जिस्मानी रिश्तों की चाह -1
उस वक़्त मेरी उम्र 19 साल थी। मैं सेक्स के मामले में बिल्कुल पागल था। चौबीस घंटे मेरे जेहन में सिर्फ़ सेक्स ही भरा रहता था। मैं हर वक़्त सेक्स मैगजीन्स की तलाश में रहता था।
हस्तमैथुन, हाथ से लौड़ा हिलाना, मुठ मार कर अपनी वासना शांत करने की कहानियां, लड़कियों के अपनी चूत में उंगली से मजा लेने की स्टोरीज Hand Practice
उस वक़्त मेरी उम्र 19 साल थी। मैं सेक्स के मामले में बिल्कुल पागल था। चौबीस घंटे मेरे जेहन में सिर्फ़ सेक्स ही भरा रहता था। मैं हर वक़्त सेक्स मैगजीन्स की तलाश में रहता था।
मेरी बुआ बहुत खूबसूरत और सेक्सी हैं, उनके चूतड़ बहुत बड़े और उभरे हुए हैं। एक बार वो हमारे घर आई तो मैंने उन्हें कमरे में अपने बदन से खेलेते देखा। फ़िर उनके घर गया तो बुआ फ़ूफ़ा जी की चुदाई देखी।
अंकल ने भी मुझे खूब ज़ोर से अपने से भींच लिया और मेरी कमर और मेरे चूतड़ों पर अपने भारी हाथ फेरने लगे। मैं पहली बार किसी मर्द के इतना क़रीब उस के बाजुओं में सिमटी हुई झड़ी थी।
मैं ख़यालों में अंकल के सीने लग गई.. उनकी भरी-भरी गुदाज़ छाती के खूब सुर्ख लाल निपल्स को मुँह में लेकर चूसने लगी.. तो अंकल मुझे ज़ोर से अपने से भींचने लगे।
मकान मालिक जॉब दूर लगी तो उनकी नवविवाहिता पत्नी घर में उदास रहती थी। मेरी नजर तो पहले दिन से ही भाभी पर थी। एक दिन मैंने भाभी को बैंगन से चूत चोदते देखा।
राजीव ने अपना लंड कामिनी की गांड में घुसा दिया। कामिनी दर्द से चीखी और अलग होने की कोशिश करने लगी। तब तक मैं कामिनी की चूत को अपने लंड के पास ले आया था और कामिनी को नीचे झुका कर अपना लंड उसकी चूत में घुसा दिया।
ट्रेन में मिली एक लड़की मुझे देख कर मुस्कुरा रही थी, जब सब सो गये तो उसने मुझे अपनी बर्थ पर बुला लिया। धीरे धीरे हमारे बदन छू गये और हम दोनों अन्तर्वासना की आग में जलने लगे।
पानी की बूंदें दीदी, एक अनछुई नंगी लड़की, भीगी हुई वो भी जवानी के चरम पर, के चेहरे पर कन्धों पर और चूचियों पर चमक चमक कर मानो यह कह रही थी 'है कोई भाग्य शाली हमारे जैसा?'
मेरी चुदाई बहुत दिनों से नहीं हुई थी.. मैं चुदास से तड़प रही थी। ऐसे में भाई की याद आई.. मैंने सोचा कि यह मेरी प्यास बुझा सकता है, मुझे उसे किसी तरह पटाना ही होगा।
आह जीजू.. कैसी लगी आपकी साली की गुदगुदी गाण्ड.. आह.. जीजू.. आप देखते जाओ.. मैं आपके लौड़े के लिए.. चूतों की लाइन लगा दूँगी। इतनी लड़की औरतों को पटाऊंगी आपके लिए कि आप हर रोज नई चूत मारोगे.. नई गाण्ड मारोगे..
मैंने उसको पुरुष और स्त्री के बीच के सेक्सुयल संबंध के बारे में डीटेल से बताया। वो बड़े ध्यान से मेरी हर बात को सुन रही थी और कॉपी में नोट भी कर रही थी।
मधु रिमोट के लिए हमारी तरफ पीठ करके झुकी तो उसके चूतड़ों की गोलाई बिल्कुल आँखों के सामने थी। जब रिमोट देने के लिए हमारी साइड झुकी तो उसके बूब्स भी आँखों की चमक बढ़ा गए नीलेश की।
एक मॉल के पीछे से जाते हुए एक लड़के को मुठ मारते देखा, उसका लुंड बढ़िया था तो मैं उसे देखने लगी. उसने मुझे देखा तो अपने पास बुलाया, मैं खुद को रोक नहीं पाई और...
मेरी चचेरी बहन छुट्टियाँ गुजारने मेरे घर आई, वो कमसिन थी.. मैं उसके मासूम हुस्न के जलवों में खो कर ही रह गई, उस पर नया-नया शवाब आ रहा था.. उसका मासूम गुलाबी चेहरा.. उसका खूबसूरत जिस्म..
मुझे मम्मी के कराहने की आवाज़ आई। मैं उठ गई। मेरे लिए जानी पहचानी आवाज़ थी। मैं समझ गई कि मम्मी की चुदाई हो रही है। मैंने हिम्मत करके हाथ से थोड़ा सा पर्दा हिलाया और देखने लगी।
लेकिन क्या पता था कि वो अपनी चोर निगाहों से देख रही थी.. और देखे भी क्यों नहीं.. हम कारनामा ऐसा जो कर रहे थे। हम खूब एक-दूसरे के होंठों को चूस रहे थे.. मैं उसकी गर्दन पर भी चुम्बन कर रहा था..
जैसे ही मैंने अपना हाथ उसकी कुर्ती में नीचे से अन्दर डाल कर उसकी ब्रा खोलनी चाही.. तो जैसे ही मेरा हाथ उसकी नाभि के पास पहुँचा.. उसने मेरा हाथ पकड़ लिया। वो मेरे हाथ को छोड़ ही नहीं रही थी।
अन्दर उसने पैंटी पहनी हुई थी.. जिसकी वजह से मैं उसकी चूत को खुलकर नहीं सहला पा रहा था.. और इधर मेरा लंड अपने पूरे शवाब पर था। मैंने एक हाथ से उसकी सलवार को खोला, दूसरे हाथ से लंड बाहर निकाला.
मैं शुरू से ही कामुक प्रकृति का हूँ.. सेक्स को लेकर उत्सुक था। इस कहानी में मैंने बताया है कि कैसे मैंने एक पड़ोसी लड़के से अपना लंड पहली बार चुसवाया।
मैं कमरे में अकेला बोर हो रहा था तो एक सेक्सी किताब पढ़ कर मुट्ठ मारने लगा। मुझे पता नहीं था कि कामवाली आंटी खिड़की के छेद से देख रही है।