ये चूत चोदने के लिए बना है
एक दिन मेरी ममेरी बहन मेरे साथ चिपक कर सो रही थी.. मेरा लण्ड खड़ा हो गया और उसके जिस्म से लगने लगा। उसने मेरी जेब में हाथ डाल दिया और मेरा लण्ड पकड़ लिया।
हस्तमैथुन, हाथ से लौड़ा हिलाना, मुठ मार कर अपनी वासना शांत करने की कहानियां, लड़कियों के अपनी चूत में उंगली से मजा लेने की स्टोरीज Hand Practice
एक दिन मेरी ममेरी बहन मेरे साथ चिपक कर सो रही थी.. मेरा लण्ड खड़ा हो गया और उसके जिस्म से लगने लगा। उसने मेरी जेब में हाथ डाल दिया और मेरा लण्ड पकड़ लिया।
सभी की अपनी अन्तर्वासना होती है और उसको व्यक्त करने का अधिकार भी होता है.. जोर जबरदस्ती से किया गया काम अनाचार की श्रेणी में आता है.. शेष सब जिस्म की चाह ही होती है।
मैं अपने चचेरे भाई भाभी के साथ रहता था। मैं और भाभी टाइम बिताने के लिए अक्सर ताश खेलते हैं, खेलते हुए हम दोनों में हंसी मज़ाक, छेड़ना चिढ़ाना चलता रहता था।
हमारे खेतों में बिहार की लड़की काम करती है। मेरे कसरती जिस्म पर गांव की हरेक लड़की मरती थी, वो भी उनमें से एक थी। उसने मुझे अपने जाल में फ़ंसा कर चुदाई कराई।
मेरी बहन ने मुझे बहनचोद की गाली देते हुए उसकी नंगी जवानी को देख कर उसके नाम की मुठ उसके सामने ही मारने को कहा। फिर उसने मुझे उसे नंगी करने को कहा!
मेरी बहन वर्षा ने मेरे मुरझाए लंड को अपने नरम-नरम हाथों में पकड़ लिया और दूसरे हाथ से मेरे गालों को सहलाने लगी। दीदी ने मेरे लौड़े को धीरे-धीरे सहलाना चालू कर दिया।
दोनों बहनें साथ ही चाचा के कमरे में पहुंची थीं जहां चाचा अपना स्थूलकाय लिंग पाजामे से बाहर निकाले दरवाज़े की तरफ देख रहा था। 'आज करें क्या चाचा के साथ?'
मैं शुरू से खुले विचारों वाली लड़की रही हूँ। सहेलियों के साथ गंदे मज़ाक करना, उनके बूब्स दबा देना, चूत पर हाथ मार देना मुझे बहुत अच्छा लगता था।
क्या सिर्फ इसलिए उसे अपने शरीर का सुख प्राप्त करने से रोका जा सकता था कि वह लोगों द्वारा अपेक्षित एक योग्य वधू के मानदंडों पर पूरी नहीं उतरती?
गली के गुण्डे ने शीला के चूतड़ों की दरार में उंगली घुसा कर उसे छेड़ा, उधर उसके चाचा का हाथ जल जाने के कारण चाचा हस्तमैथुन नहीं कर पा रहा था, पढ़ें इस भाग में!
जिसकी शादी नहीं होती, उसमें क्या उमंगें नहीं होतीं, जवानी के तूफ़ान उन्हें बिना छुए गुज़र जाते हैं, उनके शरीर में वह ऊर्जा नहीं पैदा होती जो सम्भोग की मांग करती है?
मेरी पहली गर्लफ़्रेंड मेरठ की थी, मुझे यकीन नहीं होता था कि मुझे इतनी सुन्दर गर्लफ्रेंड मिलेगी। हमारी बातें सेक्स पर पहुँच गई, उसे मैं होटल में ले गया।
मैं और आईशा साथ लेटे हुए थे और बारिश हो रही थी। मैंने अपना एक हाथ उसकी कमर पर डाल दिया और उसके गले के पीछे धीरे-धीरे चूमने लगा। आगे की घटना कहानी में पढ़िए।
मेरे पड़ोस में एक नव विवाहित जोड़ा रहने आया। आन्टी मुझे पसन्द आई तो मैंने उनसे दोस्ती कर ली। लेकिन मैं तो उनके सेक्सी बदन का मज़ा लेना चाहता था और लिया भी!
मैंने अपने भाई को ब्लू फ़िल्म देख कर मुठ मारते देखा। उसका लंड भी देखा तो वो लंड अपनी चूत में लेने की इच्छा हुई। कहानी पढ़ कर देखें कि कैसे मैं भाई से चुदी।
पड़ोस की आन्टी को बेबी को दूध पिलाते देखा तो मेरा लंड खड़ा हो गया। मैं मुठ मारने चला गया। एक दिन आन्टी के घर भी यही हुआ और आन्टी ने मुझे देख लिया।
गर्मी की छुट्टियों में मेरे पड़ोस में एक लड़की रहने आया करती थी। हम खूब खेला करते थे, और समझ के अनुसार चूमा चाटी भी करते थे। अब की छुट्टियों में…
वो सब कुछ करने को तैयार थी सिर्फ़ मेरे लिंग को अपने अन्दर लेने को राजी नहीं थी। और यही तो मेरी मंजिल थी कि उसकी अक्षत योनि में अपने लिंग का प्रवेश करवा पाऊँ!
मैं अपनी माशूका के साथ होटल में उसके जिस्म के साथ खेल रहा था। मैं दो बदनों का पूर्ण मिलन चाहता था लेकिन वो किसी अज्ञात भय से हिचक रही थी, मुझे रोक रही थी।
मेरी पैन्टी मेरा बेटा ले जाता था, उसे मैंने पैन्टी पर मुठ मारते रंगे हाथ पकड़ा। उसका लंड दिखा तो सुपारे पर चमड़ी थी जो तकलीफ़ देह थी। इसका इलाज़ जरूरी था।