लड़कपन की यादें-7
मैंने सोनी की पीठ पर हाथ फिराना शुरू किया तो वो भी पीछे मेरे पास आकर बैठ गई। मैं धीरे-धीरे उसके उरोजों को मसलने लगा था और वो भी हल्की-हल्की सिसकारियों के साथ मेरा साथ दे रही थी। कुछ ही मिनटों में मैंने उसका टी-शर्ट ऊपर कर उतार फेंका और ब्रा के हुक खोल