मेरा गुप्त जीवन -87
दिल्ली मे पहला दिन घूमने के बाद रात को मैडम ने मुझे अपने कमरे में बुला लिया और दो मैडमों की अन्तर्वासना शान्त करने के बाद मैं अपनी सहेलियों के कमरे में आया। कहानी पढ़ कर मज़ा लें !
किसी लड़की का नंगा बदन देखने को मिल जाए तो क्या कहने… ऐसे ही जवान भाभी, आंटी, गर्ल्स का नग्न शरीर देख कर मजा लूटने की कहानियां यहाँ पढ़ा कर मजा लें!
दिल्ली मे पहला दिन घूमने के बाद रात को मैडम ने मुझे अपने कमरे में बुला लिया और दो मैडमों की अन्तर्वासना शान्त करने के बाद मैं अपनी सहेलियों के कमरे में आया। कहानी पढ़ कर मज़ा लें !
नई पड़ोसन युवा लड़की एक दिन नंगी नहाती दिखी, उसने भी मुझे देखते देख लिया. वो शर्मा गई लेकिन मेरे दिल में उसे चोदने की ललक पैदा हो गई. लेकिन कहानी ने क्या मोड़ लिया. इस कहानी में पढ़िए !
बुलबुल रानी ने लंड पूरा का पूरा मुंह में घुसा लिया, वह ब़ड़े प्यार से अंडों को सहला रही थी और तेज़ तेज़ सिर को आगे पीछे करती हुई लंड को मुंह में अंदर बाहर, अंदर बाहर, अंदर बाहर कर रही थी, उसके घने बाल इधर उधर लहरा रहे थे।
होली पर घर जाते वक्त ट्रेन में मैं अपने दोस्त की युवा बेटी की मेरे द्वारा चूत चुदाई को याद कर रहा था. पहली बार मैंने उसे गाँव की कुछ लड़कियों संग नंगी देखा था.
मैं चाचा के घर गया हुआ था कि एक रात मैंने चाची को बाथरूम में नंगी नहाते देखा. चची को भी पता चल गया. अगले दिन वो मुझसे पूछने लगी और सर दर्द के बहाने चुद गई !
डिनर के बाद हम झील के डेक पर आ गए शैम्पेन लेकर ! बुलबुल की ख्वाहिश पूरी करने को मैंने उसे तारों की छांव में जो जोरदार चुदाई की कि वो मज़े से पागल हो गई…
कॉलेज वार्षिक उत्सव से कुछ लड़के मुझे एक घर में ले गए। दारू पीकर मैं मस्त लौड़े चूसने लगी। कॉलेज़ की एक मैडम भी उन लड़कों से चूत और गान्ड मरवाने आई थी। कहानी में पढ़ें मस्त चूत और गान्ड की चुदाई…
कॉलेज में ट्रिप पे जाने वालों की मीटिंग के बाद दो लड़कियां मुझे मिली दोस्ती करने के लिए. वो नैनीताल वाली बात जानती थी. वो दोनों उसी दिन मेरे घर आई और चूत चुदाई करवाई !
जोरदार चूत चुदाई के बाद बुलबुल रानी को भूख लग आई तो रेस्तराँ जाने के लिये उसने सफ़ेद फ़्रॉक पहनी बिना ब्रा और कच्छी के… वो परी सी लग रही थी। रेस्तराँ तक मैं उसको चूमते चूसते ले गया…
कॉलेज से ट्रिप आगरा जा रहा था, पूनम को मैंने नैनीताल ट्रिप की चूत चुदाइयों के बारे में बताया तो छेड़छाड़ बढ़ गई और पूनम की साड़ी उठा कर मैंने पीछे से चोद दिया...
मैंने बुलबुल को ले जाकर दीवान पर डाल दिया। वो जोश में आकर कभी मेरी बाँहों पर नोचती तो कभी मेरे बाल खींचती तो कभी चूसते हुए मेरे होंठ पर दांत मार देती। मेरे हाथ उसके मस्त मुलायम चूतड़ दबा रहे थे।
मैंने पूनम को अपने लंड पर बिठा कर पूरे कमरे के चक्कर लगाए और फिर लंड को उसकी गीली चूत में घुसेड़ दिया. कम्मो देख रही थी, उसने कहा- क्या गृह प्रवेश हो गया?
पायल अपनी सहेली पूजा को बता रही थी कि कैसे उसने अपने पापा और आंटी की चुदाई देखी. आंटी ने ही पापा को अपने रूप के जाल में फंसाया. उधर रॉनी और पुनीत मुनिया को चोदने की तैयारी में थे.
मेरे मकान मालिक रात को पार्टी से लौटे तो उनकी 20 साल की बेटी बॉयफ्रेंड के साथ पकड़ी गई.. मैं गया और सबको समझा बुझा के बेटी को अपने साथ के आया. कहानी पढ़ें, मज़ा लें !
आधी रात को मैंने देखा तो वो दोनों नीचे एक-दूजे को बाँहों में भर कर चुम्बन कर रहे थे। उसकी बीवी गैर मर्द के सामने चुदने की बात कर रही थी। मैं अन्दर कैसे गया! कहानी के इस भाग में!
अगले दिन मैडम मुझे अपने घर ले गई, वहाँ मैडम अपनी नौकरानी के सामने मुझसे चुदी, तरस खा कर मैंने नौकरानी को भी मजा दिया। संयोग से वो नौकरानी कम्मो की बहन थी।
छत पर घूमते हुए मेरे कान में सिसकारी की आवाज पड़ी तो खिड़की से देखा कि पड़ोसी सेक्स कर रहे थे। उसकी बीवी ने मुझे देखते देख लिया और अगले दिन उसने मुझसे बात की।
पुनीत के दोस्त सन्नी ने मुनिया को देखा तो उसे लगा कि उसने मुनिया को पहले भी देखा हुआ है… सन्नी के जाने के बाद पुनीत मुनिया के बदन के साथ खेलने लगा।
कुछ देर लेटे रहने के बाद वो खुद मेरे शरीर पर हाथ फेरने लगी। मैं समझ गया इसका मन एक और राउंड के लिए हो गया है.. मैंने उसको दूसरा कन्डोम दिया.. तो उसने मेरे सोए हुए लंड को जैसे ही छुआ वो फिर से खड़ा हो गया।
मैं चाय पीने जिस दुकान पर जाता था.. उस चाय वाले की कोई 18 साल की लड़की एक मस्त, पटाखा माल थी.. उसे उसके ही घर में मैंने चोदा, कैसे? इस कहानी में पढ़िए!