मस्तराम

मस्तराम की हिंदी सेक्स स्टोरीज कम्प्यूटर के आने से पहले यानि 1990 से पहले खूब प्रचलित थी. उत्तर भारत में अधिकांश लड़कों को मस्तराम की किताबों से ही गुप्त ज्ञान यानि सेक्स की जानकारी मिलती थी. अब आप भी वैसी ही साली, भाभी, चाची पड़ोसन, क्लासमेट की चुदाई कहानी का मजा लें!

पाँच लौड़ों से चुद गई जंगल में

मेरे पति मुझे चोद कर खुश रखते हैं. एक बार उनकी ड्यूटी पास वाले शहर में लग गयी तो मेरी चुदाई बंद हो गयी. मैंने सोचा कि शहर जाकर एक रात पति से चुदवा आती हूँ. लेकिन ...

बड़ी चाची की चुदाई देख छोटी को चोदा-4

मैं छोटी चाची की चूत चोद चुका था और अब उनकी गांड का बाजा बजाना था. चाची पेट के बल लेटी थीं और मैं उनके चूतड़ों पर तबला बजा रहा था. क्या मैं चाची की गांड मार पाऊँगा?

गांव वाली साली की सहेली को चोदा-1

मेरी पत्नी बहुत मस्तराम है, उसकी बहन हमारे साथ चुदाई करती थी, उसे कहा कि वो अपनी किसी सहेली को जो अपनी मर्जी से चुदना चाह रही हो, उसे ले आ ... तो बहुत मजा आएगा.

मस्तराम जवानी चुत चुदाई

मेरी मस्तराम कहानी में पढ़ें कि कैसे मैंने अपने पड़ोस की जवान लड़की की चूत उसकी फटी पजामी में देखी और मेरा मन उसकी चूत चुदाई का हो गया. मैंने उसे कैसे चोदा?

मस्तराम कहानी: नंगी आरज़ू-7

मैंने अपने दोस्तों से उनके फ़्लैट में अपनी मौसेरी बहन को कुछ दिन ठहराने को कहा तो वे मना नहीं कर पाए. लेकिन मेरी बहन की मस्तराम हरकतें देख वे हैरान रह गए.

मेरी सेक्सी मौसी की मस्तराम कहानी

मौसी हमारे घर आयी हुई थीं. उनके मम्मे और गांड बहुत ही मस्तराम हैं. रात को मौसी मेरे साथ ही लेती हुई थी तो मैंने कोशिश करने की सोची. कहानी पढ़ कर देखें कि क्या हुआ!

प्यासी जवानी के अकेलेपन का इलाज़-3

मैं उसकी नंगी पीठ और चूतड़ों पर हाथ फेरते हुए बोला- मेरी रानी... मेरा लंड तुम्हारा है. तुम इससे जैसे चाहो खेलो... इसको अपने हाथों से खड़ा करो या फिर इसे अपने मुँह चूस चूसकर खड़ा करो!

एक जल्दी वाला राउंड

आज स्कूल में अचानक जल्दी छुट्टी हो गई तो मैं घर आ गया। जैसे ही दरवाजे के पास पहुँचा कि मैंने सुना: आई … ई … मान जाओ न … यह दीदी की आवाज थी। मैं चौंक पड़ा … मैंने दरवाजा खटखटाने का इरादा त्याग दिया और दबे पाँव दरवाजे तक पहुँच गया और सुनने […]

माई स्वीट गर्लफ़्रेंड

हम दोनों घर से बाहर एक ही रूम में रह कर पढ़ते थे। मैंने अपने पढ़ने के लिये कुछ गंदी किताबें रखी हुई थी जो एक दिन श्वेता के हाथ लग गयी। इसलिये मैं अपने लंड और वो अपनी चूत की प्यास नहीं रोक सके।

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