खामोश शर्मिन्दगी
बहुत देर से रेलवे आरक्षण की लम्बी कतार में खड़े रहने के बाद अब मैं खिड़की के काफी क़रीब पहुँच चुका था। उसके आगे तीन लोग थे। गर्मी से मैं पसीने से तरबतर था। मैं स्टेशन का जायज़ा लेने लगा जो भीड़ से ठसाठस भरा हुआ था। बरसात के बाद की गर्मी ने हर किसी […]