नाजायज़ औलाद
अन्तर्वासना की एक भिन्न शैली की लेखिका 'फुलवा' की यह रचना एक लम्बे अरसे के बाद अन्तर्वासना पर प्रकाशित हो रही है... इस रचना के बारे में कुछ भी लिखना सूर्य को दिया दिखाना है, आप खुद ही जान लीजिये इसे पढ़ कर... इस कहानी में सेक्स नहीं है...