एक भाई की वासना -36
फैजान ने अपने शॉर्ट्स को नीचे करते हुए अपना लंड बाहर निकाल लिया और अब उसका नंगा लंड अपनी बहन की नंगी मुलायम जाँघों से टकरा रहा था। वो अपने लौड़े को जाहिरा की दोनों जाँघों के दरम्यान में घुसा रहा था।
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फैजान ने अपने शॉर्ट्स को नीचे करते हुए अपना लंड बाहर निकाल लिया और अब उसका नंगा लंड अपनी बहन की नंगी मुलायम जाँघों से टकरा रहा था। वो अपने लौड़े को जाहिरा की दोनों जाँघों के दरम्यान में घुसा रहा था।
फैजान ने अपनी उंगली जाहिरा की चूत से बाहर निकाली और उसे जाहिरा के बरमूडा से बाहर निकाल कर अपने मुँह में डाल लिया और अपनी बहन की चूत की पानी को चाटने लगा।
मेरी भतीजी की उम्र 18 साल, स्कूल में पढ़ती थी. रंग थोड़ा सांवला जरूर है लेकिन वो बहुत ही सुंदर है। उसके सीने पर स्तन उभर चुके थे, गोल कूल्हे बहुत सुंदर थे।
ह तो मुमकिन नहीं था कि फैजान को मेरे और जाहिरा की जिस्म के फ़र्क़ का अहसास ना हुआ हो। लेकिन अगर उसे पता चल भी गया था तो अब वो इस अँधेरे में और गेम का फ़ायदा उठाते हुए अपनी बहन के जिस्म के मजे लेना चाह रहा था। मैं भी उसे रोकना नहीं चाह रही थी।
कम्मो बोली- वाह छोटे मालिक, आपको पता ही नहीं चलता कि रात को कौन कौन आप के लंड का इस्तेमाल करता है। मैं हैरान होकर बोला- किस किस ने किया मेरे लंड का इस्तेमाल सोने के बाद?
मैं और जाहिरा बनियान और कच्छी पहने बारिश में नहा रही थी कि फ़ैजान ने दरवाजे की घण्टी बजाई। मैंने दरवाजा खोला, फ़ैजान के कपड़े उतार उसका लंड चूसा और उसे भी बारिश में ले गई जहां उसकी बहन लगभग नंगी खड़ी थी।
मेरा बड़ा भाई बांका जवान है, मेरी सहेलियाँ उसकी दिवानी थी तो मेरी जवानी भी उसकी तरफ़ बह चली। बरसात की एक रात मैंने उसे अपना कौमार्य सौंप दिया। यह मेरी पहली चुदाई की कहानी है।
लखनऊ आने पर कम्मो और पारो ने मेरा स्वागत किया मेरा रुका वीर्य छुटवाया. सुबह ही गीति और विनी अपनी चूत चुदवाने की जिद करने लगी तो उन्हें कम्मो ने कहा कि रात को उनकी मुराद पूरी हो जाएगी !
मेरे मकान मालिक घर में एक जवान लड़की थी, पर उसकी फिगर में कुछ कमियाँ थी जैसे उसके चूचे बहुत छोटे छोटे थे, चूतड़ भी बहुत छोटे थे। उसे मैंने लैपटॉप सिखाने के बहाने कैसे चोदा, इस कहानी में…
मैंने शरारत से जाहिरा के निप्पल को चुटकी में पकड़ कर मींजा और बोली- जानेमन तेरी चूचियाँ बड़ी प्यारी लग रही हैं.. जाहिरा ने भी फ़ौरन से ही मेरी चूची को मुठ्ठी में लेकर जोर से दबाया और बोली- भाभी.. आपकी भी तो पूरी नंगी ही नज़र आ रही हैं।
मैं समझ गई कि जाहिरा की चूत पहली-पहली बार पानी छोड़ रही है। मैंने उसके जिस्म को अपने जिस्म के साथ भींच लिया और थोड़ी ही देर में ही उसका जिस्म मेरी बाँहों की गिरफ्त में बिल्कुल ढीला हो गया।
मेरे बहुत कहने पर वह मेरे सामने ब्रा-पैन्टी पहनने को तैयार हो गई और अपने कपड़े उतारने लगी, जैसे-जैसे वो कपड़े उतारती जाती, वैसे-वैसे मेरे लौड़े में अकड़न बढ़ती जाती।
फैजान की नज़र भी सीधी-सीधी अपनी बहन की खुली ओपन क्लीवेज और चूचियों पर ही जा रही थी। मैंने महसूस किया कि फैजान नाश्ता कम कर रहा था और अपनी बहन की चूचियों को ज्यादा देख रहा था।
कुछ फोटो तो स्टाइलिश जाती हैं, कुछ फोटो अर्द्ध नग्न जाती हैं और कुछ केवल पैन्टी और ब्रा में जाती हैं। और अगर कोई डायेरेक्टर आपकी सेलेक्ट कर लेता है तो जो फोटो आपने भेजी है तो उसी तरह वो आपको वहाँ देखता है।
मैंने अपने दोनों हाथ उसकी चूचियों पर पहुँचा ही दिए और अपनी ननद की दोनों नंगी चूचियों को अपनी मुठ्ठी में ले लिया और बोली- उउफफफफ.. क्या मजे की हैं तेरी चूचियाँ.. जाहिरा.. मेरा दिल करता है कि इनको कच्चा ही खा जाऊँ।
मैं अपनी ससुराल में छत पे सो रहा था कि बीच रात में देखा, मेरी साली बगल में लेटी है. मैं चिपक कर लेट कर उसके चूचों को सहलाने लगा। मैंने दूसरा हाथ उसकी सलवार में घुसाने की कोशिश की..
इस बात को समझते हुए कि दोनों बहन-भाई के चेहरे एक-दूसरे के इतने क़रीब हैं और दोनों ने एक-दूसरे को सोते में इस तरह से चिपका लिया हुआ है.. तो दोनों ही एकदम से पीछे हटे और शर्मिंदा से होते हुए उठ कर बिस्तर की पुस्त से पीठ लगाते हुए बैठ गए।
फैजान की हिम्मत बढ़ने लगी और उसने जाहिरा के कन्धों को किस करते हुए थोड़ा और आगे को आते हुए उसके सीने के ऊपरी हिस्से को और फिर अपनी बहन के गाल को भी चूम लिया। एक बार तो उसने हिम्मत करते हुए जाहिरा के पतले-पतले गुलाबी होंठों को भी किस कर लिया।
एक दिन मैं अपने दोस्त के घर गया तो उसकी बहन अकेली थी, उसने मुझे रोक लिया, बातें करने लगी। उसके बाद क्या हुआ कि मैंने उसकी कुंवारी चूत खोल दी, कहानी में पढ़ें!
एक दिन वो मुझे अपनी सहेली के घर ले गई। वहाँ कोई नहीं था।दरवाज़ा बंद करके हम दोनों एक-दूसरे से चिपक गए और किस करने लगे। हम एक-दूसरे को बेइंतेहा चूम रहे थे..