मेरा गुप्त जीवन- 167
बाकी जोड़े मेरी नक़ल करते हुए अपनी साथियों को पूरा आनन्द प्रदान कर रहे थे और रितु और रानी भाभी पूर्ण विस्मय से हमारे कार्यकलाप को देख कर गहरी सोच में पड़ गई।
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बाकी जोड़े मेरी नक़ल करते हुए अपनी साथियों को पूरा आनन्द प्रदान कर रहे थे और रितु और रानी भाभी पूर्ण विस्मय से हमारे कार्यकलाप को देख कर गहरी सोच में पड़ गई।
नीता शरारती मुस्कान के साथ बोली- तो आपकी बीवी अब तक कितने लंड ले चुकी है आपके सामने? और आप कितनी चूत चोद चुके है अपनी बीवी के अलावा?
मैंने सुश्री को नीचे बिछे को गद्दे पर लिटाया और झट से उसकी चौड़ी जांघों में बैठ कर अपने लंड को उसकी बुरी तरह से पनियाई चूत के द्वार पर रख कर पहला धक्का मारा.
ये तो हम दोनों की चाल थी.. जब मैंने इसे आपके बारे में इसे बताया तो ये कमीनी मुझसे कहने लगी कि मुझे भी जन्नत की सैर करनी है.. मुझे भी तुम्हारा लौड़ा दिला दो.. तो मैंने हाँ बोल दी थी।
स्कूल में कम्प्यूटर ठीक करने गया तो वहाँ की मैडम मुझे पसन्द आ गई। कुछ दिन बाद उसी मैडम ने मुझे उसके घर का कम्प्यूटर ठीक करने बुलाया और बात कैसे बनी, इस कहानी में पढ़ें !
मैं ऑफ़िस से घर आया तो वे दोनों नंगे थे। मैंने नीलेश को याद दिलाया कि आज उसकी बीवी आने वाली है, स्टेशन जाना है। हम तीनों रास्ते भर नीलेश की बीवी को अपने चुदाई गैंग में शामिल करने की योजना बनाते गए।
ट्रेन में मिली भाभी को चोद चुका तो उसका पति उठ बैठा और बोला- एक बार मेरे सामने भी मेरी बीवी को चोदो! उसकी बीवी एकदम पूरी नंगी हो गई और मेरा लंड चूसने लगी।
युवती लिखती है कि उसके पति अलग अलग लड़कियों की चड्डी को चुरा लेते हैं, उनमें अधिकतर उनकी रिश्तेदार लड़कियों, महिलाओं, बहन, बुआ, मौसी, साली या फिर पड़ोसन की चड्डियाँ होती हैं।
मधु बोली- आप तो मेरे हीरो हो, मुझे बहुत मज़ा आया। और सबसे ज्यादा आपको उत्तेजित देखकर बार बार में उत्तेजित हो रही थी। मैं तो अभी तक आपको अपने अंदर महसूस कर रही हूँ।
कल्पना के जबड़े दुख रहे थे, योनि दुख रही थी, अंग-अंग टूट रहा था। उसने मन में झाँककर देखा, कोई अपराध-बोध तो नहीं? नहीं, ऐसा कुछ नहीं। उसने जो किया है सोच-समझकर किया है।
मधु नीलेश के बालों को पुचकारते हुए बोली- भइया, आप बहुत अच्छी चुदाई करते हैं। आपका कड़क लंड ऐसा लग रहा है जैसे लोहे की रॉड अंदर डाल दी हो। आप तो... आह ओह्ह्ह आह… भर दो ओह्ह्ह आह आह मेरी चूत को!
मैंने जब अपने होंठ उसकी योनि पर रखे तो वो सिहर सी गई, वो 'आई लव यू…' कहते हुए झुकी और अपना सर मेरे पीठ पर रख कर मुझे कस कर पकड़ लिया। वो मेरे प्यार से बहुत खुश हो गई थी..
मोटे होठों की खड़ी फाँक, बीच में गहरा भूरापन लिये- जैसे किसी ने पाव रोटी को बीच से काटकर अंदर चॉकलेट दबा दी हो। जेम्स होठों पर जीभ फेरने लगा। कल्पना आधी आँखें मूँदे पलकों की झिरी से देख रही थी।
रिया भांग के नशे में मेरे पास ही लेटी थी तो मैंने उसकी चूचियाँ सहला दी। मुझे अहसास हुआ कि वो इसका मज़ा ले रही है। अगली रात सोते हुए मुझे लगा कि मेरे कैपरी में उसका हाथ है।
पन्द्रह मिनट के तेज़ घर्षण के अंत में संजीव ने एक बार फिर मेरी टाँगें ऊपर करके मेरे हाथों में थमा दी और जोर से एक धक्का लगा कर अपने लिंग-मुंड को मेरे गर्भाशय में घुसा दिया।
कल्पना ने जेम्स के बार-बार इसरार पर एक बार ठहरकर अच्छे से लिंग को अंदर-बाहर होते देखा, फिर आँखें बंद कर लीं। उसने योनि को मथते लिंग को कमर उचकाकर और नजदीकी दी!
पति में कमी के कारण लेखिका ने गर्भधारण के लिए अपनी परम सखी से उसके पति की मदद मांगी जिसे उसकी सखी ने अपने पति से बात करके स्वीकार कर लिया और सारी बात हो गई।
लड़की ही लगती है, उम्र में बड़ी होने के बावजूद… कसे बदन की… ताजगी और सुंदरता से भरी! उसके अपने शब्दों में एकदम 'हॉट' 'सेक्स' और 'फकिंग' के लिए ही बनी हुई।
पति में कमी के कारण लेखिका गर्भधारण नहीं कर पा रही थी तो उसने अपनी परम सखी से ऐसी मदद मांगी जिसे उसकी सखी के लिये स्वीकार करने का निर्णय लेना अति दुष्कर था।
कल्पना बुरी तरह ठगी गई थी बेचारी… दूसरा पुरुष उसे भोगकर चला गया था और जाकर अंगूठा दिखा दिया था। भला कौन सा ऐसा मर्द होगा जो अपनी बीवी को चुदवाकर यूँ अपना-सा मुँह लिए लौट जाए?