मेरी सुहागरात की चुदाई की यादें -1
मैं भी अपनी सुहाग रात के बारे में आपको बताने जा रहा हूँ लेकिन इस पोर्न कहानी में कुछ मिर्च मसाला और कल्पना के शब्द भी भरूँगा ताकि कहानी की रोचकता भी बनी रहे और आपको पढ़ने का भी मजा मिले..
बिना चुदी नंगी चुत की पहली बार चुदाई, कुँवारी चूत की हिंदी कहानी, कुँवारी कन्या के पहले सेक्स की स्टोरी
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इस कहानी में पढ़ें - गाँव की भोली भाली मुनिया को पुनीत ने अपने जाल में फंसा कर नंगी कर लिया और उसकी अनछुई कुंवारी चूत चाट कर उसे प्रथम यौन का चरम आनन्द दिया!
पड़ोस का युवक एक बार मुझे कार से कॉलेज छोड़ने गया तो रास्ते में जोर से ब्रेक लगने पर मुझे डैशबोर्ड पर टकराने से उसने बचाया तो मेरी चूची उसके हाथ में दब गई। आगे क्या हुआ, कहानी में पढ़ें!
आजकल लड़की को पटा कर लड़का पहले चोद कर उस लड़की को लौड़े की आदी बनाता है.. और पैसे का लालच देकर उसको बड़े-बड़े सपने दिखाता है। अधिकतर वे ही लड़कियाँ चूत चुदवाने को राजी होती हैं जिन्हें चुदने की ज्यादा भूख होती है, आजकल तो इसे मस्ती के नाम पर खुला खेल माना जाता है।
अब तक आपने पढ़ा.. विवेक- हैलो बॉस कैसे हो आप? बॉस- कहाँ हो तुम दोनों? विवेक- ज..ज़ि..जी यहीं हैं घर पे.. बॉस- सालों दारू पीकर पड़े हो.. मैंने तुमको पैसे किस लिए दिए थे? विवेक- नहीं नहीं बॉस.. आपका काम कर दिया हमने.. उसको ले आए.. बॉस- गुड.. अच्छा सुनो.. मैं नहीं आ पाऊँगा.. मैंने […]
कोमल ने अपने कपड़े अदा के साथ निकाल दिए.. वो एक खूबसूरत जिस्म की मलिका थी। उसकी गोल चूचियां जो 34" की थीं.. पतली लचकदार कमर और बाहर को निकली हुई 36" की गाण्ड.. किसी को भी पागल बना सकती थी।
वो बेसुध सो रही थी.. मैंने उसका फ़्रॉक और ऊपर उठा दिया और आगे से उसके चीकू के आकार के स्तनों पर हाथ फेरा.. उसके बदन की मदहोश कर देने वाली खुशबू.. मुझे बेचैन कर रही थी.. मेरा कड़क हो चुका लण्ड उसकी चूत के सामने निक्कर से बाहर आने के लिए फुंफकारें भर रहा था।
मुनिया के छोटे और मुलायम हाथों के स्पर्श से पुनीत के जिस्म में वासना की लहर दौड़ने लगी.. उसका लौड़ा तन गया.. तो कुछ देर बाद पुनीत सीधा लेट गया और मुनिया को पैर दबाने को कहा। अब पुनीत सीधा लेटा हुआ था और शॉर्ट्स में उसका लौड़ा तंबू बनाए हुए साफ दिख रहा था।
वो तड़प उठी और बोली- भाई रहने दो ना प्लीज़.. अब और नहीं मैं मर जाऊँगी.. यह तो बहुत मोटा और बड़ा है.. मेरे अन्दर नहीं जाएगा.. मैंने लंड उसके होंठों के पास रखा
नहीं.. आज हम दोनों भाई-बहन नहीं.. एक लड़का और लड़की हैं और हम दोनों को अभी एक-दूसरे की ज़रूरत है.. हम दोनों ने एक-दूसरे का सब कुछ देख लिया है और अगर मैं तुम्हारा भाई नहीं होता.. तो क्या तुम वो सब नहीं करतीं?
सोचा था कि अब ‘बहन का लौड़ा’ ख़त्म हो गई है.. थोड़ा आराम करूँगी.. मगर आप सभी के इतने ईमेल आ रहे हैं कि नई कहानी लिखो.. तो मुझे दोस्तों की बात माननी ही पड़ी..
वो आगे को घूम गई और कैमरा को अपनी चूत के सामने ले गई.. क्या हॉट और चिकनी चमेली चूत थी.. उसकी चूत को देख कर ही लग रहा था कि ये अब तक सच में ही कुँवारी है.. मानो मेरे लंड को बुला रही है.. कि आओ और मेरे अन्दर समा जाओ।
जाहिरा अपनी आँखें बंद किए हुए पड़ी लंबी-लंबी साँसें ले रही थी। थोड़ी देर के बाद फैजान उठा और अपना पजामा उतार कर अपनी अकड़े हुए लंड को पकड़ कर उसकी चूत के सामने बैठ गया।
जाहिरा- मेरी प्यारी भाभीजान, आज तो आपके शौहर मेरे भी शौहर बनने जा रहे हैं, आज भाई का लंड मेरी चूत में जाने वाला है, जैसे आपकी चूत में जाता है, कैसा लगेगा?
अपनी पहली कहानी में मैं अपनी सुहागरात पर, शादी की पहली रात ही मुझे जो तजुरबा हुआ, अपनी पहली चूत चुदाई और अपने पति के एक अजीब शौक की बात बता रही हूँ...
फैजान- अरे यार कुछ भी गंदा नहीं होता.. इसे मुँह में लेकर तुम्हारी भाभी भी तो चूसती हैं ना.. जाहिरा इठलाते हुए बोली- वो तो आपकी बीवी हैं.. मैं आपकी क्या लगती हूँ.. बहन ना..
रात को मैंने बुखार का बहाना बना कर एसी में सोने से मना कर दिया, मैं दूसरे कमरे में लेट गई और दोनों भाई बहन को अपने बेडरूम में सोने को कह दिया। पढ़ें…
फ़ैज़ान के जाने के बाद मैंने जाहिरा की कुंवारी चूत को चाट कर रस निकाल दिया। शाम को जब फ़ैजान आया तो वो जाहिरा के कमरे में गया और उसे दबोच कर चूमाचाटी करने लगा।
बड़े शहरों की लड़कियाँ जंक फ़ूड खाते-खाते मोटी होती जा रही हैं। मोटी लड़कियां कितना भी मेकअप करें.. कितना भी अंग्रेजी बोलें.. चुदाई में मज़ा नहीं देतीं.. जितना कि सावी जैसी देसी माल मजा देती हैं।
मैं कुछ देर वैसे ही उसके हाथों को अपने हाथों में लिए बैठा रहा, उसकी आँखों में देखता रहा, कभी वो मुस्कुराती, कभी पलकें झुकाती, कभी अपने जुल्फों को हाथों से पीछे करती।