वाट लग गई, मेरे लौड़े की सारी खाल खिंच कर नीचे आ गई और मैं दर्द के मारे चीखने लगा।
मैंने चुपचाप आँखें मूंद ली... काफ़ी दर्द हो रहा था, ऐसा लग रहा था कि मैं कोई गर्भवती थी, अभी मेरा प्रसव हुआ है और मेरा बच्चा मेरे दोनों निप्प्ल चूस रहा है...
जब मैं एक एक करके अपने कपड़े उतार रही थी तब अजीब सी बेचैनी हो रही थी! पूरे कपड़े उतरे तो शीशे के सामने मैंने खुद को देखा! हे भगवान! पूरे बदन में बिजली सी दौड़ गई.. बता नहीं सकती कि क्या चल रहा था मेरे मन में! डर और रोमांच का मिलाजुला सा अनुभव […]
रवि मैं अपने मम्मी-पापा का इकलौता बेटा हूँ, लेकिन एक गरीब परिवार होने के नाते हम एक छोटे शहर राजपुरा में दो कमरे वाले घर में ही रहते हैं। पापा राजपुरा में ही एक कारखाने में सुपरवाइजर हैं और मम्मी एक स्थानीय स्कूल में अंग्रेजी की अध्यापिका है। मैं बाइस साल का हूँ और घर […]
भाभी कहने लगी- रोमा, तुम्हारे भईया का लंड बहुत बड़ा और मोटा है, मुझे उससे चुदने में बहुत मजा आता है। वो 8-10 दिन से बाहर हैं तो मैं चुदाई की प्यासी हो गई हूँ, अब तो ऐसे लग रहा है कि वो जल्दी से आ जायें और मुझे चोदें ! और वो भी मुझे […]
मैंने कई बार डॉक्टर को लुभाने किसी न किसी बहाने से अपने स्तन भी दिखा दिए, जिन्हें वो चोरी छुपे देख भी रहे थे। एक बार उनके चेंबर में साड़ी में कीड़ा है, कहकर जांघें तक दिखा डाली परन्तु कैसे उन पर अपना जादू चलाऊँ, यह समझ नहीं आ रहा था। अब मैं हरसंभव कोशिश […]
अरूण मेरे बिल्कुल नजदीक आ गये। मेरी सांस धौंकनी की तरह चलने लगी। अरूण ने चेहरा ऊपर करके अपने होंठ मेरे होठों पर रख दिया। आहहहह… कितना मीठा अहसास था। उम्म्म्म्म… बहुत मजा आ रहा था। मेरी आँखें खुद-ब-खुद बन्द हो गई। संजय के बाद वो पहले व्यक्ति थे जिन्होंने मेरे होठों को चूमा था… […]
लेखक : अमन सिंह हेलो दोस्तो, मेरा नाम अमन है, मैं हरियाणा में अम्बाला का रहने वाला हूँ। मैं आपको एक सच्ची कहानी सुनाने जा रहा हूँ, यह कहानी मेरी और मेरे दोस्त की बहन के बारे में है। उस समय मैं एन्जीनियरिंग के दूसरे साल में दिल्ली कॉलेज में था और मेरा दोस्त अमित […]
हमारे घर में मेरा बड़ा भाई अनुज, भाभी नेहा, मम्मी, पापा और मैं रहते हैं। भाई की शादी दो साल पहले हुई थी। भाभी मेरी ही उम्र की हैं। भाभी का गोरा रंग, बदन 36-28-38, वो बहुत ही खूबसूरत और सेक्सी हैं। भाई ट्रैवल कंपनी में टूर प्रबन्धन करते थे, कभी कभी वो एक महीने […]
सवेरे आँख खुली तो देखा ऋतु अभी भी बेसुध सो रही है। रात को ऋतु ने दारु भी बहुत पी और मैंने चोदा भी जोर से। मेरा लंड ऐसे गांड भी मार सकता है पता नहीं था। बालकनी में शर्मीला नंग धडंग सुबह की ठंडी हवा का मजा लेते हुए सिगरेट पी रही थी।
प्रेम गुरु की अनन्तिम रचना मैं अभी अपने ख्यालों में खोया ही था कि पलक की आवाज से चौंका। ‘सर एक बात पूछूँ?’ ‘यस… हाँ जरूर !’ ‘क्या एक आदमी दो शादियाँ नहीं कर सकता?’ ‘क्यों? मेरा मतलब है तुम ऐसा क्यों पूछ रही हो?’ ‘कुछ नहीं ऐसे ही !’ ‘दरअसल किसी धर्म में चार […]
प्रेषक : सचिन शर्मा यह मेरे दो दोस्तों की कहानी है, कहानी है 8 मार्च की, होली की, जो होली प्रणव को कभी भी नहीं भूलेगी। प्रणव एक 22 साल का साधारण सा लड़का है पर वो औरों से थोड़ा अलग था क्योंकि उसे लड़कियाँ नहीं लड़के अच्छे लगते थे। प्रणव का रंग गेहूँआ, कद […]
कहानी का पिछ्ला भाग: उतावली सोनम-1 सोनम ने मेरे लंड का सुपारा अच्छे से चाटा, फिर उसके मुंह में जितना अंदर हो सका उतना अंदर कर मेरे लंड को शांत करने के जुगाड़ में लगी। उसकी यह मेहनत कुछ ही देर में रंग लाई, मेरे लंड से भी माल छूट पड़ा। अब मेरा लंड मुंह […]
वो मेरा लण्ड देख कर सिहर सी गई, बोली- अरे इतना बड़ा कैसे जाएगा मेरी चूत में। मैं बोला- लंड चाहे कितना बड़ा भी क्यों ना हो, किसी भी चूत में आराम से चला जाता है।
'ओह... माया, सच में तुम्हारे होंठ और उरोज बहुत खूबसूरत हैं... पता नहीं किसके नसीब में इनका रस चूसना लिखा है।' 'जीजू तुम फिर...? मैं जाती हूँ!'
मेरा नाम सुमित है, मैं राजस्थान में जयपुर का रहने वाला हूँ, मेरी उम्र 21 वर्ष, एक छोटे से मध्यम वर्ग के परिवार का सदस्य हूँ। मैं जयपुर में एक इंजिनीयरिंग कालेज के अंतिम वर्ष की पढ़ाई कर रहा हूँ। मेरे परिवार के सदस्य हैं मेरे पापा पृथ्वीराज जो एक निजी उद्योग में कार्यरत हैं, […]
उसने एक-एक करके कपड़े उतार दिये, क्या तराशा हुआ बदन था, गोल फ़ूली चुची, साफ़ चिकनी गुलाबी चुत, सुन्दर गोल चुतड़ देख कर मेरा शरीर पसीने से तरबतर हो गया।
चूँकि मैं कुंवारी थी और आजतक किसी ने भी मुझे चोदा नहीं था इसलिए मैं काफी डरी हुई थी। ग्राहक 9 बजे आने वाले थे, मगर मैं नई थी इसलिए श्वेता ने ट्रेनिंग के लिए मुझे बुलाया था
बारिश में मैडम को घर छोड़ने गया तो हम दोनों भीग गए, मैडम ने मुझे घर के अन्दर बुला लिया और गीले कपड़े उतारने लगी, मुझे भी गीले कपड़े उतारने को कहा.