पंजाबन भाभी को जन्म दिन पर चूत चुदाई का तोहफा -2
प्रीत ने मेरी जींस निकाल दी। अब उसने मेरे अंडरवियर में हाथ डाल कर मेरे लंड को निकाला और फिर मेरे लंड को आगे-पीछे करने लगी। मैंने प्रीत की पजामी निकाल दी!
अपने पति के अलावा किसी गैर मर्द से चूत चुदाई की कहानियाँ
Apne pati ke alawa kisi gair mard se chut chudai ki kahaniyan
Stories about sex relations of girls and ladies with a man not her husband
प्रीत ने मेरी जींस निकाल दी। अब उसने मेरे अंडरवियर में हाथ डाल कर मेरे लंड को निकाला और फिर मेरे लंड को आगे-पीछे करने लगी। मैंने प्रीत की पजामी निकाल दी!
मैं जूही की कम्पनी में नौकरी करने लगा। एक शाम को मैं ऑफिस से निकला कि जूही की कार मेरे पास रुकी, मुझे बैठने के लिए कहा। उस दिन उसकी शादी की साल गिरह थी लेकिन उसका पति उसके साथ नहीं था।
मुझे मौसी के घर जाना पड़ा लेकिन वहाँ जाकर मेरी किस्मत खुल गई, जाते ही रास्ते में एक हसीन भाभी से टक्कर हो गई और उससे दोस्ती भी... अगले ही दिन उसने मुझे खाने पर बुलाया.
मैं बाहर आई तो देखा- तीनों नंगे मेरे बिस्तर पर चूमा-चाटी में भिड़े थे। दोनों लड़के मुझे देखकर मेरी ओर लपके.. दो गैर मर्दों को एक साथ नंगा मैं पहली बार देख रही थी.
मेरे एक प्रशंसक से मुझे प्यार सा हो गया, मैंने कई बार इसे सेक्स के लिए उकसाया मगर वो यह जानते हुए भी कि मैं शादीशुदा हूँ, कहता कि तुम्हारे साथ सुहागरात मनाऊँगा शादी के बाद...
नौकरी की तलाश से हताश सड़क किनारे बैठा मैं अपने गले में रूमाल डाल कर सोचने लगा कि अब आगे क्या करना है। तभी एक डस्टर कार मेरे सामने आ कर रुकी और देखा कि कोई 31-32 साल की शादी-शुदा युवती थी।
पायल बड़े प्यार से लौड़े को चाटने लगी.. सुपारे को धीरे-धीरे मुँह में लेने लगी। बस 5 मिनट में ही पायल पूरा लौड़ा ‘गपागप’ मुँह में लेकर चूसने लगी। साथ ही साथ आंडों को भी हाथ से सहला रही थी।
मैंने सुश्री को नीचे बिछे को गद्दे पर लिटाया और झट से उसकी चौड़ी जांघों में बैठ कर अपने लंड को उसकी बुरी तरह से पनियाई चूत के द्वार पर रख कर पहला धक्का मारा.
आज की यह कहानी प्रकृति द्वारा बनाई गई उस खूबसूरत प्रजाति की है जिसे हम पुरुष कहते हैं.. इसकी मैं जितनी भी तारीफ करूँ, हमेशा कम लगती है। मैं तो अपनी मर्द जाति का दीवाना हूँ..
स्कूल में कम्प्यूटर ठीक करने गया तो वहाँ की मैडम मुझे पसन्द आ गई। कुछ दिन बाद उसी मैडम ने मुझे उसके घर का कम्प्यूटर ठीक करने बुलाया और बात कैसे बनी, इस कहानी में पढ़ें !
अर्जुन आगे बढ़ा और पायल का कुर्ता भी निकाल दिया.. अब वो सब के सामने एकदम नंगी खड़ी थी। उसने जब देखा कि सबकी नजरें उसके जिस्म को घूर रही हैं.. तो उसने शर्म के मारे नजरें झुका लीं।
पिता के कर्ज के कारण मैं दुखी रहता था तो बॉस ने पूछा। मैंने अपनी समस्या बताई तो और उसने उसकी बीवी को गर्भवती बनाने के बदले मुझे पैसे देने की पेशकश की।
अर्जुन ने कुर्ता ऊपर किए बिना अपना हाथ पायल की पैन्टी पर लगा दिया.. वो उसकी चूत को हल्का सा दबा कर अपनी उंगली उसकी फाँक पर फिराने लगा। पायल की नजरें अर्जुन से मिलीं तो वो नशे में थी.. और अब उसकी उत्तेजना भी धीरे-धीरे बढ़ रही थी।
जैसे-जैसे उसकी कमीज ऊपर की ओर सरकती.. वैसे-वैसे उसका दूध सा गोरा बदन मेरे आँखों में कैद होता जा रहा था। मैं उसकी इस अफलातून जवानी को अपने आँखों से पीने के साथ साथ होंठों से प्यार भी कर रहा था।
मैं एक स्कूल में कम्प्यूटर टीचर हूँ, वहाँ पर फैशन डिजाइनिंग में एक न्यू फैकल्टी आई। क्या परी सा चेहरा था.. वो फैशन डिजाइनिंग की फैकल्टी थी.. तो उनको कम्प्यूटर्स की जरूरत पड़ती थी।
स्लीपर बस में रात में मेरी नजर एक हसीं कली पर पड़ी, वो मुझे ही देख रही थी मेरे लंड ने हलचल शुरू कर दी। कहानी में पढ़ें कि कैसे मैंने एक अनजानी को जानी पहचानी बनाया!
कल्पना के जबड़े दुख रहे थे, योनि दुख रही थी, अंग-अंग टूट रहा था। उसने मन में झाँककर देखा, कोई अपराध-बोध तो नहीं? नहीं, ऐसा कुछ नहीं। उसने जो किया है सोच-समझकर किया है।
मैं एक उंगली उसकी चूत के पानी से गीली करके उसकी गुदा पर फेरने लगा, चूत का पानी बह कर उसकी गुदा के छेद पर आ चुका था तो मैंने उंगली को उसकी गांड में सरका दिया
अब मधु बैठ नहीं रही थी क्योंकि उसका तौलिया बहुत ऊपर तक था। वो सोफे के दूसरी तरफ खड़ी रही, मैं सोफे पर बैठा बैठा अपना हाथ बढ़ा कर उसकी चिकनी चूत को सहला रहा था।
मोटे होठों की खड़ी फाँक, बीच में गहरा भूरापन लिये- जैसे किसी ने पाव रोटी को बीच से काटकर अंदर चॉकलेट दबा दी हो। जेम्स होठों पर जीभ फेरने लगा। कल्पना आधी आँखें मूँदे पलकों की झिरी से देख रही थी।