गैर मर्द से चूत चुदाई की कहानियाँ

अपने पति के अलावा किसी गैर मर्द से चूत चुदाई की कहानियाँ

Apne pati ke alawa kisi gair mard se chut chudai ki kahaniyan

Stories about sex relations of girls and ladies with a man not her husband

गर्मी का इलाज

मैं शालिनी … याद तो हूँ ना आपको… आपकी मदमस्त भाभी… आज फिर आपके साथ अपनी मस्ती की एक यादगार चुदाई की दास्तान बांटने आई हूँ। उम्मीद है पहली कहानियों की तरह यह भी आप सबको पसंद आएगी। मेरी पहली कहानियों तो लगी शर्त और जीजा मेरे पीछे पड़ा आप सब ने बहुत पसंद की। […]

शीशे का ताजमहल-1

अन्तर्वासना को कुछ वक्त के लिए तो दबाया जा सकता है लेकिन हमेशा के लिए नहीं... यह सेक्स कहानी है शौहर को छोड़ अकेली रह रही एक लड़की की जिसके जीवन में एक लड़का आना चाह रहा है.

बाथरूम का दर्पण-6

मैं रोनी सलूजा आपसे फिर मुखातिब हूँ। मेरी कहानी बाथरूम का दर्पण को सभी ने बहुत सराहा है। कुछ लोगों ने मुझसे सागर की हेमा पवार के बारे में जानकारी चाही तो कुछ ने रमा के बारे में जानना चाहा। क्षमायाचना के साथ मैं आप सभी को बता दूँ कि मेरी कहानियों में सभी नाम, […]

मेघा की तड़प-4

रात को दस बजे प्रकाश अदिति को लेकर घर आ गये थे। अदिति बहुत थकी हुई सी थी। आते ही वो पहले तो बैठक में बैठ गई और फिर मेघा के साथ ही दीवान पर आकर लेट गई। “मेघा वो वॉशिंग मशीन में पानी भर कर पावडर मिला देना, कपड़े बहुत सारे हैं।” “अरे दीदी, […]

चार फौजी और चूत का मैदान

नमस्ते दोस्तो, आपने मेरी पहले आ चुकी कहानियों को बहुत पसंद किया जिसके लिए मैं आपकी आभारी हूँ। अब मैं आपको अपनी चुदाई का एक और गर्मागर्म किस्सा सुनाती हूँ। सर्दियों के दिन थे, मैं अपने मायके गई हुई थी, मेरे भैया भाभी के साथ ससुराल गये थे और घर में मैं, मम्मी और पापा […]

काफ़ी है राह की इक ठोकर

‘नमस्कार चटर्जी बाबू, क्या चल रहा है?’ कहते कहते घोष बाबू दरवाज़ा खोल कर अन्दर आ गए। चटर्जी बाबू बरामदे में बैठे चाय की चुसकियाँ ले रहे थे। ‘कुछ खास नहीं घोष बाबू, बस अभी अभी दफ्तर से आया था, सोचा एक कप चाय ही पी लूँ !’ ‘बैठिए, एक कप चाय तो चलेगी?’ ‘नहीं […]

बाथरूम का दर्पण-5

मैं उसकी पीठ सहलाने लगा, फिर उसकी फ़्रॉक को निकाल दिया। अब उसके भरे हुए स्तन, जो गुलाबी ब्रा में समां नहीं रहे थे, को मसलना शुरु कर दिया।

बाथरूम का दर्पण-4

मैं उसे बाँहों में उठाकर बेडरूम में ले गया उसके सारे कपड़े उतारकर उसके ऊपर छा गया। वो सिसकारने लगी, उसने मेरी पैंट उतार दी, चड्डी हटा कर लंड थामकर चूमने लगी।

बाथरूम का दर्पण-3

वह मेरी जीभ को सिसकारते हुये चूस रही थी। मैंने मौका देखकर लंड को सही स्थान पर लेकर थोड़ा दबाव डाला तो सुपारे का आगे का भाग चूत के मुँह पर फिट हो गया।

बाथरूम का दर्पण-2

आपने ब्रा-पेंटी उतारकर रख दिए और दर्पण में अपने नंगे जिस्म को हर दिशा से देखा। तुम उत्तेजित हो गई थी, एक हाथ तुम्हारी दोनों टांगों के बीच कुछ सहला रहा था, दूसरा सीने को सहला रहा था?

मेरा फ़र्ज़, उसका फ़र्ज़

बेंगलौर स्थित महात्मा गांधी रोड हर किसी की जुबां पर रहता है। किसी खास कारणवश, यह तो पता नहीं। पर आज एक अजीब घटना घटी। मैं महात्मा गांधी रोड स्थित ब्रिगेड रोड के कोने पर खड़ा था, कुछ देर के लिए, शायद, निर्माणाधीन हमारा मेट्रो या मेट्रो रेल देखने के लिए। पर उसी समय उधर […]

मेरी बेबाक बीवी-4

लेखक : अरुण रात बहुत हो चुकी थी। शेविंग का सामान मैंने दोस्त को संभलवा दिया। वो मेरी बीबी से बोला- आर यू रेडी? उसने अपनी आदत के मुताबिक़ ही उसे जवाब भी पकड़ा दिया- पूरी नंगी तो बैठी हूँ ! और क्या तैयारी करनी है? लो संभालो इसे ! और ऐसा कहते हुए अपने […]

बीच रात की बात-2

उसका लण्ड मेरी चूत में जहाँ तक घुस रहा था वहाँ तक आज तक किसी का लण्ड नहीं पहुँचा था.. ऐसा में महसूस कर सकती थी.. मेरी चूत तब तक दो बार झड़ चुकी थी... और बहुत चिकनी भी हो गई थी...इसलिए अब उसका लण्ड फच फच की आवाजें निकाल रहा था... मैं फिर से झड़ने वाली थी.. मगर उसका लण्ड तो जैसे कभी झड़ने वाला ही नहीं था...

फ़ुलवा

उसका पति धीरू दो बरस पहले शहर कमाने चला गया। गौने के चार माह बाद ही चार-छः जनों के साथ वह चला गया। तब से अकेली फ़ुलवा घर गृहस्थी संभाल रही है। घर का दरवाजा बांस की फट्टी जोड़कर बना है। उसी में सैकड़ों रूपए निकल गए हैं। अब गौरी ही उसकी आजीविका का साधन […]

रेलगाड़ी में मिली

Railgadi Me Mili मैं श्याम शर्मा, 24 साल, मेरा जन्म छोटे से गाँव में एक ग़रीब परिवार में हुआ, पिता जी की मृत्यु के बाद मेरे ऊपर काम का बोझ आ गया। मैं दिल्ली में नौकरी करने लगा। तब भी मुझे सेक्स के बारे में पता तो था पर मेरी कोई गर्लफ्रेंड ना होने के […]

हमारी नौकरानी सरीना-2

सरीना आठ बजे तक काम करके चली जाती थी, आज नौ बज रहे थे। तभी फ़ोन की घंटी बजी, उधर से एक सुरीली सी आवाज़ आई- भाई साहब, मैं रूचि बोल रही हूँ आपकी पुरानी पड़ोसन ! मैंने अपना नंगा लण्ड सहलाते हुए कहा- रूचि जी, आप कैसी हैं? कहाँ से बोल रही हैं? रूचि […]

हमारी नौकरानी सरीना-1

मुंबई में मेरी पोस्टिंग तीन महीने पहले ही हुई थी, मैं और मेरी बीवी उर्मी एक फ्लैट में रहते थे। मेरी नौकरी ऐसी थी कि रोज़ मुझे 8-10 हज़ार की रिश्वत मिल जाती थी। उर्मी मुझे ठीक से सेक्स नहीं करने देती थी। हमारी नौकरानी का नाम सरीना था, उसकी उम्र 35 साल के करीब […]

मैं चुप रहूँगा

कॉलेज में हड़ताल होने की वजह से मैं बोर हो कर ही अपने घर को कानपुर चल पड़ा. हड़ताल के कारण कई दिनो से मेरा मन होस्टल में नहीं लग रहा था. मुझे माँ की बहुत याद आने लगी थी. वो कानपुर में अकेली ही रहती थी और एक बैंक में काम करती थी. मैं […]

Scroll To Top