भाभी संग मेरी अन्तर्वासना-7
मैं एक हाथ से भाभी के भरे हुए मखमली नितम्बों व जाँघों सहलाने लगा। मेरा साथ मिलते ही भाभी ने मुझे जोर से भींच लिया और जोरों से मेरे होंठों को चूमने-चाटने लगीं.
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मैं एक हाथ से भाभी के भरे हुए मखमली नितम्बों व जाँघों सहलाने लगा। मेरा साथ मिलते ही भाभी ने मुझे जोर से भींच लिया और जोरों से मेरे होंठों को चूमने-चाटने लगीं.
भाभी लेटे-लेटे ही अपने पेटीकोट से मेरी जाँघों व लिंग को पोंछने लगीं। इससे भाभी का पेटीकोट भी ऊपर को हो गया और उनकी नंगी योनि मेरे कूल्हों को छूने लगी।
जैसे ही मैंने भाभी की नंगी योनि को छुआ.. उनके मुख से हल्की सीत्कार फूट पड़ी और स्वतः उनकी दोनों जाँघें एक-दूसरे से चिपक गईं... मगर फिर जल्दी ही वो खुल भी गईं।
भाभी और मेरे बीच दोपहर में जो हुआ था, मैं उसे ही सोच कर अपने आप उत्तेजित हो रहा था, जल्दी से रात होने का इन्तजार कर रहा था। रात हुई तो भाभी ने क्या किया?
भाभी बोली- चल थोड़ा बूबू पी ले, मेरी चूत कई दिन की प्यासी है अपने लंड से इसकी प्यास बुझा। तू मेरी पेंटी सूंघ रहा था तो मैं समझ गई थी तेरी नजर मेरी चूत पर है।
भाभी मेरे साथ खुल गई थी, अब बस मौके की तलाश थी जो जल्दी ही मिल गया। हम दोनों अकेले थे घर में, मैं भाभी के कमरे में सोने गया, भाभी भी थोड़ी देर में आ गई।
भाई की शादी हो गई, भाभी घर आ गईं, भाभी और मैं बहुत मज़ाक करते थे, भाभी की अदाओं के चलते उनके चूचे भी कई बार दिख जाते थे। भाभी की जवानी की फ्री सेक्स कहानी मजा लें!
गांव से चचेरे भाई भाभी हमारे साथ रहने आए। भाभी क्या माल थी, मेरे मन में तो सिर्फ भाभी आ रही थीं। मैंने भाभी को कैसे पटाया बेशर्म होकर… कहानी में पढ़ें।
भाभी मुझसे चुदने के लिए बेकरार थीं, मेरा लंड तो न जाने कबसे उनकी मचलती जवानी को भोगने के लिए तड़फ रहा था। भाभी आधी रात के बाद मेरे कमरे में आईं। मजा लीजिए।
पापा के दोस्त की पुत्रवधू बला की खूबसूरत एकदम कामदेवी सी लगती हैं। वो मुझे सगा देवर मानती थी और मैं भाभी की चूत चोदने के सपने देखता था। मेरा सपना कैसे पूरा हुआ?
मैं पिछले 5 साल से मुठ मार रहा हूँ भाभी के सेक्सी बदन को याद कर कर के! मैं भाभी के बिना नहीं जी सकता, अगर मुझे भाभी ना मिली तो मैं मर जाऊँगा, मुझे बचा लो!
एक बार मैं, मेरे पति और जेठ जी का परिवार किसी पहाड़ी यात्रा पर गए थे। रात को एक हाल में जमीन पर बिस्तर लगा कर सब साथ साथ सोए थे। कहानी में पढ़ें कि उस रात क्या हो गया।
मुझे चूत चुदाने की बहुत चुल्ल थी शादी से पहले, पर डर लगता था। सुहागरात को मैं चूत चुदवाने को उतावली थी, मेरे शौहर आए और मेरी चूत चोद कर चले गए। उनके बाद मेरा देवर आया…
अगर भाई में दम ना हो तो भाभी अपनी अन्तर्वासना, अपनी चूत की आग के लिए सबसे पहले किसकी ओर देखेगी? देवर ही तो! मैं तो अपनी भाभी का पहले से ही दीवाना था। कहानी पढ़ें।
उस दिन मैं और भाभी घर पर अकेले थे, उन्होंने मुझसे कहा- देवर जी, मैं नहाने जा रही हूँ! तो मैंने सोचा कि क्यों ना आज भाभी को नंगी नहाती हुई देखा जाए… कहानी का मज़ा लें।
चूत चुदाई की लम्बी कहानी के इस भाग में मेरे देवर ने मेरी मालिश की, झांटें साफ़ की, मुझे चोदा। फ़िर मैं ससुर के साथ कोलकाता की ट्रेन में बैठी तो मुझे ऑफ़िस में चुदाई याद आ गई।
मैं अपनी मौसी के लड़के से मिलने गया तो भाभी एकदम खुल कर बातें करने लगी। बातों ही बातों में मैंने भाभी का हाथ पकड़ लिया, भाभी ने कुछ नहीं कहा.. तो कहानी का मज़ा लें।
मुझे लगा कि मेरे पति को कोई चूत नहीं मिल रही तो मैंने सोचा कि उन्हें मेहमान लड़की की चूत दिलवाती हूँ। रात में मैंने देखा कि वो मेरे देवर से चुद रही है। कहानी का मज़ा लें।
घर में मेहमान आए तो उनमें से स्कर्ट पहने एक लड़की सोफ़े पर जांघें दिखाती बैठी थी। उसको मैंने अपने देवर से भिड़ाया। रात को वही देवर मेरे पास सोया। कहानी पढ़ कर मज़ा लीजिए।
एक बार मैंने भाभी को कपड़े बदलते हुए देखा.. तब उन्होंने सिर्फ ब्रा और पैन्टी पहनी थी, उनको शायद नहीं पता था कि मैं उन्हें देख रहा हूँ। उस दिन से वो रोज मेरे ख्वाबों में आती थीं।