गांव वाली विधवा भाभी की चुदाई की कहानी-1
मैं गांव गया और चाचा के घर ठहरा, उनकी बहू विधवा थी। एक दिन नहा कर आई, मैंने भाभी को ब्रा पेटिकोट में देख लिया तो मेरी नजर बदल गई। भाभी की चुदाई कैसे हुई।
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मैं गांव गया और चाचा के घर ठहरा, उनकी बहू विधवा थी। एक दिन नहा कर आई, मैंने भाभी को ब्रा पेटिकोट में देख लिया तो मेरी नजर बदल गई। भाभी की चुदाई कैसे हुई।
भाभी ने सुन्दर बच्चे की चाह में मुझे बुलाया था, मैंने अपना एक हाथ भाभी के कन्धों के ऊपर से उनके सीने पर टिका दिया और उनके मम्मों को मसलने लगा।
भाभी बोली- बेटी 3 साल की हो गई है और मैं दूसरे बच्चे के लिए सोच रही हूँ.. इसलिए आपको बुलाया है। यह सुनकर मुझे समझ आया कि भाभी मुझसे चुद कर बच्चा चाहती हैं।
मैं मेट्रो में लेडीज सीट के बगल वाली सीट पर बैठा था कि एक सुन्दर औरत गोद में एक बच्ची को लेकर मेरे साथ बैठी। धीरे-धीरे मैंने भाभी की जांघ को सहलाना शुरू कर दिया।
बदमाश चंचल भाभी ने साड़ी कमर तक उठा कर अपनी जांघें, चूतड़ और चूत नंगी कर दी और कमल की तरफ पीठ करते हुए अपनी टांगें खोल कर उसकी जांघों पर आ गई।
मेरे दोस्त ने एक भाभी का नम्बर दिया और मैं उससे बात करने लगा फ़ोन पर… मैंने मिलने को कहा तो वो मुझे अपने घर ले गई और … आगे चूत चुदाई की बात कहानी में!
कमल की गर्लफ्रेंड सोनी उसके बगल वाले घर में रहती थी, नेहा भाभी उनकी पड़ोसन थी। तीनों का मस्ती वाला गैंग था। ये तीनों मिल कर क्या करते थे, इस कहानी में पढ़ें।
उस दिन भैया भाभी की चुदाई देख कर मैं रात भर सो नहीं पाई, चूत में उंगली डाल कर खुद को शांत किया। अगले दिन रूममेट को बताया, उसने भाभी से बात की।
बुआ के गांव गया तो सामने वाली एक देसी भाभी पर नजर पड़ी, उसे पटाने की कोशिश की पर कुछ नहीं हुआ। एक दिन मैं अकेला था और वो आ गई। चुत चुदाई कहानी का मजा लें।
भाभी घर के बाहर झाड़ू लगा रही थीं तो उनका पल्लू कभी नीचे गिरा और उनके चूचों के बीच की दरार दिखी। उस पड़ओसन भाभी की नंगी चूत को मैंने कैसे चोदा?
मैं समाज सेविका हूँ, समाज सेवा करते-करते मुझे कई बार सेक्स करने का मौका मिला। सेक्स में जो आनन्द है वो और किसी काम में नहीं है। ऐसी ही एक सेक्स कहानी सुना रही हूँ।
मुझे सड़क पर एक मोबाइल गिरा मिला, मैंने आसपास देखा तो एक लड़की कुछ ढूंढ रही थी। उससे पूछा तो उसी का मोबाइल था। उससे दोस्ती हो गई और कुछ दिन बाद ही उसकी चूत...
मैं गांव गया तो पड़ोसी चाचा के घर रुकना पड़ा। चाचा की बहू खाना खिलाने लगी तो उनसे बात हुई और औलाद सुख के लिये वो अपनी बुर चुदवाने के लिये तैयार हो गई।
कहानी गाँव की एक भाभी की है, मुझे एक गाँव की शादी में मिलीं, मन किया कि काश यह माल पट जाए… मैंने उनसे जान पहचान बढ़ाई और हँसी-मजाक में हम दोनों काफी खुल गए।
मैं पड़ोसन भाभी के घर गया था टी वी देखने, वहाँ कोई दिखा नहीं तो मैं टी वी देखने लगा। तभी पूरी नंगी भाभी बाथरूम से निकल कर अचनक मेरे सामने आ गई।
दोनों औरतों ने फ़ौरन अपने कपड़े उतार दिए और अपनी झांटों भरी चूतों की नुमाइश मेरे सामने लगा दी। मैंने हुक्म दिया- अब पीछे मुड़ कर दोनों अपने चूतड़ों के दर्शन करवाओ। उसके बाद एक दूसरी के मम्मों को चूसो।
मेरे पति और उनके दो दोस्तों ने एक साथ हनीमून पर जाने का कार्यक्रम बनाया क्योंकि सबकी शादी कुछ दिनों के अन्तर से हुई थी। हनीमून पर जो गुल खिले, वो आपके सामने पेश कर रही हूँ…
कहानी के इस भाग में कि कैसे भाभी से रिश्ता आगे बढ़ा, कैसे भाभी ने अपनी कुंवारी गांड मुझे चोदने दी, पहले मैंने उंगली घुसा कर गांड के छेद को खुला किया और फ़िर…
भाभी के होंठ पर मैंने अपने होंठ रख दिए। अचानक भाभी ने अपने होंठ खोल दिए और मुझसे कसके किस करने लगी, उनका हाथ नीचे मेरे लंड पर आ गया था.. वो लौड़े को सहला रही थी।
हमारे बगल वाले फ्लैट में नया परिवार आया, भाभी अकेले रहने की वजह से गुस्से में रहती थी। एक दिन वो बाज़ार से आई तो मैं उनका सामान उनके घर में पहुँचाने गया...