हरिद्वार के सफ़र का हमसफ़र
वो मेरे साथ खुद घुलमिल गई। अचानक हम दोनों के हाथ एक दूसरे के हाथ में आ गए और हमने चाहते हुए भी अलग नहीं किये। मैं उसके करीब चिपक कर बैठ गया।
लड़की को होटल में ले जा कर चुदाई करने की सेक्स स्टोरी
Ladki ko Hotel me le ja kar choot chudai ki hindi sex story.
Hindi sex story of sex with a girl or woman in hotel
वो मेरे साथ खुद घुलमिल गई। अचानक हम दोनों के हाथ एक दूसरे के हाथ में आ गए और हमने चाहते हुए भी अलग नहीं किये। मैं उसके करीब चिपक कर बैठ गया।
मैं राज ! याद आया दोस्तो, मैं आपका शुक्रगुजार हूँ अपने उन दोस्तो का जिन्होंने मेरी कहानी पढ़ी और पसन्द की। अब नील की शादी हो गई थी। जब नील शादी के बाद नील का मेरे पास फ़ोन आया ! नील- हेलो ! पहचाना मुझे? मैं- ओ ई सी… हाय नील ! कैसी हो और […]
हम होटल में गये, उसने एक रूम लिया, हम रूम में गये और फिर उसने अपनी साड़ी उतार दी, मुझे अपने पास बुलाया और बाहों में लेकर मुझे चूमने लगी.
मैं फ़टाफ़ट उसकी टाँगें फ़ैला कर बीच में बैठ गया और उसकी चिकनी मक्खन चूत, लग रहा था कि उसने आज ही बालों को साफ़ किया था। चूत के मुखद्वार पर मैंने अपने लण्ड महाराज को टिकाया तो कोमल पागलों की तरह सिसकारियाँ लेने लगी और अपने बालों को नोचने लगी।
एक शाम मैंने हॉस्टल के एक कोने में एक लडके लड़की को चूमा चाटी करते देखा और लड़की को पहचान लिया. अगले दिन मैंने उसे खा कि किसी को नही बताऊंगा पर...
उसने मेरा सिर पकड़ कर अपनी तरफ़ खींचा और मेरे मुँह और होंठों पर लगे अपनी चूत के रस का आनन्द लेने लई, उसने चाट-चाट के मेरे मुँह को एकदम साफ़ कर दिया।
मेरी गली के सारे लड़के मुझे पटाने की कोशिश करते रहते हैं। मेरे मम्मे लड़कों की नींद उड़ाने के लिए काफी हैं। मेरी बड़ी सी गाण्ड देख कर लड़कों की हालत खराब हो जाती है.
गर्ल हैविंग सेक्स फॉर मनी ... मैं एक ऑफिस में सेक्रेटरी का काम करती हूँ। एक अफसर को खुश करने के लिए मेरे बॉस ने दस लाख का ऑफर दिया.
उसकी साड़ी का पल्लू नीचे गिरा करा उसके वक्ष पर हाथ फिराने लगा. बहुत ही बड़े स्तन थे उसके, मेरे हाथों में भी नहीं आ रहे थे.
होटल में पहुँच कर कमरे में चले गए। कमरे में जाते ही हमने अन्दर से बंद कर लिया और जोर से जफ्फी डाली जैसे दो साथी जनम-जनम से बिछड़े पता नहीं कितनी देर बाद मिले हों!
मेरा चक्कर एक सहपाठी रोहित से चल रहा था। वह काफी दिनों से मुझे किसी होटल के कमरे में ले जाना चाहता था। मैं भी जाना तो चाहती थी पर हिम्मत नहीं कर पा रही थी।
मैंने अपनी ओर ध्यान दिया तो पाया कि नाईटी के नीचे खिसक जाने से मैं तो ऊपर से लगभग नंगी ही लग रही थी। मेरी गोल-मटोल, गोरी-गोरी चूचियों के सिर्फ निप्पल ही ढके थे बाकी ऊपर का सारा बाहर झाँक रहा था।
अन्तरवासना के सभी रीडर्स को प्यार भरा प्रणाम। मैं दिल्ली से स्पर्श हूँ। मेरा लंड सात इंच लम्बा और तीन मोटा है। मैं आज मेरे एक और सेक्स के बारे में बताने जा रहा हूँ। मेरी पिछली कहानी अन्तरवासना पे पब्लिश करके एक हफ़्ता हो गया था और मुझे कहानी के बारे में मेल्स आ […]