कानपुर वाली गर्लफ़्रेंड की झांट भरी कुंवारी चूत चुदाई
मुझे झाँटों वाली चूत बहुत पसंद है तो मेरी गर्लफ़्रेंड ने मेरे लिए अपनी कुंवारी चूत की झांटें बढ़ाई और हमने पहली बार चूत चुदाई का प्रोग्राम उसकी सहेली के घर बनाया।
झांट वाली चूत की चुदाई, झांट साफ़ करने की कहानियाँ
Jhant Vali Chut ki Chudai, Jhant saaf karne ki kahaniyan
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मुझे झाँटों वाली चूत बहुत पसंद है तो मेरी गर्लफ़्रेंड ने मेरे लिए अपनी कुंवारी चूत की झांटें बढ़ाई और हमने पहली बार चूत चुदाई का प्रोग्राम उसकी सहेली के घर बनाया।
जीजा घुटने के बल नीचे बैठ कर मुझसे बोला- भाभी, मैं आपके खुले हुस्न का दीदार करना चाहता हूँ, एक बार अपने हुस्न के दीदार करा दो, फिर ये अमित आपका गुलाम हो जायेगा।
एक बार मेरी डार्लिंग ने मुझे घर में होते हुए भी फोन किया- अरुण बार्बर बोल रहे हैं? सुनिए मेरी झाँटें बहुत ज्यादा बढ़ गई हैं.. उलझ जाती हैं.. चूत के अन्दर चली जाती हैं। अब तो पैन्टी के बाहर भी दिखने लगी हैं.. क्या आप अभी मेरी झाँटें शेव कर सकते हैं? इट्स अर्जेंट..
अम्मी के साथ-साथ मेरी चूत को भी लण्ड की ज़रूरत सताने लगी थी, मैंने बेअदबी के साथ अम्मी से कह दिया- मुझे भी वही चाहिए.. जो तुम रात को अपनी चूत में डलवाती हो।
मेरी छोटी ममेरी बहन बहुत मस्त हो गई थी। उसे देख कर मेरा मन तो करता था कि इसको रगड़ दूँ.. पर वो मुझे भाव ही नहीं देती थी। वो मेरे भाई की शादी में आई तो...
वो मेरे कन्धे पर सर रख कर कहने लगी- तुम बहुत अच्छा चोदते हो. मुझे बहुत मज़ा आया. मुझे जीवन में इतना सुख कभी नहीं मिला.अब मेरी फ्रेंड्स मुझसे जलने लगेंगी जब उन्हें पता चलेगा कि मेरी प्यास बुझने वाला कोई मुझे मिल गया है.
मेरे चूचे को उसने चूसे और बहुत काटा, धकापेल चुदाई चल रही थी। मैं दो बार झड़ चुकी थी और वो लगातार तेजी से मेरी चूत का काम-तमाम करने में लगा था, 'फच्च..फच्च..' करके मेरी चूत का बाज़ा बजा रहा था।
वो पहले तो मुस्कराती रही और फिर एकदम से बोली- क्या तू मुझे फिर से नंगी देखना चाहेगा? यह कह कर उसने मुझे अपनी बाँहों में जकड़ लिया और मेरे होंठ चूमने लगी।
मेरी सहेली छुट्टी के बाद स्कूल में रूकी तो मैं समझ गई कि वो अपने प्रेमी से चुदेगी. मैं छिप कर उसे देखने लगी. मेरी सहेली सच में चुद रही थी. लेकिन तभी..
मैं भाभी की बहन को चोदने को लालयित था तो भाभी ने कहा कि आज की रात वो जरूर अपनी बहन की चूत दिलवा देंगी। मैं उनके कमरे में छिपा था, भाभी प्रज्ञा को चुदने को मना रही थी।
रात को मैंने बुखार का बहाना बना कर एसी में सोने से मना कर दिया, मैं दूसरे कमरे में लेट गई और दोनों भाई बहन को अपने बेडरूम में सोने को कह दिया। पढ़ें…
मेरे बहुत कहने पर वह मेरे सामने ब्रा-पैन्टी पहनने को तैयार हो गई और अपने कपड़े उतारने लगी, जैसे-जैसे वो कपड़े उतारती जाती, वैसे-वैसे मेरे लौड़े में अकड़न बढ़ती जाती।
मैं अपनी ससुराल में छत पे सो रहा था कि बीच रात में देखा, मेरी साली बगल में लेटी है. मैं चिपक कर लेट कर उसके चूचों को सहलाने लगा। मैंने दूसरा हाथ उसकी सलवार में घुसाने की कोशिश की..
यह कहानी मेरे जीवन की सत्य घटनाओं पर आधारित है. इसमें एक ऐसी स्त्री जो मेरे लिए नौकरानी नहीं रानी थी उसकी चाह और अकांगशाओं को पूर्ण करने में मेरी सहायता का वर्णन दो भागों में है!
मेरे कमरे पे एक जवान नौकरानी काम करने आती थी, उसे चोदने का मन था मेरा.. एक रात मैं कुण्डी लगाना भूल गया और वो सुबह सीधे अन्दर आ गई, उसने मेरा लौड़ा देख लिया
कम्मो को मैं घर ले आया और वो रात को मेरे साथ सोने लगी, पारो भी साथ होती थी. कॉलेज में मेरे पैसे को देख सब मेरी दोस्ती चाहते थे पर मैंने सीमित सम्बन्ध रखे.
उस रात माँ अपनी चूत चटवा कर सो गई और अगली सुबह जब मां मेरे सामने बैठ कर मूतने लगी तो मेरा सब्र जवाब दे गया, मेरा खड़ लण्ड देख कर माँ हंसने लगी और उसके बाद…
मैं गाँव का रहने वाला हूँ, सुबह को महिलाओं, लड़कियों को शौच करते उनकी चूत और चूतड़ देखने जाया करता था। एक दिन मेरी पड़ोसन लड़की मुझे गन्ने के खेत में जाते दिखी।
अन्तर्वासना के सभी पाठक पाठिकाओं को अरुण का नमस्कार! मेरे ये लेख ‘यौन परिकल्पना सेक्स फ़ैंटेसी’ सभी को बहुत पसंद आ रहे हैं और ऐसा शायद इस लिए कि जैसे अपनी ज़िंदगी को लेकर सभी के कोई न कोई सपने होते है, ठीक वैसे ही यौन उत्कंठा को लेकर भी सबके कुछ न सपने और […]
दीपाली- आप नहा लो.. मैं बाहर रख कर लॉक खोल दूँगी.. आप बाद में उठा लेना.. ठीक है.. अब मैं दरवाजा बन्द करके जाती हूँ आप आराम से रगड़-रगड़ कर नहा लो। दीपाली ने दरवाजा ज़ोर से बन्द किया ताकि उसे पता चल जाए कि बन्द हो गया और फ़ौरन ही धीरे से वापस भी […]