पत्नी के आदेश पर सासू माँ को दी यौन संतुष्टि-1
बेटी दामाद के उन्मुक्त सेक्स को देख कर अपने पति से असन्तुष्ट मां ने सभी बन्धन तोड़ते हुए अपनी बेटी से उसके पति के साथ सेक्स करने की इच्छा जाहिर की तो बेटी की क्या प्रतिक्रिया हुई? इस कहानी में पढ़िए!
हस्तमैथुन, हाथ से लौड़ा हिलाना, मुठ मार कर अपनी वासना शांत करने की कहानियां, लड़कियों के अपनी चूत में उंगली से मजा लेने की स्टोरीज Hand Practice
बेटी दामाद के उन्मुक्त सेक्स को देख कर अपने पति से असन्तुष्ट मां ने सभी बन्धन तोड़ते हुए अपनी बेटी से उसके पति के साथ सेक्स करने की इच्छा जाहिर की तो बेटी की क्या प्रतिक्रिया हुई? इस कहानी में पढ़िए!
ओह कोमल मेरी जान, एक दिन ऐसा आए जब तुम जागते हुये, मेरा यह लंड अपनी चूत में लो जानेमन… चाट चाट कर ही तेरी चूत का पानी निकाल दूँगा मैं, एक बार मेरी हो जा!
मुझे अपनी बड़ी साली गुड्डी के घर जाने का मौका मिला। दूध जैसा गोरा बदन, सुंदर चेहरा, 38 या शायद उस से भी बड़े साइज़ का ब्रा पहनती होगी। मेरा ध्यान बरबस ही उसकी विशाल छातियों की तरफ चला जाता!
बसंती धीरे धीरे अपने कपड़े उतार रही थी, पहले अपनी धोती और ब्लाउज उतार दिया और फिर पेटीकोट का नाड़ा खींच कर खोल दिया। बसंती कच्ची कली का शरीर एकदम साँचे में ढला हुआ था।
अपनी बहन के सीने के दोनों उभारों को अपने दोनों हाथों में दबोचा और आपी की चूत पर अपना मुँह रखते हुए उनकी चूत के दाने को पूरी ताक़त से अपने होंठों में दबा लिया और चूस लिया।
आपी ने अपना हाथ डिल्डो की तरफ बढ़ाया और अपने लेफ्ट हैण्ड की मुट्ठी में उसे थाम लिया और उठा कर अपना राईट हैण्ड की नर्मी से डिल्डो की पूरी लंबाई पर ऊपर से नीचे और नीचे से ऊपर फेरने लगीं।
आपी सोफे पर कुछ लेटी.. कुछ बैठी सी हालत में ज़मीन पर पाँव फैलाए.. थोड़ी सी टाँगें खुली हुईं और ठीक टाँगों के दरमियान वाली जगह पर सलवार के ऊपर गुलाबी खूबसूरत हाथ.. आपी बिल्कुल परी लग रही थीं।
मैं भी धड़ल्ले से बोली- वो मैं सम्भाल लूंगी, तुम बेफिक्र रहो! लेकिन उस रात भाभी को चोदने के बाद तुम मुझको आखिरी बार ज़रूर उसी कमरे में चोदोगे, वायदा करो??
मैंने आपी को देखा.. वो बहुत ज्यादा बेचैन नज़र आ रही थीं.. बार-बार अपनी पोजीशन चेंज कर रही थीं, शायद वो अपनी टाँगों के दरमियान वाली जगह को अपने हाथ से रगड़ना चाह रही थीं..
आपी का भी एक हाथ टाँगों के दरमियान और दूसरा उनके एक उभार पर था.. फिर आहिस्तगी से उन्होंने अपनी सलवार से ही अपनी टाँगों के बीच वाली जगह को साफ किया और फिर सीधी बैठीं!
जैसे-जैसे दास्तान आगे बढ़ती जा रही थी आपी की बेचैनी भी बढ़ती जा रही थी। वो कभी टाँगों को आपस में भींचती थीं तो कभी अपनी दोनों रानों को एक-दूसरे से रगड़ देती थीं..
जब आपी ने देखा तो उनकी ब्रा मेरे बायें हाथ में थी और मैं कप के अन्दर ज़ुबान फेर रहा था। मैंने आपी को देखा लेकिन अब मैं अपनी मंज़िल के बहुत क़रीब था इसलिए अपने हाथ को रोक नहीं सकता था।
मौसा के आने के पहले मौसी नहाने चली गईं.. क्योंकि आज रात को चूत लंड की लड़ाई होने वाली थी। उसके बाद वो पूरी शिद्दत से चुदने के हिसाब से तैयार हुईं और नेट की हल्की और पारदर्शी साड़ी पहनकर मौसा का लंड लेने के लिए तैयार हो गईं।
मैंने अपने हाथ से अपने लण्ड को पकड़ा और आहिस्तगी से सहलाते हुए उठ बैठा और आपी को कहा- मैं आपके दूध बगैर कपड़ों के नंगे देखना चाहता हूँ..
मेरी बड़ी बहन.. मेरी आपी.. अपने राईट हैण्ड से की बोर्ड को कंट्रोल कर रही थीं और लेफ्ट हैण्ड की 2 उंगलियों से उन्होंने अपने लेफ्ट मम्मे के निप्पल को पकड़ रखा था और उसे चुटकी में मसल रही थीं।
एक बार नहाते हुए लिंग पर साबुन लगाते समय मुझे गुदगुदी सी महसूस हुई। मैंने उसे और रगड़ा तो मुझे और अच्छा लगा। मैंने अपने दोस्त से पूछा तो उसने मुझे बताया।
मैं और मेरा दोस्त रिंकू, नई नई जवानी चढ़ी थी तो ज़्यादा बातें तो सेक्स की ही होती थी, किस के चूचे बड़े हैं, किसकी गांड बड़ी है, बस सारा दिन इसी चक्कर में उलझे रहते थे।
मैंने सोचा कि क्या होगा अगर मेरे पास एक लड़का और एक लड़की हो.. तो मैं चोदने के लिए किसे तरजीह दूँगा। फ़ौरन ही मेरे जेहन ने मुझे बता दिया कि मैं 'गे' नहीं हूँ। मैं हमेशा लड़की को चुदाई के लिए तरजीह दूँगा..
उस वक़्त मेरी उम्र 19 साल थी। मैं सेक्स के मामले में बिल्कुल पागल था। चौबीस घंटे मेरे जेहन में सिर्फ़ सेक्स ही भरा रहता था। मैं हर वक़्त सेक्स मैगजीन्स की तलाश में रहता था।
मेरी बुआ बहुत खूबसूरत और सेक्सी हैं, उनके चूतड़ बहुत बड़े और उभरे हुए हैं। एक बार वो हमारे घर आई तो मैंने उन्हें कमरे में अपने बदन से खेलेते देखा। फ़िर उनके घर गया तो बुआ फ़ूफ़ा जी की चुदाई देखी।