गाँव की कुसुम और उसकी आपबीती-1
गाँव की रहने वाली एक लड़की के जीवन में ऐसा क्या घटित हुआ जो वो अमरीका पहुँच गई और उसकी घटना एक हिन्दी सेक्स कहानी के रूप में अन्तर्वासना के पाठकों को पढ़ने को मिली.
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गाँव की रहने वाली एक लड़की के जीवन में ऐसा क्या घटित हुआ जो वो अमरीका पहुँच गई और उसकी घटना एक हिन्दी सेक्स कहानी के रूप में अन्तर्वासना के पाठकों को पढ़ने को मिली.
घर के सामने वाले घर में एक लड़की मुझे पसन्द थी। वो लड़की तो मानो सेक्स पटाखा थी। उसकी उम्र 18 साल की थी और वो अपनी उठती जवानी में कहर ढा रही थी।
मेरी प्रेमिका प्यारी, सुलझी हुई देसी भारतीय लड़की है जो अपने ब्वॉयफ्रेंड से बेइन्तिहा प्यार करती है। मेरी ज़िंदगी के दो साल उसके साथ कैसे निकले.. मैं इस हिन्दी सेक्स कहानी में बता रहा हूँ।
पड़ोस में लड़की घर में अकेली रह गई, उसने मुझसे दोस्ती की। एक दिन मैं उसके घर गया.. दरवाजा खुला था, आवाज़ लगाई तो बाथरूम में से आवाज़ आई- मैं नहा रही हूँ।
मेरा दोस्त अपनी गर्लफ्रेंड से मिलाने उसके घर ले गया. वहां उसकी छोटी बहन को देख मैं मचल गया और दोस्त से कह कर उसके साथ सेटिंग की और अगले ही दिन...
अपनी माशूका को चोदने की तैयारी में मैं कंडोम भूल गया। उसने पूछा- बिना कंडोम.. मैं प्रेग्नेट हो गई तो? कहानी पढ़ कर पहली चुदाई का मज़ा लीजिये गर्ल हॉस्टल में!
हम दोनों एक-दूसरे को प्यार करने लगे थे, चूमना चाटना तो चालू कर दिया था लेकिन वो सेक्स करने को गलत मानती थी। उसकी एक सहेली ने बताया कि सेक्स में बहुत मज़ा है।
हमारे खेतों में बिहार की लड़की काम करती है। मेरे कसरती जिस्म पर गांव की हरेक लड़की मरती थी, वो भी उनमें से एक थी। उसने मुझे अपने जाल में फ़ंसा कर चुदाई कराई।
मैंने उसे बांहों में भर लिया और उसे चूमने लगा, वह भी मुझे चूमते हुए मेरे लंड को सहलाने लगी। जब मैंने उसके कपड़े उतारे तो मैं पहली बार नंगी लड़की देख रहा था।
मेरे पड़ोस में दूध वाली आंटी की दो बेटियाँ थी, मैं दूध लेने जाता तो बड़ी बेटी ही होती थी, वही दूध देती थी, अक्सर चाय के लिए पूछती थी. उसकी चुदाई कैसे हुई!
मुझ सेक्स की भूख करीब कई साल पहले से लगी और कभी जब बहुत ज्यादा मन करता तो रंडियों के पास चला जाता या फिर हाथ से हिलाकर शांत हो जाता था।
मैं मुम्बई में अकेला रहता था। एक बार कोलकाता की एक लड़की की मदद की, फ़ोन नम्बर दे ले लिया। एक दिन उसका फ़ोन आया, फ़िर उसकी मदद की और हमारी दोस्ती हो गई।
मैं कच्छ में जॉब करता हूँ, जिम जाता था, जिम के संडे पार्क है, वहाँ बैठकर लाईन मारता! एक सन्डे एक लड़की से कुछ रिस्पोंस मिलता देख मैं उसके करीब जाकर खड़ा हो गया।
जैसे कि सबको अपनी शादी का इंतज़ार रहता है और सुहागरात का, मुझे भी था। शादी से पहले वो मिलने की बोलती थी, मगर मिलने में मेरी गांड फटती थी।
तुम जानते हो मेरी छातियाँ अब बहुत बड़ी हो गई हैं। मेरे सारे ब्लाउज अब मुझे छोटे होने लगे हैं। जब मैं नदी के ठन्डे पानी में नहा रही थी तब मेरे निप्पल भी एकदम कड़क होकर तन गए थे।
गार्मेन्ट्स शोरूम पर मैनेजर लड़की से मुझे ऑफ़िस के काम से बात करनी होती थी। उससे मेरी दोस्ती हो गई और एक दिन मैंने उसे मिलने के लिये कहा। वो मान गई।
दीदी की विदाई के बाद मुझे नींद आने लगी। मैं सोने के लिये अन्दर गया तो एक लडकी भी सोने की जगह तलाश रही थी। हम दोनों जैसे कैसे लेट गये पर ठण्ड लग रही थी और लड़की साथ में थी।
दिमाग में भरे हुए इस कचरे को निकाल फेंको कि हम कोई सामाजिक मर्यादा या वर्जना तोड़ रहे हैं। हम वे विकल्पहीन औरतें हैं जिनके पास चुनने के लिये कुछ है ही नहीं।
मेरे बुआ जी के लड़के की सुहागरात की थी, भैया काफ़ी खुश थे और हो भी क्यों ना.. आज उनको चूत जो मिलने वाली थी और वो एक कुंवारी लड़की को सुहागिन बनाने वाले थे।
वह भी खुद को उसी मनःस्थिति में पा रही थी कि जल्दी से सब हो जाये, सोनू एकदम योनि में अपना लिंग घुसा दे और इतने धक्के लगाये कि उसकी बरसों की चाह पूरी हो जाये।