चूत की झांटें साफ करके चोदा
मैं गाँव का रहने वाला हूँ, सुबह को महिलाओं, लड़कियों को शौच करते उनकी चूत और चूतड़ देखने जाया करता था। एक दिन मेरी पड़ोसन लड़की मुझे गन्ने के खेत में जाते दिखी।
झांट वाली चूत की चुदाई, झांट साफ़ करने की कहानियाँ
Jhant Vali Chut ki Chudai, Jhant saaf karne ki kahaniyan
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मैं गाँव का रहने वाला हूँ, सुबह को महिलाओं, लड़कियों को शौच करते उनकी चूत और चूतड़ देखने जाया करता था। एक दिन मेरी पड़ोसन लड़की मुझे गन्ने के खेत में जाते दिखी।
अन्तर्वासना के सभी पाठक पाठिकाओं को अरुण का नमस्कार! मेरे ये लेख ‘यौन परिकल्पना सेक्स फ़ैंटेसी’ सभी को बहुत पसंद आ रहे हैं और ऐसा शायद इस लिए कि जैसे अपनी ज़िंदगी को लेकर सभी के कोई न कोई सपने होते है, ठीक वैसे ही यौन उत्कंठा को लेकर भी सबके कुछ न सपने और […]
दीपाली- आप नहा लो.. मैं बाहर रख कर लॉक खोल दूँगी.. आप बाद में उठा लेना.. ठीक है.. अब मैं दरवाजा बन्द करके जाती हूँ आप आराम से रगड़-रगड़ कर नहा लो। दीपाली ने दरवाजा ज़ोर से बन्द किया ताकि उसे पता चल जाए कि बन्द हो गया और फ़ौरन ही धीरे से वापस भी […]
Ghar ke Laude-6 मैंने भी जल्दी से अपने कपड़े पहने और उसको एक पप्पी कर के अपने काम में लग गई। करीब 7 बजे पापा और विजय साथ में ही घर आए। पापा के हाथ में कोई पैकेट था.. विजय भाई मेरी तरफ घूर कर देख रहे थे क्योंकि आज से पहले उन्होंने भी मुझे […]
भाभी पूरी नंगी खडी थी मेरे सामने और मेरा लंड आधा खड़ा हो रहा था। भाभी- तुमने मुझे रंडी बना दिया.. मैंने पहली बार किसी दूसरे मर्द को नंगा देखा.. और खुद भी इतनी बेशरम जैसी तुम्हारे साथ नंगी खड़ी हूँ।
सत्यम शर्मा सभी चूत की रानियों को और लंड के राजाओं को मेरा नमस्कार। मैं आपको आज अपनी जिन्दगी की हकीकत बताने जा रहा हूँ आशा है आपको मेरी यह कहानी पसंद आएगी। चलिए कहानी शुरू करते हैं। मैं दिखने में ठीक-ठाक हूँ, मेरा लंड और अनुभव इतना है कि अच्छी-खासी लड़की की चूत को […]
आपकी सारिका कंवल उसने अपने लंड को हाथ से हिलाया और कहा- अपनी टाँगें फैलाइए और मोड़ लीजिए। मैंने अपनी टाँगें फैला लीं और घुटनों से मोड़ लिया। मुर्तुजा मेरी टांगों के बीच आया उसने अपने लिंग को मेरी योनि के पास रखा और हाथ से लिंग को पकड़ कर मेरी योनि के बीच ऊपर-नीचे […]
रवि नमस्कार दोस्तो, अन्तर्वासना के सभी पाठकों को मेरा नमस्कार मेरा नाम रवि है और मैं दिल्ली के नजफगढ़ से हूँ। मैं इस वेबसाइट का चहेता हूँ। वैसे मैं देखने में ज्यादा स्मार्ट नहीं हूँ फिर भी ठीक हूँ। रंग सांवला है और 5 फिट 7 इंच लबांई है। मेरी उम्र 23 साल है। वैसे […]
रानी मधुबाला रात के करीब दो बजे सुनीता का हाथ रामलाल के लिंग को टटोलने लगा। वह उसके लिंग को धीरे-धीरे पुन: सहलाने लगी। बल्ब की तेज रोशनी में उसने सोते हुए रामलाल के लिंग को गौर से देखा और फिर उसे अपनी उँगलियों में कस कर सहलाना शुरू कर दिया था। रामलाल और अनीता […]
बहू के नितम्बों को सहलाने के बाद तो उसका भी तनकर खड़ा हो गया था, इधर अनीता के अन्दर का सैलाब भी उमड़ने लगा, उसके तन-बदन में वासना की हजारों चींटियाँ काटने लगी थीं। रामलाल का तना हुआ लिंग अनीता की जाँघों से रगड़ खा रहा था जिससे अनीता को बड़ा सुखद अनुभव हो रहा […]
रवि मैं अपने मम्मी-पापा का इकलौता बेटा हूँ, लेकिन एक गरीब परिवार होने के नाते हम एक छोटे शहर राजपुरा में दो कमरे वाले घर में ही रहते हैं। पापा राजपुरा में ही एक कारखाने में सुपरवाइजर हैं और मम्मी एक स्थानीय स्कूल में अंग्रेजी की अध्यापिका है। मैं बाइस साल का हूँ और घर […]
दिन भर मैं अपनी चूत को बार बार मलहम लगाती रही और दोपहर तक मुझे आराम भी मिलना शुरू हो गया था लेकिन क्योंकि मुझे रात को चुदने की लालसा थी
मैं शेविंग किट लाया और सबसे पहले उसकी चूत के आसपास के बाल साफ़ करने थे। मान नहीं रही थी पर फिर भी जोर देने पर सलवार उतार ही दी और फिर बाथरूम में जाकर बैठ गई। मैंने उसे टाँगे खोलने को कहा, धीरे धीरे शरमाते हुए उसने टाँगे खोल ही दी।
उसकी कुंवारी बुर से आती मादक महक से मैं तो मस्त ही हो गया। उसने अपने दोनों हाथों से मेरा सिर पकड़ लिया। अब मैंने अपनी जीभ को थोड़ा सा नुकीला बनाया और उसकी फांकों के बीच में लगा कर ऊपर नीचे करने लगा।
प्रेषक : सुमीत हैलो ! मैं हूँ सुमीत। पिछले दो साल से मैं अन्तर्वासना पर कहानियाँ पढ़ रहा हूँ। इन दो सालों में मैंने यह महसूस किया है कि यहां अधिकतर, या शायद सभी, कहानियाँ झूठी हैं। फ़िर भी मुझे अन्तर्वासना बहुत पसन्द है क्योंकि यहाँ से आपको आपकी अपनी भाषा में बेहतरीन कामुक कथाएँ […]
उसको पहले दर्द हुआ फ़िर मज़ा आने लगा। उसने भी अपनी गांड ऊपर उठा के झटके देने शुरू कर दिए। मैंने उसकी गांड को पकड़ लिया और जोर से अपना लंड उसकी बच्चेदानी तक ले गया। वो फिस फिस करने लगी।
लालमन कहानी होती ही अतीत की है। समय का अनुमान पाठक स्वयं लगा सकते हैं। मैंने अपने बचपन का अधिकतर समय अपनी बुआ के गाँव में बिताया, लेकिन पिछले तीन वर्श से नहीं गया। उनका गाँव बहुत छोटा सा है, लेकिन हमारे फूफाजी वहाँ के सम्मानीय व्यक्ति हैं। हमारी बुआ के यहां ससुर के समय […]