मेरे दोस्त की सेक्सी गर्लफ़्रेन्ड
उसने अचानक मेरे लंड पर अपना हाथ रख दिया और बताने लगी- सौरभ मुझे कभी संतुष्ट नहीं कर पाता ! उसका लंड पतला और छोटा है, मैं तुम्हारे लिए पागल हो गई हूँ, मुझे तुम्हारे शरीर की गठीलापन बहुत आकर्षित करता है।
दोस्त की बीवी की चूत चुदाई की कहानियाँ
Dost Ki Biwi Ki Chut Chudai ki kahaniyan
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उसने अचानक मेरे लंड पर अपना हाथ रख दिया और बताने लगी- सौरभ मुझे कभी संतुष्ट नहीं कर पाता ! उसका लंड पतला और छोटा है, मैं तुम्हारे लिए पागल हो गई हूँ, मुझे तुम्हारे शरीर की गठीलापन बहुत आकर्षित करता है।
मेरी जांघ पर हाथ रखे रखे कार आहिस्ता आहिस्ता सहलाने लगे तो मेरे तन बदन में एक आग सी लग गई। उनका हाथ मेरी चूत के करीब आता और वापस चला जाता, मेरी चूत गीली हो रही थी।
जब मैंने टाइम देखने के लिए फोन उठाया तो पता चला कि मेरा फोन तो चालू ही रह गया था और शायद विनोद ने बात सुन ली है। मैं डर गई, मैंने सुनील को बताया और अपना फोन बंद कर दिया। मैंने कहा- अब क्या होगा होगा सुनील? सुनील- कुछ नहीं उसी ने तो इजाजत […]
विजय अग्रवाल, दिल्ली हम पांच दोस्त हैं, सभी शादीशुदा। मैं विजय और मेरी पत्नी मानसी, गपिल और अंशु, विकास और आरुशी, सजल और मनु, अजय और नीतू। हम सभी के परिवार आपस में दोस्ताना हैं और अक्सर साथ साथ बैठ कर दारू पीते हैं, हमारी बीवियाँ भी दारू पीती हैं। हम लोग साल में एक […]
लेखक : अरुण रात बहुत हो चुकी थी। शेविंग का सामान मैंने दोस्त को संभलवा दिया। वो मेरी बीबी से बोला- आर यू रेडी? उसने अपनी आदत के मुताबिक़ ही उसे जवाब भी पकड़ा दिया- पूरी नंगी तो बैठी हूँ ! और क्या तैयारी करनी है? लो संभालो इसे ! और ऐसा कहते हुए अपने […]
प्रेषक : नवीन सिंह मैंने रात को ही रचित को फोन किया- लाइन साफ़ है, कल का कार्यक्रम तय है भाई ! और फोन सुजाता के कान में लगा दिया। वो बोला- ठीक है भाई, कल देख तू तेरे बीवी को कैसे चोदता हूँ। वो बोलेगी कि मजा आ गया, ऐसा कभी नवीन ने कभी […]
प्रेषक : नवीन सिंह बीच में बात काट कर रचित बोला- अरे क्या बात करता है यार नवीन? सुजाता भाभी का क्या बदन है यार ! क्या चीज है यार वो ! आई लव हर ! भाभी बीच में बात काट कर बोली- यार नवीन भैया, क्यों न हम चारों साथ में सेक्स करें? ये […]
प्रेषक : नवीन सिंह भाभी भी बोली- क्या बात कर रहे हो रचित तुम? वो बोला- यार, अब नाटक मत करो, तुम दोनों को पता है कि क्या हो रहा है और तुम्हें एक दूसरे में रुचि भी है तो फिर क्यों समय ख़राब करते हो? और मेरा हाथ पकड़ कर भाभी के वक्ष पर […]
प्रेषक : नवीन सिंह जो लोग नियमित रूप से अन्तर्वासना साईट पर आते हैं और जो लेखक लेखिकाएँ सच्ची कहानियाँ लिखते हैं, उनको मैं प्रणाम करता हूँ। आज मैं भी आपके सामने एक सच्ची कहानी ले कर आया हूँ। हालाँकि मैं अन्तर्वासना का नियमित पाठक हूँ पर जो मैं कहानी बताने जा रहा हूँ इसको […]
मुख़तार मैं अन्तर्वासना का नियमित पाठक हूँ। यह मेरी पहली कहानी जो मैं आपको बताने जा रहा हूँ जिसे सुन कर झुके हुए लण्ड फिर से खड़े हो जायेंगे और लड़कियों की चूत से नमकीन सा पसीना बाहर आ जायेगा। मैं 22 साल का नौजवान हूँ मेरा कद 5 फीट 6 इंच है और मेरा […]
मैंने नीलम का मुँह हाथ में लेकर उसे प्यार करते हुए पूछा- नीलम, सच बताना! तुम्हें मेरा लंड कैसा लगा और यही पूछने के लिए मैंने राजू को थोड़ी देर के लिए बाहर भेजा है।
तुम जितने प्यार से मुझसे चुदवाओगी उतनी ही राजू की परेशानी कम होगी। मैंने रंडियाँ बहुत चोदी हैं लेकिन तुम्हारी तो बात ही कुछ अलग है। मुझे जबरदस्ती करना पसंद नहीं।
मैंने मुस्कुराते हुए कहा- शैलीन, सच में तुम बहुत खूबसूरत हो! मैंने आज तक तुम्हारे जैसी कभी किसी को नहीं देखा! जी तो चाहता है कि तुम्हें हमेशा के लिए अपना बना लूँ!
मैंने पहले शैलीन की पैंटी उतारी फिर उसकी मैक्सी! मैंने अपने भी पूरे कपड़े उतार दिए। अब हम दोनों पूरी तरह से नंगे 69 की अवस्था में लेट गए, मैंने अपना लण्ड उसके मुँह में डाल दिया!
मेरा दिल जोर-जोर से धड़क रहा था, सही-गलत समझ में नहीं आ रहा था। अगर शैलीन को कोई ऐतराज नहीं है, तो मैं क्यों संत बन रहा हूँ? मैं अभी इसकी जरुरत हूँ, यह मेरी!
शैलीन ने सफ़ेद नाईट हॉट मैक्सी (आधे सीने से ले कर जांघ के ऊपर तक का कपड़ा) पहनी थी जिसके आर-पार सब कुछ दिख रहा था, उसके खुले बाल गीले थे मतलब वो नहा कर आई थी!
मैं रीमा के पास ही सो गया, रीमा पूरी नंगी ही सोई हुई थी। उसकी गांड मेरी तरफ थी, मैं उसे सहला रहा था कि मुझे नींद आ गई। काफ़ी देर के बाद मेरी नींद खुली, रीमा की नंगी गाण्ड देख मैं उसे सहलाने लगा।
मित्रो, मैं अपना परिचय दे दूँ, मेरा नाम गौरव गुप्ता है, उम्र 30 साल, कद 5′ 5″, रंग गोरा और बदन गठीला है और अभी तक मैं कुँवारा हूँ। मैं लखनऊ में एक कंप्यूटर सेन्टर चलाता हूँ, जिसमें मैं और मेरा एक हिस्सेदार है। कंप्यूटर सेन्टर हिस्सेदार के घर के एक कमरे में चलता है। […]
राज ने उसे खींच कर अपने से चिपका लिया और उसके अधर चूसने लगा। वो थोड़ा सा कसमसाई और अपने आप को छुड़ा लिया, अपने होंठों को पोंछती हुई वो मुसकराई।
'दीदी, आप तो मेरी जान हो... कहो ना!' 'मुझे गाण्ड मरवाने का बहुत शौक है... प्लीज!' 'क्या बात है दीदी... गाण्ड और आपकी... सच में मजा आ जायेगा!'