गाँव की कुसुम और उसकी आपबीती-4
हमारे सेक्स सम्बन्ध काफ़ी दिन चलते रहे। जब उनका बेटा अमेरिका से भारत आया तो उन्होंने मुझे गाँव वापिस भेज दिया और एक दिन मेरी गैर हाजिरी में अपने बेटे का रिश्ता लेकर मेरे मां बाप से मिले।
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हमारे सेक्स सम्बन्ध काफ़ी दिन चलते रहे। जब उनका बेटा अमेरिका से भारत आया तो उन्होंने मुझे गाँव वापिस भेज दिया और एक दिन मेरी गैर हाजिरी में अपने बेटे का रिश्ता लेकर मेरे मां बाप से मिले।
मेरे अंदर की कामनाएँ, अन्तर्वासना जग गई, बदन में चीटियाँ से दौड़ने लगी, होश में मैं नहीं थी, दिल कह रहा था कि उनका लंड मेरी चूत में समा जाये!
गाँव की रहने वाली एक लड़की के जीवन में ऐसा क्या घटित हुआ जो वो अमरीका पहुँच गई और उसकी घटना एक हिन्दी सेक्स कहानी के रूप में अन्तर्वासना के पाठकों को पढ़ने को मिली.
पिछले पार्ट से आगे.. भारती भाभी खुश हो कर बोली- तुम अब पूरे मर्द हो गये हो.. मुझे तुम्हारे बच्चे की माँ बनने में खुशी होगी। हम दोनों हर रोज एक बार जरूर सेक्स किया करेंगे.. ताकि मैं गर्भवती हो जाऊँ। मैंने जवाब दिया- ठीक है भाभी.. हम ऐसे ही रोज करेंगे। भारती भाभी को […]
छोटी भाभी को मैंने चुदाई के लिये कहा तो वो एकदम तैयार हो गई। मैंने उसके चूचे पकड़ लिये और ब्लाऊज खोल कर चूसने लगा। भाभी चुदने को बेचैन हो रही थी।
बड़ी भाभी को लंड चुसवा कर घर आया तो बाकी भाभियों ने दोअर्थी बातें शुरु कर दी। एक भाभी जानबूझ कर मुझे अपने चूचे दिखा रही थी। तभी मैं भाभी के साथ खेतों पर गया।
रसीली भाभी का दूध खत्म हुआ तो रूपा भाभी मेरे सामने नंगी होने लगी. मैंने उनकी चूची भी चूसी, उसमें भी दूध था. कुछ देर बाद भाभी ने कहा कि अभी तेरा मन नहीं भरा!
रसीली भाभी अपना ब्लाउज खोल कर मुझे अपनी चूचियों से दूध पिलाने लगी। फ़िर मैंने भाभी को चूत के दर्शन करवाने को कहा तो भाभी ने अपना पेटिकोट उठा दिया।
मैं अपने गाँव गया तो चाचा की बहुएँ यानि मेरी भाभियाँ मुझसे खूब मज़ाक करने लगी. उनकी बातें द्विअर्थी व अश्लील लग रही थी. जब भाभी मुझे तालाब पर नहाने ले गई तो!
मैं गाँव में नदी पर नहाने गया तो चाची मेरे सामने नंगी हो गई. साथ में एक पड़ोसन लड़की भी थी. घर आकर मुझे मुठ मारनी पड़ी, चाची ने देख लिया तो बोली कि तेरे लिए कुछ इंतजाम करती हूँ.
मामा मुझे अपने घर ले गए क्योंकि घर में उनकी बेटियाँ अकेली रहने वाली थी. वहाँ उनकी एक सहेली भी आ गई और हम सब एक साथ सोये. तो कुछ तो होना ही था!
मैंने नीचे आकर उसकी पैन्टी निकाल दी, उसकी चूत पूरी गीली हो गई थी। मैं उसकी चूत चाटने लगा, मेरा मुँह चूत पर लगते ही वो उछल गई। मैं उसकी चूत में जहाँ तक हो सका.. जीभ डालकर चाटने लगा था। वो काबू से बाहर हो रही थी।
गाँव के जीवन का जायजा लेने मैं रिश्ते में अपने एक चाचा के घर गाँव में गया. वहां चाचा चाची ही थे. चाचा को कुछ दिन के लिए जाना पड़ा. उनके पीछे क्या हुआ, इस कहानी में पढ़िए !
चूत की सील तोड़ने के बाद मैं अब बिल्लो की गांड मारने की तैयारी कर रहा था. उसने मेरा लौड़ा चूस कर तैयार किया और मैंने उसकी गांड में तेल लगा कर लौड़े का सुपारा छेद पे टिकाया.
मैं छुट्टियों में गाँव गया तो एक लड़की पर दिल आ गया। उसे प्यार भरा सन्देशा भेजा तो कहने लगी- शहर में कोई नहीं मिली क्या? फ़िर उसे पटा कर मैंने कैसे चोदा !
लण्ड पूरा तन कर बुर में टाइट से फंसा था। मैं भी बिल्लो के ऊपर लेटा हुआ था और चूचियों को आहिस्ता-आहिस्ता दबा रहा था। कुछ ही देर में बिल्लो ने चाचा को अपनी बाँहों में कस लिया.. तो मैं समझ गया कि फिर से बिल्लो चुदना चाहती है।
गाँव की अलहड़ छोरी सर्दी से बचने को मेरे बिस्तर में आ गई तो लड़की के जवान बदन की तपिश मेरे लौड़े को तपाने लगी। कहानी में पढ़ें कि कैसे वो चुदने को उतावली हुई।
बिल्लो एक नासमझ लड़की है जिसे शारीरिक संपर्क के संबंध में कुछ नहीं पता है। वह मेरे यहाँ घरेलू काम काज के लिये आई हुई है। सर्दी की एक रात वो मेरे बिस्तर में आ गई।
मेरी नौकरानी की 19 साल की बेटी थी, टाइट देसी चुत.. मैं उसे पटाने की सोचने लगा कि कैसे उसे अपने नीचे लिटाया जाए। उसे कुछ ना कुछ देकर पटाया और एक दिन उसे खेत में बुलाया।
मुझे आरती नाम की लड़की बहुत पसंद थी, उसे पाने के लिए पूरे गाँव के लड़कों की नजर उसके घर पर लगी रहती है, मस्ती और वासना का रास्ता उसकी चूत से होकर जाता है।