चढ़ती जवानी में सेक्स की चाह- 6
Xxx गांड चुदाई कहानी में पढ़ें कि कैसे मेरे पापा के दोस्त मुझे चोदना चाहते थे. मैं भी अंकल के लंड का मजा लेना चाहती थी. जब अंकल ने मेरे साथ शरारत की तो मैंने उनका साथ दिया.
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Xxx गांड चुदाई कहानी में पढ़ें कि कैसे मेरे पापा के दोस्त मुझे चोदना चाहते थे. मैं भी अंकल के लंड का मजा लेना चाहती थी. जब अंकल ने मेरे साथ शरारत की तो मैंने उनका साथ दिया.
अंकल बेरहमी से मेरी गांड मार रहे थे लेकिन मेरे पापा ये देखकर मुस्कुरा रहे थे। उधर पापा ने भी अंकल की बेटी को कुतिया बना दिया था और उसके गांड में अपना लंड घुसा दिया था.
उसके दोस्त की बेटी थी वो... वो जानती थी कि उनकी उम्र में तीस साल का बड़ा अंतर है लेकिन वो तो अपने अंकल पर तब मर मिटी थी जब वो कमसिन कॉलेज गर्ल थी.
मुझे तो सलोनी की पहली चुदाई की गाथा सुनने में रुचि थी कि कैसे उस के अंकल ने कमसिन सलोनी को गर्म किया होगा और फ़िर कैसे चुदाई शुरू की होगी।
पहले तो मुझे शर्म आई यह पहली बार कोई मर्द मेरी पैंटी उतार रहा था तो मैंने हल्का सा विरोध किया पर अंकल को जैसे कोई फर्क नहीं पड़ा, उन्होंने मेरी पैन्टी पूरी नीचे को सरका कर मेरे पाँव से बाहर निकाल दी।
अंकल ने मेरे चेहरे को अपने हाथों में थाम कर मुझे अपने सीने से लगा लिया, कहने लगे- जान.. मैं तुम्हें किसी तकलीफ़ में नहीं देख सकता.. तुम अब मेरी जान बन गई हो.. मेरी रूह अब तुम्हीं हो..
अंकल ने भी मुझे खूब ज़ोर से अपने से भींच लिया और मेरी कमर और मेरे चूतड़ों पर अपने भारी हाथ फेरने लगे। मैं पहली बार किसी मर्द के इतना क़रीब उस के बाजुओं में सिमटी हुई झड़ी थी।
अंकल मेरे नंगे मम्मों को देख चुके थे.. उससे पहले अपनी उंगलियों से उसके चूचुकों को भी सहला चुके थे.. अपनी मुठ्ठियों में भर कर उसके मज़े ले चुके थे.. तो अब क्या शरमाना..!
मैं ख़यालों में अंकल के सीने लग गई.. उनकी भरी-भरी गुदाज़ छाती के खूब सुर्ख लाल निपल्स को मुँह में लेकर चूसने लगी.. तो अंकल मुझे ज़ोर से अपने से भींचने लगे।
मैंने पूछा- अंकल आपने बताया नहीं कि अपने बेडरूम में आज तक किसी और को क्यों नहीं जाने दिया.. वहाँ ऐसा क्या है? लेकिन मैं तो आपके बेडरूम में जाऊंगी.. उसे देखने के लिए..
अम्मी ने मेरी कुर्ती और सलवार निकाल दी, मेरी बुर को सहलाकर अंकल को दिखाकर बोलीं- देखो जी कितनी चिकनी गुलाबी चूत है.. मेरी रानी बिटिया की.. एकदम कोरी है..
मेरी नंगी चूत भीगी हुई थी, चूत पर एक भी बाल नहीं था.. हल्का सा रोंया ही आया था। मेरी चूत पावरोटी की तरह फूली हुई थी। अंकल ने मेरी चूत को चूसना शुरू कर दिया।
अंकल ने मुझे मुँह के बल बिस्तर पर लिटा लिया और मेरे ऊपर लेट मेरी जालीदार कुर्ती की ज़िप खोल कर मेरी पीठ पर चुम्बन करने लगे। मैं चुपचाप सिसकारियाँ भर रही थी।
अपनी चूत पर मेरे मोटे लंड का एहसास करके मीनाक्षी घबरा रही थी, उसकी घबराहट को दूर करने के लिए मैं मीनाक्षी के ऊपर लेट गया और कभी उसके होंठ तो कभी उसकी चूची को चूसने लगा।
मेरे मुँह से ना जाने कैसे निकल गया- अगर मैं तुम्हें किस करना चाहूँ तो...? पहले तो वो चौंक कर मेरी तरफ देखने लगी और फिर लापरवाह से अंदाज में बोली- कर लेना... किस लेने से क्या होता है..
बहुत ही छोटे छोटे से उसके चूचे, मैंने उसे अपने और पास किया और उसका चूचे अपने मुँह में लेकर चूसे। छोटे छोटे निप्पल, दाल के दाने जैसे, मैंने उन पर काटा
मैंने उसको पुरुष और स्त्री के बीच के सेक्सुयल संबंध के बारे में डीटेल से बताया। वो बड़े ध्यान से मेरी हर बात को सुन रही थी और कॉपी में नोट भी कर रही थी।
सुबह आरती मुझे दूसरी चाय देने आई तो मैंने उसे पास बिठाया और उसके जवाँ बदन का मज़ा लेने लगा। तब हम दोनों में वत्सला की चुदाई की बातें हुईं, पढ़ें इस कहानी में !
पड़ोसन भाभी, जिन्हें मैं चोद चुका था, उनकी बेटी को अभी पहली बार चोद कर उनके घर छोड़ने जा रहा था तो मेरे मन में तरह तरह के विचार उमड़ रहे थे…