हवस बदसूरत लड़की की
यह कहानी है मेरे अंदर भरी हवस की ... मैं 29 साल की हो गई थी. पर मैं बिल्कुल कुंवारी थी क्योंकि मैं बदसूरत थी. मेरा भी मन करता था कि कोई मेरे बड़े बड़े मम्मों को दबाए, मेरे होंठ चूमे, मुझे जी भर के चोदे.
खुले स्थान पर जैसे छत पर, समुद्र तट या बाग बगीचे में चुदाई की कहानियाँ
Khuli jagah par jaise garden, beech, road side, chhat par chudai ki kahaniyan
Stroies about sex fucking in the garden, at the beech, or on the roof
यह कहानी है मेरे अंदर भरी हवस की ... मैं 29 साल की हो गई थी. पर मैं बिल्कुल कुंवारी थी क्योंकि मैं बदसूरत थी. मेरा भी मन करता था कि कोई मेरे बड़े बड़े मम्मों को दबाए, मेरे होंठ चूमे, मुझे जी भर के चोदे.
मैं और मेरी स्टूडेंट एक दूसरे के बहुत करीब आ चुके थे, हम कई बार एक दूसरे की प्यास बुझा चुके थे, लेकिन प्यास थी कि बुझने की बजाय भड़कती ही जा रही थी। एक शादी में हमने कैसे प्यार किया.
उसका लौड़ा मेरे मुँह में था और उसके होंठ मेरी पेंटी पर थे. वो मेरी चूत को पेंटी के ऊपर से ही चूस रहा था, चाट रहा था. मैं कभी उसके लौड़े को चूसती, तो कभी उसकी गांड के छेद में जीभ घुमाती.
हमारी पहचान फेसबुक पर हुई, व्हॉट्सैप पर देर रात तक बातें होने लगी. धीरे धीरे हमारी बातों में सेक्स आ गया . हम दोनों मिलने का बेसब्री से इंतजार कर रहे थे और वो दिन आ ही गया.
मेरे पड़ोस की एक लड़की ने एक दिन मुझे कॉलेज छोड़ने को कहा तो मैंने मजाक में किराया मांग लिया. मैंने कैसे उससे किराया वसूला? पढ़ें कॉलेज गर्ल सेक्स स्टोरी में!
मेरे चाचा की लड़की सुंदर माल है. उसकी गांड अब ज्यादा बाहर निकल गई है. मुझे वो बहुत सेक्सी लगती थी लेकिन मेरी बहन थी तो मुझे उसके साथ कुछ करने की नहीं सोची. फिर मैंने दीदी को कैसे चोदा?
मेरी रियल सेक्स स्टोरी में पढ़ें कि क्लास की एक सुन्दर लड़की से मेरी दोस्ती हुई. मैंने उसे प्रोपोज किया तो उसने बताया कि उसकी मौसी का लड़का उसका बॉयफ्रेंड है. फिर भी वो मुझे प्यार करती है.
राजस्थान से जामनगर जाने के लिए स्लीपर बस में मुझे एक भाभी मिली. वो मेरे पास वाली सीट पर थी. मुझे देख कर उसने एक हल्की सी स्माइल देकर हैलो कहा. आगे बात कैसे बनी, कहानी पढ़ कर जान लीजिये.
पापा बोले- इस वक़्त मैं बहुत गर्म हूँ, बिना चुदाई किये मुझसे रहा नहीं जाएगा। "तो फिर मुझे चोदिये पापा... मैं हूं ना... मेरे होते आप किसी और को चोदो, मुझे यह पसंद नहीं।" ये कहकर मैं झुकी और पापा का लंड मुंह में भरकर चूसने लगी।
मैं नई नई कॉलेज में आई थी, वहां मेरी एक सहेली बन गई, वो जाटणी थी. एक बार हम दोनों वाटर पार्क गयी तो वो जाटणी मेरे अधनंगे बदन को घूरने लगी, उसकी आंखों में हवस थी। फिर हमने क्या किया?
मैं दिल्ली के पॉश इलाके में रहती हूं। किसी चीज़ की कमी नहीं लेकिन पति से सम्भोग के मामले में मेरी किस्मत मुझे ज्यादा कुछ नहीं दे पाई। वो सेक्स तो करते लेकिन मेरी कामना फिर भी अधूरी सी रहती।
सुबह सवेरे अपने मौसेरे भाई से पार्क में चुद कर मैं नंगी ही उसके बाइक पर बैठ कर उसके रूम में गयी. रूम में आते ही भाई ने मुझे फिर पकड़ा लिया और मेरी गांड मारने की जिद करने लगा.
गली के लफंगों ने पार्क मेरी ज़बरदस्त चुदाई करी... मैं तो चुदते चुदते बेहोश हो गई थी। होश आई तो मेरे कपड़े फटे हुए थे. नंगी घर कैसे जाती... तो इस समस्या से मैं कैसे निपटी, पढ़ें मेरी इस नई सेक्स कहानी में!
मैं भीड़ भरी मेट्रो में चढ़ा, जगह बनाता हुआ एक साइड में खड़ा हो गया. एक सेक्सी लड़की शोर्ट स्कर्ट में मेरे आगे खड़ी हो गयी. मेरा लंड खड़ा हो गया. उसके बाद क्या हुआ, मेरी कहानी में पढ़ें!
मेरी बुआ 38 वर्ष, दिखने में गोरी थोड़ी भरी हुई मस्त आंटी लगती हैं, सरकारी स्कूल में टीचर हैं. एक बार बुआ ने मुझसे वॉशरूम में बुलाकर चुदवाया. हम दोनों आपस में खुल गए तो बुआ ने मुझे कुछ किस्से सुनाए.
मैंने और मेरी बहन ने हमारे चचेरे भाई से चुद कर पूरा मजा लिया. लेकिन हमें पता नहीं था कि हमारे इस भाई बहन की चुदाई के खेल को किसी और ने देख लिया है. कौन था वो? और फिर क्या हुआ?
दिल्ली से देहरादून की बस में मेरे साथ एक जवान लेडी बैठी थी. रात के दस बजे बस चली. बात उसी ने शुरू की. फिर ये बात कहाँ तक पहुंची, पढ़ें मेरी सेक्सी स्टोरी और मजा लें गर्मागर्म चूत की चुदाई का!
घर में रिश्तों में चुदाई की इस कहानी में पढ़ें कि कैसे मेरी मम्मी को मेरी दीदी ने अपने ससुर से चुदवाया. मेरी दीदी को तो उनके ससुर ने शादी के कुछ दिन बाद ही चोद दिया था.
मेरी सहेली तबस्सुम मुझे खुल कर जीने के लिए अपनी चूत का इस्तेमाल करने के बारे में बता रही थी. उसने मुझे एक ऐसे आदमी से मिलवाया जो मुझे मेरे मकसद में कामयाब कर सकता था.
लड़की को यहाँ इस दुनिया में लगभग सभी देशों में एक वस्तु माना जाता है. जिसका काम अपनी चूत से लंडों की सेवा करना है. यही सोच रख कर आम तौर पर लोग अपना जीवन गुजारते हैं.