मेरी सहेली और मेरी चुदाई
मैं उनके साथ गप्पें लड़ाने लगी। अब आ गया सेक्स का टॉपिक... अब मैंने कभी ना किसी को चूमा और ना ही कभी किसी से अब तक चुदी थी।
गांड में उंगली डाल कर सेक्स का मज़ा लेने या देने की कहानियाँ
Gaand me ungli daal kar sex ka mazza lene ya dene ki kahaniyaan
sex stories about enjoying sex with fingering in ass
मैं उनके साथ गप्पें लड़ाने लगी। अब आ गया सेक्स का टॉपिक... अब मैंने कभी ना किसी को चूमा और ना ही कभी किसी से अब तक चुदी थी।
दोस्तो, यह मेरी प्रथम आपबीती और अनुभव है क्योंकि इससे पहले मुझे सेक्स का कोई न तो अनुभव था न कोई किताब या कहानी पढ़ी थी। बस दो या तीन कहानियाँ अपने दोस्त राम के साथ छुप कर ज़रूर पढ़ी थी, लेकिन ऐसा कुछ नहीं था कि कोई इच्छा हो या मन करता हो कुछ […]
मेरे लंड के हल्के हल्के धक्कों से रागिनी कराह रही थी- संजय बहुत भीतर घुस गया है.. इस पोज़ में और ज्यादा अन्दर तक घुसा दिया तुमने.. आह्ह. मैंने कभी ऐसा नहीं किया.. चोदो..
मैंने अपना मम्मा उसके मुँह में दिया, उसने निप्पल चूसा तो मैं चूतड उठा उठा मरवाने लगा- हाय, साले! मेरी माँ चोद दे! बहन चोद दे! मेरी फाड़ डाल! फाड़ डाल! हाँ फाड़! फाड़!
दीदी मुझसे पीठ खुजलाने के लिए बोला करती थी. कुछ दिनों बाद दीदी मेर हाथ अपने चुच्ची की तरफ आगे बढ़ाने लगी और बोली- यहाँ खुजलाओ! दूसरे दिन रात को दीदी बोली- आज नीचे खुजला दे! तो मैंने पूछा- कहाँ दीदी? तो दीदी ने अपनी पेंटी उतार दी और अपनी बुर की ओर इशारा करके बोली- यहाँ!
शादी के बाद से नज़मा भाभी की चुदाई बहुत ही कम हुई थी। जवान तन लण्ड का प्यासा था। मुझे रोज चुदते देख कर उसका मन भी मचल उठा। वो रोज छुप छुप कर अब्दुल से मेरी चुदाई देखा करती थी। जब वो गाण्ड मारता था तो भाभी का दिल हलक में अटक जाता था। […]
अगर आप सचमुच में गाण्ड मारना चाहते हो और आप चाहते हो कि लड़की को भी उतना ही मज़ा आए जितना आपको आता है और वो बार बार आपसे गाण्ड मरवाने की चाहत रखे तो आपको मैं सही विधि बताता हूँ। ध्यान से पढ़िए आपकी मनोकामना पूरी होगी…
उसका ज़बर्दस्त लंड थाम मेरी गांड मरवाने की चाहत बढ़ गई। मैंने ख़ुद ही पैन्ट उतार ली। वह मेरी सफ़ेद जाँघों को देख कर बोला- तू तो चोदने की चीज़ है।'
'अभी और चुद ले... अपने पिया तो परदेस में है... सैंया से ठुकवा ले... अभी उनके आने में बहुत महीने हैं...' 'मांऽऽऽ... तुम बहुत... बहुत... बहुत अच्छी हो'... प्यार से मैं मां के गले लग गई।
बाप रे बाप! उसका लौड़ा देख मैं डर गया। बहुत सॉलिड था, मैं मुठ मारने लगा, फ़िर चूसने लगा। मैं बहुत खुश था कि जिस लौड़े की मैं तलाश में था वो आज एक नहीं दो मिले!
मैंने दीदी के नरम गोल चूतड़ों को सहला दिया, सहलाते हुए अपना हाथ दोनों चूतड़ों की दरार में घुसा दिया और फिर उंगली घुसा कर उनकी गांड के छेद को सहलाने लगा।
मैं चुदने को उतावली हो रही थी। मैंने उसके पास आकर उसका लण्ड पकड़ लिया… उसे फिर से अच्छी तरह से देखा… सुपारे की चमड़ी धीरे से ऊपर कर दी… मेरी चूत पानी छोड़ रही थी।