कुँवारी पड़ोसन की चूत किस्मत से मिली
मेरे पड़ोस में लड़की रहती थी, 12th में थी शायद! फिगर एकदम मस्त था। वो मुझे देखती तो रहती थी पर मुझे डर लगता था कि मैं बात कैसे शुरु करूँ। वो मुझसे कैसे चुद गई?
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मेरे पड़ोस में लड़की रहती थी, 12th में थी शायद! फिगर एकदम मस्त था। वो मुझे देखती तो रहती थी पर मुझे डर लगता था कि मैं बात कैसे शुरु करूँ। वो मुझसे कैसे चुद गई?
मेरा मकान मालिक अपने बिज़नेस में लगा रहता था और उसकी जवान बीवी के बदन की प्यास नहीं बुझती थी तो उसने मुझ पर डोरे डालने शुरू किये. मैं भी उसके रूप यौवन के जाल में फंस गया!
सेक्स की आग से कौन बच पाया है.. सो धीरे-धीरे रिचा ने उसको अपने ऊपर ले लिया और उसका ब्वॉय फ्रेंड भी उसके ऊपर चढ़कर उसके मम्मों को चूसने लगा।
मैं अपने भाई को उसके स्कूल से लेकर आता हूँ, एक आंटी भी अपने बच्चे को लेने आने लगी। वो हर रोज मुझे अर्थपूर्ण नज़रों से देखने लगी। उसने मुझे पटा कर अपने बदन की प्यास बुझाई, इस कहानी में पढ़ें!
फ़ोन पर मिस काल कर कर के मैंने एक लड़की पटाई और वो नौकरी के चक्कर में मेरे साथ रहने आ गई। वो मुझसे लगतार महीने भर चुदाई करवाती रही।
मैं नौकरी का इंटरव्यू देने गया तो देखा कि वो कोई दफ्तर नहीं कोठी थी. अन्दर गया तो मैडम मिली उन्होंने एक जवान लड़की को मेरा टैस्ट लेने को बोला. वो मुझे बेडरूम में ले गई.
लेकिन क्या पता था कि वो अपनी चोर निगाहों से देख रही थी.. और देखे भी क्यों नहीं.. हम कारनामा ऐसा जो कर रहे थे। हम खूब एक-दूसरे के होंठों को चूस रहे थे.. मैं उसकी गर्दन पर भी चुम्बन कर रहा था..
क्या सच में माँ.. अच्छा हुआ तुमने कल हमारी चुदाई की आवाज सुन ली.. तो फिर अब तुम भी भाभी के जैसी मालिश के लिए तैयार हो या नहीं?
गर्लफ़्रेंड के साथ ज़िस्म-2 मूवी देखने गया। ढीले कपड़े पहन कर गये थे दोनों, वहाँ हम शुरु हो गए और मेरी गर्लफ़्रेंड ने लन्ड चूसना शुरु कर दिया। इन्टरवल हुआ तो देखा कि पीछे उसकी सहेली बैठी थी।
मैं माँ के साथ ही खेतों में हगने के लिए जाता था। वहीं सभी गाँव की औरतें भी हगने जाती थीं। हगने के लिए माँ मुझे अपने पास ही बिठाती थीं, हमेशा अपनी माँ की चूत गाण्ड रोज देखता था।
मेरे पति और उनके दो दोस्तों ने एक साथ हनीमून पर जाने का कार्यक्रम बनाया क्योंकि सबकी शादी कुछ दिनों के अन्तर से हुई थी। हनीमून पर जो गुल खिले, वो आपके सामने पेश कर रही हूँ…
मम्मों की चुसाई के बाद मैं नीचे आ गया और पेटीकोट का नाड़ा खोल कर पैन्टी को चूमने लगा। वो गीली हो चुकी थी.. मैंने वो उतार फेंकी और उंगली डाल-डाल कर ज़ोर-ज़ोर से चूत चूसने लगा।
मैं अपनी क्लास मे एक लड़के को मन ही मन चाहती थी लेकिन वो मुझे नहीं देखता था। एक दिन अचानक फेसबुक पर मैंने उसे छेड़ा.. उसे घर बुला लिया तो वो मेरे घर आ गया।
पति ने मुझे पूरी नंगी होकर घर की सफाई करने के बदले उपहार देने की बात की तो उनकी इस अजीब मांग के लिए मैंने उनको सबक सिखाने की सोची.
साड़ी ऊपर करके मैंने दिखाई.. तो वो तो बस पागल ही हो गए.. जबरदस्ती मेरे साथ सेक्स किया.. वो पीछे नितम्बों के बीच में अपना वो डालने लगे.. बहुत ही दर्द हो रहा था। स्तनों में दांत से कटा.. योनि में ज़बरदस्ती उंगलियाँ डालीं.. और नितम्बों में भी..
चाचा मेरी छत पर आकर मुझसे सटकर मेरी छाती पर हाथ रखकर मेरी चूचियों को दबाने लगे। मैं चाचा से छुड़ाकर दूर भागी- यह काम आपके बस का नहीं है.. यह काम किसी जवान मर्द का है।
दूर के रिश्ते में मेरी एक भतीजी से मुझे देखते ही प्यार हो गया था, उसे भी मुझसे उतना ही प्यार गया था। मगर हमारी शादी नहीं हो सकती थी। उस प्यार का फ़ल हम दोनों ने सात साल के बाद पाया जब हम दोनों की शादी कहीं और हो चुकी थी।
वह कोशिश कर रहा था कि मेरी मुनिया दिखे.. मैंने भी संतोष की यह कोशिश जरा आसान कर दी। मैंने पूरी तरह सोफे पर लेटकर पैरों को चौड़ा कर दिया। मेरा ऐसा करने से मानो संतोष के लिए किसी जन्नत का दरवाजा खुल गया हो.. वह आँखें फाड़े मेरी मुनिया को देखने लगा।
मैं पति से जानबूझ कर थोड़ा गुस्सा होकर बोली- मैं यहाँ चुदने आई थी.. पर यहाँ तो परिन्दा भी नहीं है, जो मेरी चुदाई कर सके.. शायद मेरी किस्मत में आज चुदाई लिखी ही नहीं है।
मैं झूठा प्रतिरोध जो कर रही थी, बंद कर दिया लेकिन मैं शर्म के कारण जेठ का साथ नहीं दे पा रही थी, बस जिस्म को ढीला छोड़ दिया- मैं आपके छोटे भाई की बीवी हूँ।